US Presidential Election: IT, बैंकिंग और तेल के दिग्गज किसके साथ हैं?

US Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आ रहा है और अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि किस क्षेत्र के दिग्गज किसका समर्थन कर रहे हैं। आम नागरिकों के बीच राजनीतिक विचारधाराओं में भिन्नता होना सामान्य है, लेकिन इस बार कॉर्पोरेट जगत के लोग भी अपने पसंदीदा उम्मीदवार का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। आईटी, बैंकिंग, तेल और अन्य क्षेत्रीय व्यवसायों की बड़ी कंपनियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का समर्थन करना शुरू कर दिया है।
चुनावी तारीख और मुख्य प्रतिद्वंद्वी
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 को होने वाले हैं। इस चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुकाबला है। कमला हैरिस उदार और वामपंथी विचारधारा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जबकि ट्रम्प संरक्षणवादी और दाएं विंग की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं।
तकनीकी क्षेत्र का समर्थन
अब यह स्पष्ट हो गया है कि टेक्नोलॉजी के दिग्गज किसका समर्थन कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल (अल्फाबेट), अमेज़न, और सन माइक्रोसिस्टम्स जैसी बड़ी टेक कंपनियों के कर्मचारियों ने कमला हैरिस के चुनावी अभियान में लाखों डॉलर का योगदान दिया है।
राजनीतिक निगरानी संगठन OpenSecrets की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा कमला हैरिस को दिए गए चुनावी दान की राशि ट्रम्प को दिए गए दान की तुलना में काफी अधिक है।
हालांकि, टेक अरबपति जैसे टेस्ला के मालिक एलन मस्क, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और पेपाल के मालिक पीटर एंड्रियास थियल ट्रम्प का समर्थन कर रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन दोनों ने ट्रम्प के चुनावी अभियान में कितना वित्तीय योगदान किया है, लेकिन उनके बयानों से ट्रम्प के प्रति उनकी झुकाव स्पष्ट है।
ट्रम्प ने जुकरबर्ग के पत्र को बनाया चुनावी हथियार
ट्रम्प ने जुकरबर्ग का पत्र हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के सामने एक चुनावी हथियार के रूप में पेश किया, जिसमें जुकरबर्ग ने कहा था कि कोविड के दौरान बाइडेन प्रशासन ने मेटा (फेसबुक) पर सामग्री हटाने के लिए दबाव डाला, लेकिन जब उनकी टीम ने ऐसा करने से मना कर दिया, तो बाइडेन प्रशासन ने उनकी टीम को परेशान किया।
बैंकिंग और तेल कंपनियों का समर्थन
जबकि बड़ी तकनीकी कंपनियां कमला हैरिस का समर्थन कर रही हैं, बैंकिंग और तेल कंपनियां डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हैं। दरअसल, ट्रम्प ने करों और नियमों को ढीला करने का वादा किया है। ट्रम्प ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निर्धारित नेट-जीरो मिशन को फर्जी करार दिया और कोयले और तेल पर विश्वास व्यक्त किया।
इससे इन कंपनियों को लाभ होगा, यही कारण है कि बैंकिंग और तेल कंपनियां खुलकर ट्रम्प का समर्थन कर रही हैं। हालाँकि, ट्रम्प को कई जलवायु कार्यकर्ताओं, जिनमें ग्रेटा थनबर्ग शामिल हैं, से आलोचना का सामना करना पड़ा है।
राजनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य के प्रभाव
इस चुनाव में तकनीकी कंपनियों का कमला हैरिस के प्रति झुकाव और बैंकिंग व तेल कंपनियों का ट्रम्प के प्रति समर्थन यह संकेत देता है कि अमेरिका में राजनीतिक विचारधाराएं किस तरह से आर्थिक हितों से प्रभावित हो रही हैं। चुनावी दान के इस खेल में, कंपनियों की प्राथमिकताएं और उनके दीर्घकालिक लक्ष्यों के बीच एक स्पष्ट रेखा खींची जा रही है।
चुनावी दान का महत्व
चुनाव में दान का महत्व बहुत अधिक होता है। यह न केवल उम्मीदवारों को उनकी चुनावी मुहिम चलाने में मदद करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विभिन्न उद्योगों के प्रमुख खिलाड़ी किस दिशा में सोच रहे हैं। जब कंपनियाँ अपने राजनीतिक समर्थन को सार्वजनिक करती हैं, तो यह समाज में एक संदेश भेजती है कि वे किन नीतियों और विचारधाराओं के साथ खड़ी हैं।
ट्रम्प और हैरिस का आर्थिक दृष्टिकोण
ट्रम्प का समर्थन प्राप्त करने वाली बैंकिंग और तेल कंपनियाँ यह उम्मीद कर रही हैं कि अगर ट्रम्प फिर से सत्ता में आते हैं, तो उनके उद्योगों के लिए सकारात्मक नीतियाँ बनाई जाएंगी। दूसरी ओर, टेक कंपनियों का समर्थन प्राप्त करने वाली कमला हैरिस का दृष्टिकोण अधिक उदार और प्रगतिशील है, जो जलवायु परिवर्तन और सामाजिक न्याय पर केंद्रित है।
नतीजों का सामाजिक प्रभाव
इस चुनाव का नतीजा केवल अमेरिकी राजनीति को नहीं प्रभावित करेगा, बल्कि इससे वैश्विक स्तर पर भी असर पड़ेगा। टेक कंपनियों का हैरिस को समर्थन देना और बैंकिंग व तेल कंपनियों का ट्रम्प को समर्थन देना यह दर्शाता है कि अमेरिका में राजनीतिक विचारधाराएँ और आर्थिक हित कैसे एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।