उत्तर प्रदेश

Sisamau Bypoll 2024: SP बैठक में विधायक और जिला अध्यक्ष के बीच हुई तीखी बहस

उत्तर प्रदेश के सिसामाऊ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में चल रहे अंतर्विरोध एक बार फिर खुलकर सामने आ गए हैं। सपा की एक बैठक में दो विधायकों, अमिताभ बाजपेई और मोहम्मद हसन रुमी, ने पार्टी के जिला अध्यक्ष फज़ल महमूद के साथ खुली बहस की। यह बैठक सपा की चुनावी रणनीति बनाने के लिए आयोजित की गई थी, लेकिन इस बैठक में गर्मागर्मी इतनी बढ़ गई कि यह एक राजनीतिक बवाल में बदल गई।

राजनीतिक असहमतियां

बैठक के दौरान, सपा के नेताओं के बीच तीखी बहस होने लगी। एक ओर विधायक अमिताभ बाजपेई और हसन रुमी थे, जबकि दूसरी ओर जिला अध्यक्ष फज़ल महमूद मोर्चा संभाले हुए थे। दोनों पक्षों के बीच एक-दूसरे पर तंज और आरोप लगाते हुए गहमागहमी देखने को मिली। इस दौरान सपा की उम्मीदवार नसीम सोलंकी के साथ ही कई सांसद और विधायक भी उपस्थित थे, लेकिन वे सब इस सियासी नाटक को बस दर्शक की तरह देख रहे थे।

सपा में चल रहा विवाद

कानपुर में सपा के भीतर लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं। कभी जिला अध्यक्ष के समर्थक कुछ कहते हैं, तो कभी विधायक अमिताभ बाजपेई और हसन रुमी अपने विचार रखते हैं। इस बीच, विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम को सिसामाऊ सीट से सपा का उम्मीदवार बनाया गया है। परंतु, सपा के कार्यकर्ता अपनी प्रतिष्ठा को लेकर ज्यादा चिंतित नजर आ रहे हैं, न कि चुनाव जीतने को लेकर।

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बैठक में विवाद का कारण

सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल शुक्रवार को सिसामाऊ सीट पर उपचुनाव की रणनीति बनाने के लिए पहुंचे थे। लेकिन इस कार्यक्रम में एक साधारण तस्वीर ने विवाद खड़ा कर दिया। कार्यक्रम में दोनों विधायकों की तस्वीरें नहीं थीं। शुरुआत में इस मुद्दे को अनदेखा किया गया, लेकिन जब मंच पर माइक्रोफोन पर बोलने का मौका मिला, तो जिला अध्यक्ष फज़ल महमूद और विधायकों के बीच बहस छिड़ गई। यह बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों के बीच गुस्से का इजहार हुआ।

तस्वीरों में कैद हुआ विवाद

सपा के भीतर चल रहे इस विवाद के कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। हालांकि, विधायक अमिताभ बाजपेई ने इस लड़ाई को महज एक मतभेद बताया और कहा कि सभी एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कुछ बातें गलती से मुंह से निकल जाती हैं। दूसरी ओर, जिला अध्यक्ष ने भी पूरे मामले को शांत करने की कोशिश की और कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सबसे ऊपर हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ समझने में गलती हुई थी, लेकिन अब सब ठीक है।

पार्टी में छाया संकट

हालांकि सपा के नेता यह कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है, लेकिन अगर इस विवाद को सुलझाया नहीं गया, तो पार्टी के भीतर यह मतभेद उपचुनाव में सपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। खासकर जब सिसामाऊ सीट पर चुनावी बिसात बिछाई जा रही है। सपा को अपने भीतर की इस लड़ाई को खत्म करना होगा, अन्यथा इसका असर चुनावी परिणामों पर भी पड़ सकता है।

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