उत्तर प्रदेश

UP by-election में BJP की जीत, केशव मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी की तारीफ की

उत्तर प्रदेश के 2024 के उपचुनाव में भाजपा और उसके गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है। 9 में से 7 सीटों पर विजय प्राप्त करके भाजपा ने एक बार फिर अपनी सत्ता का परचम लहराया, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को केवल 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। भाजपा ने सपा से दो सीटें छीन लीं, जिसके बाद प्रदेश के राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी और उनके नेतृत्व की सराहना की।

केशव मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी की जमकर सराहना की

उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भाजपा की जीत पर खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने योगी को ‘क्रांतिकारी मुख्यमंत्री’ करार दिया और कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश को विकास और सुरक्षा के नए आयाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि “हमने कटहरी में कमल खिलाया, अब करहल में भी कमल खिलेगा। आज कमल नहीं खिला, लेकिन 2027 में वहां भी कमल खिलेगा। जनता का आशीर्वाद भाजपा को अभूतपूर्व रूप से मिला है।”

केशव मौर्य ने यह भी कहा कि जो लोग 2027 को सेमी-फाइनल कह रहे थे, वे पूरी तरह से हार गए हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि “सपा ने जो फर्जी पीडीए (परिवार विकास एजेंसी) चलाई थी, वह पूरी तरह से नष्ट हो गई है।”

ब्रजेश पाठक का बयान

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भाजपा की जीत को प्रदेशवासियों का विश्वास जीतने की जीत बताया। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘गरीब कल्याण योजना’ को जनता तक पहुंचाने में सफलता हासिल की है। यह उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की जीत है।”

सीएम योगी का प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “आज सपना सच हो गया है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत को मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है। उत्तर प्रदेश से सात और कमल पीएम मोदी को समर्पित हैं। जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को आशीर्वाद दिया है। अब राज्य में झूठ और लूट की राजनीति का अंत हो चुका है।”

UP by-election में BJP की जीत, केशव मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी की तारीफ की

सीएम योगी ने इस जीत को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास, अच्छे शासन और राष्ट्रवाद की जीत बताया। उन्होंने कहा, “यह अराजकता, भ्रष्टाचार और विभाजन की राजनीति की हार है।” उन्होंने जनता का आभार जताते हुए कहा कि “मेरेापुर, गाज़ियाबाद, कुंदरकी, खैर, कटहरी, मझवा और फूलपुर की जनता का आशीर्वाद मिला है। अब डबल इंजन सरकार और भी मजबूत हो गई है।”

बीजेपी की सफलता का राज

भाजपा की यह जीत उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार हो रहे विकास कार्यों का परिणाम है। योगी सरकार ने राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत किया, विकास परियोजनाओं की गति तेज की और ‘उत्तर प्रदेश 2.0’ के रूप में एक नए उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को आकार दिया।

इसके अलावा, भाजपा की सामाजिक योजनाओं ने जनता के बीच अपनी गहरी पकड़ बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘गरीब कल्याण योजना’ ने गरीबों और जरूरतमंदों के बीच भाजपा की छवि को और भी मजबूत किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी की मजबूत प्रशासनिक नीतियों ने जनता का भरोसा जीता है।

सपा का रुख और विपक्षी प्रतिक्रिया

हालांकि भाजपा की जीत से खुश भाजपा नेताओं के बीच उत्साह का माहौल है, वहीं सपा इस नतीजे से नाखुश नजर आ रही है। सपा ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और कहा कि अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होता तो परिणाम कुछ और होते। सपा ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया और जनता को वोट देने से रोका।

सपा के नेता और कार्यकर्ता यह भी कह रहे हैं कि इस जीत को किसी न किसी तरह से प्रभावित किया गया है और पार्टी अब इस चुनाव परिणाम को कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

भविष्य की दिशा

भाजपा की इस जीत ने उत्तर प्रदेश में आगामी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए नए समीकरणों को जन्म दिया है। भाजपा ने इस जीत से यह संदेश दिया है कि उसका जनाधार मजबूत है और प्रदेश में उसकी पकड़ अब और भी मजबूत हो गई है। वहीं, सपा और अन्य विपक्षी दल अब 2027 में भाजपा को चुनौती देने के लिए अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करेंगे।

उत्तर प्रदेश उपचुनाव के परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा राज्य में अपनी पकड़ को और मजबूत कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को लेकर जनता का विश्वास मजबूत हुआ है। इस जीत के साथ भाजपा का उत्साह और बढ़ा है, जबकि विपक्षी दलों के लिए यह चुनौती बनकर उभरी है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक माहौल और भी रोचक हो सकता है।

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