उत्तर प्रदेश

सपा का बड़ा कदम: कुंदरकी उपचुनाव के नतीजों को कोर्ट में देगी चुनौती

उत्तर प्रदेश में हाल ही में कूंडरकी सीट पर हुए उपचुनाव को लेकर राजनीति गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस सीट पर बड़ी बढ़त बनाई है, जिसके बाद उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। लेकिन समाजवादी पार्टी (SP) इस परिणाम से असंतुष्ट है और आरोप लगा रही है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर फिर से चुनाव कराने की मांग की है और इस मुद्दे पर अब अदालत जाने का मन बना लिया है। आइए, जानते हैं कूंडरकी उपचुनाव से जुड़ी पूरी कहानी और समाजवादी पार्टी के आरोपों के बारे में।

कूंडरकी सीट पर भाजपा की बढ़त

कूंडरकी सीट, जो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्थित है, में भाजपा ने जबरदस्त बढ़त बनाई है। उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार थकुर रामवीर सिंह ने अपनी प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी रिजवान को हराया। भाजपा की इस जीत के बाद कूंडरकी सीट पर उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। भाजपा के लिए यह जीत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे राज्य में उनकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता के तौर पर देखा जा रहा है।

समाजवादी पार्टी का आरोप: चुनाव में हुई धांधली

समाजवादी पार्टी ने कूंडरकी उपचुनाव के दौरान हुए कथित धांधली और हिंसा के आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि इस चुनाव में पुलिस और सरकार का दखल था, और कई जगहों पर लोगों को वोट डालने से रोका गया। समाजवादी पार्टी का दावा है कि यदि चुनाव निष्पक्ष रूप से होते, तो वे आसानी से जीत जाते। इस आरोप के मुताबिक, कूंडरकी में भाजपा के समर्थकों ने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित किया।

समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनके समर्थकों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हाजी रिजवान को भी पुलिस बैरिकेडिंग को हटाने के लिए अपनी टीम के साथ खुद मैदान में उतरना पड़ा। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान कूंडरकी सीट पर भारी हंगामा हुआ था, जिसका असर वोटिंग प्रक्रिया पर पड़ा।

समाजवादी पार्टी का अदालत जाने का निर्णय

समाजवादी पार्टी ने कूंडरकी सीट के परिणाम को अदालत में चुनौती देने का निर्णय लिया है। पार्टी का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं, जिनमें वीडियो फुटेज और गवाह शामिल हैं, जो चुनाव में धांधली के आरोपों को साबित कर सकते हैं। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है और इसके बाद ही आगे की रणनीति तय करेगी।

सपा का बड़ा कदम: कुंदरकी उपचुनाव के नतीजों को कोर्ट में देगी चुनौती

समाजवादी पार्टी का दावा है कि अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते, तो उनकी पार्टी आसानी से जीत सकती थी, लेकिन भाजपा और सरकार ने मिलकर चुनाव को प्रभावित किया। पार्टी ने यह भी कहा है कि कूंडरकी उपचुनाव में उनके समर्थकों को वोट डालने से रोका गया, जिससे उनके पक्ष में भारी वोटिंग नहीं हो पाई।

समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया: महाराष्ट्र चुनाव

समाजवादी पार्टी ने कूंडरकी सीट के परिणाम के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने कहा कि वह महाराष्ट्र में 22 से 25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन के कारण वह इसे नहीं कर पाई। समाजवादी पार्टी ने बताया कि उसने सात सीटों पर चुनाव लड़ा, और वर्तमान में दो सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है। पार्टी ने गठबंधन को लेकर अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की बात भी की है, ताकि भविष्य में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकें।

भाजपा का बयान: कूंडरकी में हिंदू-मुस्लिम एकता

भाजपा ने कूंडरकी उपचुनाव के परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताया है। भाजपा यूपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष कुँवर बसीत अली ने कूंडरकी सीट पर भाजपा की जीत को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “हिंदू-मुस्लिम एक साथ आए और कूंडरकी में कमल खिलाया। कूंडरकी विधानसभा उपचुनाव के भाजपा उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह की जीत पर दिल से बधाई और शुभकामनाएं। मैं सभी अल्पसंख्यक मतदाताओं और समर्पित कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूँ।”

इस बयान के जरिए भाजपा ने अपनी जीत को पूरी तरह से एक सकारात्मक संकेत के रूप में पेश किया है और दावा किया है कि उनके प्रयासों से क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम एकता स्थापित हुई है। भाजपा के इस बयान को समाजवादी पार्टी ने आलोचना करते हुए कहा कि यह केवल वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है और वास्तविकता इससे अलग है।

समाजवादी पार्टी के लिए आगे का रास्ता

समाजवादी पार्टी के लिए कूंडरकी सीट पर आने वाली कानूनी चुनौती महत्वपूर्ण होगी। अगर पार्टी अदालत में अपने आरोपों को सही साबित करने में सफल होती है, तो कूंडरकी सीट पर फिर से चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और यूपी में आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना होगा। पार्टी को अपने समर्थकों की भावनाओं और चुनावी आस्थाओं को फिर से मजबूत करना होगा, ताकि वह आगामी चुनावों में अच्छे परिणाम हासिल कर सके।

कूंडरकी सीट पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच जारी राजनीति की हलचल ने एक नया मोड़ लिया है। समाजवादी पार्टी के आरोपों के बाद इस सीट पर फिर से चुनाव की संभावना बढ़ गई है, जबकि भाजपा अपनी जीत को अपनी ताकत और जनता का समर्थन मान रही है। अब देखना यह होगा कि समाजवादी पार्टी की कानूनी लड़ाई कितनी सफल होती है और इस मुद्दे पर अदालत क्या फैसला देती है। इस मामले ने यूपी की राजनीति में एक नया विवाद और चर्चा का माहौल बना दिया है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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