उत्तर प्रदेश

Uttar Pradesh: महाकुंभ मेला जिले का गठन, 121 दिनों के लिए नया प्रशासनिक कदम

Uttar Pradesh राज्य में कुंभ और महाकुंभ मेले के आयोजन के लिए एक अलग जिला बनाए जाने की परंपरा है, जो शायद पूरे भारत में कहीं और नहीं है। इस बार भी सरकार ने महाकुंभ मेले के आयोजन के लिए राज्य का 76वां जिला बनाया है, जो केवल मेले के आयोजन तक सीमित रहेगा। यह नया जिला 1 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक सक्रिय रहेगा, यानी केवल 121 दिनों के लिए। आइए जानते हैं कि क्यों यह जिला केवल इतने कम समय के लिए बनेगा और इस जिले के DM कौन हैं?

महाकुंभ मेला जिले का गठन

उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेला के आयोजन के लिए एक नया जिला बनाने की घोषणा की है। यह जिला केवल महाकुंभ मेले के आयोजन की अवधि तक ही अस्तित्व में रहेगा। इसके तहत, प्रयागराज जिले के 66 गांवों को शामिल किया गया है, जो चार तहसीलों – सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा, पूरा परेड मैदान भी इस नए जिले का हिस्सा बनेगा। इस कदम का उद्देश्य मेले के दौरान प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से संभालने और आयोजन को व्यवस्थित रूप से लागू करने के लिए है।

Uttar Pradesh: महाकुंभ मेला जिले का गठन, 121 दिनों के लिए नया प्रशासनिक कदम

DM विजय किरन आनंद की नियुक्ति

महाकुंभ मेला जिले के गठन के साथ ही प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्धारण भी किया गया है। इस नए जिले के लिए मेला अधिकारी विजय किरन आनंद को जिलाधिकारी (DM) के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी को भी इस जिले में कुंभ मेला पुलिस व्यवस्था के लिए नियुक्त किया गया है। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद को इस जिले में कार्यकारी मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी और अतिरिक्त जिलाधिकारी के सभी अधिकार दिए गए हैं, ताकि मेले के आयोजन के दौरान प्रशासनिक कार्यों में किसी भी तरह की कोई बाधा न आए।

महाकुंभ मेला जिले की प्रशासनिक संरचना

महाकुंभ मेला जिले की संरचना भी बहुत व्यापक होगी, ताकि मेले के आयोजन को सुचारू रूप से किया जा सके। इस जिले में कुल 56 पुलिस थाना, 155 पुलिस पोस्ट, एक साइबर सेल पुलिस स्टेशन, एक महिला थाना और तीन जल पुलिस स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, जिले में तीन अतिरिक्त जिलाधिकारी, 28 उप जिलाधिकारी, एक तहसीलदार और 24 नायब तहसीलदार भी तैनात किए जाएंगे।

मेले के आयोजन के लिए प्रशासनिक तैयारी

महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा। इस मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, और प्रशासन को इसके सफल आयोजन के लिए व्यापक तैयारियों की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा पहले ही इस आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने इस मेले के लिए विभिन्न योजनाओं और उपायों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन तैयारियों में रोड, परिवहन, सुरक्षा, पानी, शौचालय, मेडिकल सुविधा, जल आपूर्ति, और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण शामिल है।

प्रशासन की जिम्मेदारियां

महाकुंभ मेले का आयोजन इतना बड़ा होता है कि इसके प्रशासनिक स्तर पर बहुत सारे निर्णय लेने पड़ते हैं। नए जिले के गठन से प्रशासन को राहत मिलेगी और मेले के दौरान विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बेहतर तरीके से हो सकेगा। मेला अधिकारी को जिलाधिकारी के रूप में पूरे प्रशासन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे वह सभी विभागों के कार्यों को एकीकृत कर सकेंगे और मेले के आयोजन के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं होगी।

विजय किरन आनंद ने कहा कि इस मेले के दौरान सबसे ज्यादा ध्यान सुरक्षा व्यवस्था पर दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की है। इसके अलावा, श्रदालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और उनके आगमन-जाने के लिए सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था भी बनाई जाएगी। इसके साथ ही, प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि मेले के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कार्यों को संपन्न कर सकें।

महाकुंभ मेला जिले का उद्देश्य

महाकुंभ मेला जिले का गठन केवल प्रशासनिक मदद के लिए नहीं किया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य मेले के आयोजन को और भी अधिक व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित करना है। जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एक जगह आते हैं, तो आवश्यक होता है कि प्रशासन उनका स्वागत और समुचित देखभाल कर सके। इस नए जिले के गठन से प्रशासन को इस चुनौती का सामना करने में मदद मिलेगी, और सभी सुविधाओं का बेहतर तरीके से वितरण किया जा सकेगा।

इस बार महाकुंभ मेले की तैयारियों के लिए सरकार ने पहले से ही अपनी योजना बना ली है, और प्रशासन को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं। मेला अधिकारी के नेतृत्व में एक समर्पित टीम काम कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेले के दौरान किसी प्रकार की कोई व्यवधान न हो।

महाकुंभ मेला जिले का गठन उत्तर प्रदेश सरकार की एक दूरदर्शी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य महाकुंभ मेले के दौरान प्रशासनिक कार्यों को व्यवस्थित और सुचारू रूप से चलाना है। इस जिले की स्थापना से न केवल प्रशासन को मदद मिलेगी, बल्कि यह एक संदेश भी देता है कि सरकार धार्मिक आयोजनों की सफलता के लिए हर संभव प्रयास करती है। विजय किरन आनंद की नियुक्ति और पुलिस अधिकारी राजेश द्विवेदी की नियुक्ति से यह साफ होता है कि प्रशासन ने मेले के आयोजन के लिए पूरी तरह से तैयारियां कर ली हैं। अब बस यह देखना बाकी है कि आगामी महाकुंभ मेला कितनी सफलता के साथ आयोजित होता है, लेकिन जो तैयारियां और व्यवस्थाएं दिखाई दे रही हैं, वह निश्चित रूप से इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

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