राष्ट्रीय

Mathura में साधु के वेश में 300 करोड़ के धोखाधड़ी के आरोपी की गिरफ्तारी

हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस ने उत्तर प्रदेश के Mathura जिले से एक फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसे 300 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोपी बताया जा रहा है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, इस आरोपी को मथुरा में कृष्ण बलराम मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया है। खास बात यह है कि आरोपी ने साधु के रूप में disguise किया हुआ था। आइए, जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।

आरोपी की पहचान

गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान बाबन विश्वनाथ शिंदे के रूप में हुई है, जो बीड जिले का निवासी है। पुलिस का कहना है कि बीड जिले की पुलिस टीम ने बाबन शिंदे को गिरफ्तार करने के लिए मथुरा का दौरा किया था। लंबे समय की खोजबीन के बाद, वह कृष्ण बलराम मंदिर के पास साधु के रूप में घूमते हुए मिला। यह मंदिर ‘ब्रिटिश मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी शिंदे पिछले लगभग एक साल से मथुरा में साधु के रूप में रह रहा था। महाराष्ट्र पुलिस उसकी तलाश में यहाँ के मंदिरों, आश्रमों, होटलों और गेस्ट हाउसों में जा रही थी। पुलिस के अनुसार, शिंदे पूरी तरह से disguise में था। जब महाराष्ट्र पुलिस ने मथुरा पुलिस क्राइम ब्रांच और वृंदावन पुलिस की मदद ली, तो आरोपी जल्दी ही पकड़ में आ गया।

आरोप क्या हैं?

बाबन शिंदे पर आरोप है कि उसने ‘जिजाऊ माँ साहेब मल्टी स्टेट बैंक’ के जमाकर्ताओं के 300 करोड़ रुपये का गबन किया और वहाँ से फरार हो गया। इसके बाद, वह वृंदावन आया और साधु के रूप में एक साल तक वहाँ रह रहा। शिंदे के खिलाफ महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में भी कई गबन के मामले दर्ज हैं, जिसमें वह वांटेड था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और उसका ट्रांजिट रिमांड हासिल किया, और फिर उसे महाराष्ट्र वापस ले गई।

Mathura में साधु के वेश में 300 करोड़ के धोखाधड़ी के आरोपी की गिरफ्तारी

मथुरा की पुलिस कार्रवाई की विशेषताएँ

मथुरा में इस कार्रवाई में कई बातें सामने आईं, जो इस मामले को और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं:

  1. पुलिस की तत्परता: मथुरा और महाराष्ट्र पुलिस ने मिलकर इस आरोपी को पकड़ने में बहुत मेहनत की, जो दिखाता है कि वे कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के प्रति कितने गंभीर हैं।
  2. साधु का disguise: आरोपी ने साधु का वेश धारण किया था, जो यह दर्शाता है कि वह कितनी चालाकी से पुलिस को धोखा देने की कोशिश कर रहा था। यह घटना उस समय भी हुई जब साधुओं को समाज में बहुत सम्मान दिया जाता है।
  3. जांच की गहराई: पुलिस ने आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विभिन्न प्रकार के स्थानों की जांच की, जिसमें मंदिर, आश्रम, और होटल शामिल थे। यह जांच का विस्तृत दायरा दर्शाता है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही थी।

धोखाधड़ी के मामले की गंभीरता

300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला केवल एक व्यक्तिगत नुकसान नहीं है, बल्कि यह कई परिवारों और व्यक्तियों के लिए गंभीर आर्थिक संकट का कारण बन सकता है। ऐसे मामलों में आम जनता की मेहनत की कमाई का हनन होता है, जिससे समाज में असंतोष पैदा होता है।

महाराष्ट्र में इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है। ऐसे अपराधियों को पकड़ने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि समाज में विश्वास बहाल किया जा सके।

कानूनी प्रक्रिया

अब जब आरोपी गिरफ्तार हो चुका है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और उसकी ट्रांजिट रिमांड प्राप्त की, जिससे उसे महाराष्ट्र ले जाया जा सके। वहाँ पर उसे विभिन्न आरोपों का सामना करना पड़ेगा, और न्यायालय यह तय करेगा कि उसे सजा दी जानी चाहिए या नहीं।

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