छत्तीसगढ़ में ED की बड़ी कार्रवाई: कारोबारी रफीक और इकबाल के ठिकानों पर छापेमारी

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज सुबह दो बड़े कारोबारी के ठिकानों पर छापेमारी की। पहला छापा रायपुर के मौदहापारा क्षेत्र में स्थित चावल कारोबारी रफीक मेमन के घर पर मारा गया, और दूसरा छापा गढ़ीबंद के मैनपुर में इकबाल मेमन के घर पर हुआ। यह कार्रवाई DMF घोटाले से संबंधित है।
इकबाल मेमन के घर पर सुबह 6 बजे शुरू हुई कार्रवाई
ED की टीम ने आज सुबह 6 बजे इकबाल मेमन के घर पर छापेमारी शुरू की। इस कार्रवाई के लिए 10 से अधिक वाहन मौके पर पहुंचे और पूरी तरह से सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इकबाल मेमन पर आरोप है कि उन्होंने शराब सिंडिकेट के काले धन का निवेश किया है। इसके अलावा, इकबाल मेमन का नाम रायपुर के विवादास्पद कारोबारी अनवर देबर से जोड़ा जा रहा है, और ED इस संबंध की जांच में भी सक्रिय है।
2 करोड़ से अधिक संपत्ति का हुआ खुलासा
इस मामले में 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। स्थानीय गांववालों ने ED को एक लिखित शिकायत दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि इकबाल मेमन ने शराब सिंडिकेट के अवैध पैसे से निवेश किया। इस शिकायत के आधार पर ही ED ने कार्रवाई शुरू की थी।
शिकायत के बाद हुई बड़ी कार्रवाई
ED ने यह बड़ी कार्रवाई उन स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर की थी, जिन्होंने जाड़ापाड़ा गांव से इकबाल मेमन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच अब जारी है।
शराब सिंडिकेट और संपत्ति खरीदने का खेल
इस छापेमारी के बाद यह माना जा रहा है कि यह कार्रवाई शराब सिंडिकेट के काले धन से किए गए निवेश को उजागर कर सकती है। ED यह जांच कर रही है कि क्या मेमन और देबर के बीच वित्तीय लेन-देन का कोई सीधा संबंध है। हालांकि, अभी तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि दोनों के बीच किस प्रकार का संबंध है, लेकिन ED की जांच टीम इस मामले में तेजी से कार्य कर रही है।
ED की जांच की दिशा
ED की टीम इस समय मौके पर मौजूद है और मामले की गहन जांच जारी है। फिलहाल, अधिकारियों का कहना है कि जांच में मिले दस्तावेज़ों से मामले की गंभीरता को और स्पष्ट किया जाएगा। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि शराब सिंडिकेट और संपत्ति खरीदारी के बीच कैसे जुड़ा हुआ है और इसमें कौन-कौन से लोग शामिल हैं।
ED की इस बड़ी कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में शराब सिंडिकेट और काले धन के खिलाफ जांच की दिशा और तेज़ हो गई है। अब देखना यह होगा कि आगे आने वाले दिनों में इस जांच से और कौन-कौन से बड़े खुलासे होते हैं और क्या इन घटनाओं के पीछे के तार किससे जुड़ते हैं। ED की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।