इस्कॉन के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर युधिष्ठिर गोविंद दास का बयान, बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षा पर खतरे की आशंका

भारत में आईएस्कॉन के संचार निदेशक युधिष्ठिर गोविंदा दास ने गुरुवार को बांग्लादेश में प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की और इसे वहां के उग्रवादी तत्वों की लंबे समय से चल रही गतिविधियों से जोड़ते हुए इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रभु चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों की सुरक्षा के लिए लंबे समय से प्रयासरत रहे हैं।
बांग्लादेश में उग्रवादी तत्वों की बढ़ती गतिविधियाँ
युधिष्ठिर ने कहा, “चिन्मय कृष्ण दास जैसे अन्य हिंदू संगठन बांग्लादेश में शांति पूर्वक यह मांग करते रहे हैं कि हिंदुओं और उनके मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बांग्लादेश में उग्रवादी तत्वों की गतिविधियाँ लंबे समय से जारी हैं। नोआखाली में कई मंदिरों पर हमले हुए हैं और दो लोग मारे गए। हाल ही में, मेहरपुर में हमारे एक केंद्र पर भी हमला हुआ था। हम बांग्लादेश की स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारों को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराने का प्रयास कर रहे हैं।”
आचार्य सत्येन्द्र दास का बयान
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, “इनका एकमात्र उद्देश्य हिंदुओं और हिंदू संगठनों को किसी न किसी रूप में परेशान करना है। ऐसी स्थिति में हमारी सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। आईएस्कॉन में साधु-संत और अच्छे विचारधारा वाले लोग हैं। वहां हिंदुओं को विभाजित करने के लिए ऐसी साजिशें रची जा रही हैं। जब तक सरकार हस्तक्षेप नहीं करती, हिंदुओं की स्थिति वहां खराब होती जाएगी।”
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की राजनीतिक दृषटिकोन
सबरिमला कर्म समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसजेआर कुमार ने कहा, “बांग्लादेश में हो रही घटनाओं से यह स्पष्ट है कि उनका उद्देश्य शेख हसीना को सत्ता से हटाना नहीं है, बल्कि हिंदुओं को निशाना बनाना है। पहले उन्होंने हिंदुओं का ख्याल रखने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना वादा तोड़ दिया।”
बांग्लादेश से घुसपैठियों को वापस भेजने की मांग
भा.ज.पा. के सांसद और कर्नाटका के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले सहन नहीं किए जा सकते। उन्होंने केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई करने की अपील की और सीमा को सील करने, भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचानने और उन्हें वापस भेजने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से भी हस्तक्षेप करने की अपील की, ताकि हिंदुओं पर हमले रुक सकें। उन्होंने बांग्लादेश सरकार पर पूरे समाज को ध्रुवीकृत करने और बांग्लादेश को एक इस्लामिक देश में बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी का बयान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहतीं क्योंकि यह एक विदेशी मामले से संबंधित है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केंद्रीय सरकार का है और राज्य सरकार केंद्र के निर्णय का पालन करेगी। ममता ने कहा कि उनकी पार्टी और सरकार का रुख यही है कि जब अन्य देशों की बात होती है, तो वह केंद्रीय सरकार के साथ खड़ी होती हैं।
हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन
कोलकाता में हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ और चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन किया। बंगिया हिंदू जागरण मंच के आह्वान पर हिंदू संगठनों ने यह प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त के कार्यालय तक निकाला गया। प्रदर्शन में विभिन्न मठों और मिशनों के साधु-संतों ने भाग लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। आयोजकों ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तुरंत नहीं रुकते, तो बंगाल के हिंदू एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हमले और आईएस्कॉन के मंदिरों को निशाना बनाए जाने की घटनाएँ चिंताजनक हैं। भारतीय नेताओं और हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश की सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, वहीं केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप की अपील की गई है। इस पूरे मामले ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।