उत्तर प्रदेश में 54 बस स्टेशनों का निर्माण होगा एयरपोर्ट की तरह, यात्रियों को मिलेंगी ये खास सुविधाएँ

उत्तर प्रदेश के सड़क परिवहन विभाग ने राज्य के रोडवेज बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों को आधुनिक सुविधाएँ देने के लिए विशेष तैयारियाँ की हैं। इसके तहत राजधानी लखनऊ के काइसराबाग और जानकीपुरम सहित 54 बस स्टेशनों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इन बस स्टेशनों पर यात्रियों के लिए वर्ल्ड क्लास सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। इन बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर किया जाएगा।
पहले चरण में 23 बस स्टेशनों का नवीनीकरण
इस योजना के तहत पहले चरण में 23 बस स्टेशनों का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इन स्टेशनों पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। इन सुविधाओं में यात्रियों की सुरक्षा, आराम और स्वच्छता के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की जाएंगी। इसके लिए एक योजना तैयार की गई है, जिसे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सामने रखा गया है। रिपोर्ट को जल्द ही सरकार के पास भेजे जाने की उम्मीद है। सरकार की मंजूरी के बाद इस कार्य की शुरुआत होगी।
यात्रियों को मिलेंगी विश्वस्तरीय सुविधाएँ
इन 54 बस स्टेशनों में यात्रियों को आधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी। इन स्टेशनों पर गेस्ट हाउस, डॉर्मिटरी, पार्किंग, फूड कोर्ट और साफ-सुथरे शौचालय जैसे सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही खाद्य दुकानों की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि यात्रियों को सुविधाजनक तरीके से भोजन उपलब्ध हो सके।
इन बस स्टेशनों का होगा पुनर्निर्माण
इस योजना में शामिल 54 बस स्टेशनों की सूची में खुरजा, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, नठौर, लोनी, नोएडा, गढ़, हाथरस, एटा, फाउंड्री नगर, फिरोजाबाद, रामपुर, गोला, झांसी, बदायूं, मुरादाबाद, शिकोहाबाद, भिंगा, गोंडा, गौरी बाजार, बलरामपुर, देवरिया, नीचलाुल, सौनौली, अयोध्या, अकबरपुर, मछलीशहर, रसरा, रुद्रपुर, बेलथारा रोड, पीलीभीत, रॉबर्ट्सगंज, विंध्याचल, काशी, तरवां, चुरुक, ओबरा, कुंडा, रावतपुर, अमेठी, उन्नाव, माती, हरदोई, नैमिषारण्य, सिंधौली, जानकीपुरम, काइसराबाग, बादशाहपुर, जगदीशपुर, जौनपुर और बस्ती शामिल हैं।
प्रमुख लाभ और रोजगार के अवसर
यह योजना उत्तर प्रदेश के परिवहन तंत्र को सुधारने के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी। प्रतिवर्ष 5.8 करोड़ यात्री यूपी रोडवेज बसों से यात्रा करते हैं। इसके लिए रोजाना 12,500 रोडवेज बसें चलती हैं, जो यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाती हैं। इस परियोजना को पूरा होने में लगभग दो साल का समय लगेगा। जबकि, व्यावसायिक परिसरों और अन्य निर्माण कार्यों के लिए सात साल का समय निर्धारित किया गया है।
उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा की गई इस योजना से राज्य के 54 प्रमुख बस स्टेशनों को एक नई पहचान मिलेगी। इन स्टेशनों पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएँ मिलेंगी, जिससे उनका यात्रा अनुभव बेहतर होगा। साथ ही, इस परियोजना से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।