उत्तर प्रदेश

संभल विवाद: CM योगी और सपा सांसद आमने-सामने, बयानबाजी से गरमाई राजनीति

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संभल को लेकर दिए गए बयान के बाद विवाद शुरू हो गया है। संभल की मस्जिद विवाद के बीच सीएम योगी ने कहा कि संभल का उल्लेख 5000 साल पुराने ग्रंथों में है और यह स्थान इस्लाम से पहले का है। उन्होंने यह भी कहा कि 1526 में संभल में भगवान विष्णु का मंदिर तोड़ा गया था, और दो साल बाद 1528 में अयोध्या में राम मंदिर भी ध्वस्त कर दिया गया।

अब इस बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर रहमान बरक ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि संभल पर किसी का कब्जा नहीं हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री को यह सब समझाने वाला कौन है, इस पर संदेह है। उन्होंने यह भी कहा कि संभल में पिछले 30 वर्षों में कोई दंगा नहीं हुआ है। उन्होंने राज्य और देश की तरक्की पर ध्यान देने की जरूरत बताई।

संभल विवाद पर CM योगी का बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में धार्मिक स्थलों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संभल का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है और यह स्थान हिंदू आस्था का केंद्र रहा है।

सीएम योगी ने कहा:

  • 1526 में संभल में भगवान विष्णु के मंदिर को ध्वस्त किया गया।
  • 1528 में अयोध्या में राम मंदिर को भी गिरा दिया गया।
  • संभल की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को खत्म करने का प्रयास किया गया।
  • अब समय आ गया है कि हम अपनी विरासत को फिर से संजोएं और पहचान को पुनर्जीवित करें।

उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई और समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया।

सपा सांसद जियाउर रहमान बरक का पलटवार

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर रहमान बरक ने सीएम योगी के बयान का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि संभल किसी के कब्जे में नहीं गया है और यहां कोई विवाद नहीं है।

उनके बयान के मुख्य बिंदु:

  • संभल में किसी का कब्जा नहीं है, यह जगह सभी की है।
  • मुख्यमंत्री को गलत जानकारी दी जा रही है।
  • संभल में पिछले 30 वर्षों से कोई दंगा नहीं हुआ है।
  • हमें राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश और देश की तरक्की पर ध्यान देना चाहिए।

बरक ने सीएम योगी के बयान को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि इस तरह के बयान समाज में तनाव बढ़ा सकते हैं।

होली और नमाज विवाद पर भी सपा सांसद की प्रतिक्रिया

संभल विवाद के अलावा होली और नमाज को लेकर भी चर्चा हो रही है। सपा सांसद जियाउर रहमान बरक ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब दो त्योहार एक ही दिन पड़ रहे हैं।

उनका बयान:

  • होली और नमाज पहले भी एक ही दिन पड़ी हैं, और दोनों समुदायों ने मिलकर त्योहार मनाए हैं।
  • एक अधिकारी ने इस मुद्दे को बेवजह उठाया है, ऐसे अधिकारी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
  • संभल में दोनों समुदायों के लोग भाईचारे के साथ त्योहार मनाते आए हैं और आगे भी ऐसा ही होगा।

उन्होंने आश्वासन दिया कि होली और नमाज के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं होगी और लोग शांति के साथ त्योहार मनाएंगे।

संभल विवाद: CM योगी और सपा सांसद आमने-सामने, बयानबाजी से गरमाई राजनीति

संभल का ऐतिहासिक महत्व

संभल उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है। इस शहर का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है और यह हिंदू तथा मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

संभल का ऐतिहासिक महत्व:

  1. संभल का नाम पुराणों में मिलता है।
  2. यह भगवान विष्णु के अवतार कल्कि के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है।
  3. मुगल काल के दौरान यहां कई महत्वपूर्ण इमारतें और धार्मिक स्थल बने।
  4. संभल की मस्जिद और मंदिरों को लेकर कई ऐतिहासिक विवाद भी रहे हैं।

सीएम योगी ने जब इस शहर की ऐतिहासिक पहचान की बात की, तो कई लोगों ने इसका समर्थन किया, जबकि विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक एजेंडा करार दिया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

संभल विवाद पर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।

भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया:

  • भाजपा नेताओं ने सीएम योगी के बयान का समर्थन किया और कहा कि ऐतिहासिक सच्चाई को सामने लाने की जरूरत है।
  • भाजपा ने संभल में हिंदू धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण की मांग की।

विपक्ष की प्रतिक्रिया:

  • कांग्रेस और सपा ने इसे भाजपा का चुनावी स्टंट बताया।
  • विपक्ष ने कहा कि भाजपा धार्मिक भावनाओं को भड़काकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है।

संभल विवाद पर प्रशासन की प्रतिक्रिया

संभल में बढ़ते विवाद को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शहर में शांति बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम:

  • संभल में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
  • सभी संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखी जा रही है।
  • सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर कार्रवाई की जा रही है।

प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।

संभल विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक बार फिर गर्मा दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है।

  • भाजपा सीएम योगी के बयान को सही ठहरा रही है और इसे ऐतिहासिक सच्चाई बता रही है।
  • सपा और कांग्रेस इसे राजनीति से प्रेरित बता रही हैं और भाजपा पर धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगा रही हैं।
  • प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं।

संभल की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को लेकर उठे इस विवाद का असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या राजनीतिक और सामाजिक बदलाव देखने को मिलते हैं।

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