उत्तर प्रदेश

Uttar Pradesh: योगी सरकार की सख्ती, संभल  में बिजली चोरी के 1250 मामले दर्ज, 5 करोड़ 20 लाख का जुर्माना

Uttar Pradesh के संभल  जिले में बिजली चोरी के खिलाफ योगी सरकार की सख्त कार्रवाई जारी है। पिछले तीन महीनों में यहां पुलिस ने बिजली चोरी के 1250 एफआईआर दर्ज किए हैं। इस दौरान कुल 5 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह अभियान और तेज हुआ है, खासकर तब जब पिछले दो दिनों में 90 और एफआईआर दर्ज की गईं, जिसमें चार मस्जिदों और एक मदरसे से बिजली चोरी पकड़ी गई है। इन मामलों में करीब 1 करोड़ 75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बिजली चोरी की कहानी: मस्जिदों और मदरसों से जुड़े मामले

संभल  में बिजली चोरी के कई मामलों में मस्जिदों और मदरसों का नाम सामने आया है। इस मुद्दे ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए और एक अभियान की शुरुआत की गई। पिछले कुछ महीनों में, स्थानीय प्रशासन ने कई मस्जिदों और मदरसों में बिजली चोरी की घटनाओं का पर्दाफाश किया है। इन घटनाओं के बाद पुलिस और प्रशासन ने बिजली चोरी के खिलाफ अभियान को तेज़ कर दिया।

Uttar Pradesh: योगी सरकार की सख्ती, संभल  में बिजली चोरी के 1250 मामले दर्ज, 5 करोड़ 20 लाख का जुर्माना

संभल  में बिजली चोरी के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई

संभल  जिले में बिजली चोरी की घटनाओं को लेकर जिला मजिस्ट्रेट (DM) डॉ. राजेंद्र पेंशिया और पुलिस अधीक्षक (SP) ने मिलकर अभियान चलाया। हाल ही में, दोनों अधिकारियों ने 5 बजे सुबह इलाके का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें नकासा और दीपसराई इलाके में बिजली चोरी की कई घटनाओं का पता चला। इस छापेमारी में एक मस्जिद से बिजली चोरी के उपकरण बरामद किए गए, जिसके बाद और भी घरों में चोरी का खुलासा हुआ।

संभल  के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. पेंशिया ने बताया कि करीब 150-200 घरों से बिजली चोरी पकड़ी गई है। उन्होंने कहा कि अब यह अभियान इस हद तक बढ़ाया जाएगा कि जिले में कहीं भी बिजली चोरी न हो सके। डॉ. पेंशिया ने कहा कि इस अभियान के तहत अब तक 1250 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और सभी दोषियों से जुर्माना वसूला जाएगा।

इलेक्ट्रिक हुकिंग और चोरी के उपकरणों का खुलासा

संभल  के प्रशासन ने बताया कि 5-6 मस्जिदों और करीब 150-200 घरों में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की घटनाएं पकड़ी गई हैं। विशेषकर नकासा और दीपसराई इलाके में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक हुकिंग और चोरी के उपकरण पाए गए। इन उपकरणों का उपयोग करके बिजली चोरी की जा रही थी। प्रशासन ने इन चोरी के उपकरणों को जब्त कर लिया और अब दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस और प्रशासन का संकल्प

संभल  जिले के डीएम और एसपी ने इस अभियान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर बिजली चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनसे वसूली भी की जाएगी। एसपी ने बताया कि पुलिस ने अब तक 1250 एफआईआर दर्ज की हैं और इन मामलों की जांच की जा रही है। जुर्माना भी लगाया गया है, जिससे यह संदेश जाता है कि सरकार बिजली चोरी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

आगे की योजना और प्रशासनिक कार्रवाई

इस मामले में प्रशासन का कहना है कि बिजली चोरी के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा। अब तक 5 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है और जुर्माने की राशि में और भी वृद्धि हो सकती है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि अब तक जो लोग पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, जो लोग भविष्य में बिजली चोरी करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी सजा और जुर्माना लगाया जाएगा।

बिजली चोरी का सामाजिक और आर्थिक असर

बिजली चोरी केवल एक कानूनी अपराध नहीं है, बल्कि इसका गहरा सामाजिक और आर्थिक असर भी पड़ता है। बिजली चोरी से राज्य सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व की हानि होती है। यह न केवल राज्य के विकास में रुकावट डालता है, बल्कि बिजली की आपूर्ति को भी प्रभावित करता है। वहीं, बिजली चोरी से आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि चोरी के कारण बिजली की सप्लाई में व्यवधान आ सकता है।

संभल  में अभियान का असर और समाज की जिम्मेदारी

संभल  जिले में इस अभियान को लेकर अब तक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। हालांकि, कुछ लोग इसे प्रशासन की सख्ती के रूप में देख रहे हैं, लेकिन अधिकांश लोग इसे सही कदम मान रहे हैं। यह अभियान समाज को यह संदेश देता है कि सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग करना सही नहीं है। समाज को यह समझना होगा कि बिजली चोरी जैसे अपराधों को रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

संभल  में बिजली चोरी के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान योगी सरकार के सख्त दृष्टिकोण को दर्शाता है। प्रशासन और पुलिस की कड़ी कार्रवाई के बाद 1250 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 5 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस अभियान के तहत दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज़ की गई है। अब यह देखना होगा कि यह अभियान अन्य जिलों में कैसे फैलता है और समाज में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।

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