Israel attack में हिज़बुल्ला और हमास कमांडर समेत तीन नेता मारे गए

Israel attack: लेबनान में इजराइली हवाई हमले के दौरान हमास के एक प्रमुख कमांडर की मौत की खबर सामने आई है। हमास ने सोमवार को घोषणा की कि उसके नेता फतेह शरीफ अबू अल-अमीन को इजराइली हमले में मार दिया गया, साथ ही उनके परिवार के कुछ सदस्य भी इस हमले में शहीद हो गए।
दूसरी ओर, फिलिस्तीन लिबरेशन फ्रंट के तीन प्रमुख नेताओं की भी बेरूत में हुए इजराइली हवाई हमले में मौत हो गई है। सोमवार आधी रात को इजराइल ने बेरूत के कोला जिले में भारी बमबारी की, जिसके दौरान फिलिस्तीन लिबरेशन फ्रंट के इन तीनों नेताओं ने अपनी जान गंवा दी।
105 लोगों की मौत
रविवार को लेबनान में इजराइली हवाई हमलों में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 359 से अधिक लोग घायल हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 630 से अधिक लोग इन हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं। घायलों की संख्या 2,000 से अधिक बताई जा रही है, जिनमें से एक चौथाई महिलाएं और बच्चे हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त के प्रवक्ता के मुताबिक, लेबनान में विस्थापित लोगों की कुल संख्या 2,11,319 तक पहुंच गई है।
बेक्का घाटी में पांच की मौत
इजराइली ड्रोन ने दक्षिणी लेबनान के टायर जिले के अरजून और शहौर शहरों में हिज़बुल्ला पर हमले किए, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और एक व्यक्ति घायल हुआ है। इसके अलावा, इजराइल द्वारा बेक्का घाटी में हुए हमलों में पांच लोगों की मौत की खबर है। इन हमलों के दौरान, इजराइली फाइटर जेट्स ने हिज़बुल्ला के कई लॉन्चरों और इमारतों को निशाना बनाया, जिससे घाटी के क्षेत्र में भारी तबाही हुई।
हमले के बाद की स्थिति
इजराइली हवाई हमले के बाद लेबनान में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। हिज़बुल्ला और हमास जैसे संगठनों पर इजराइल के लगातार हमलों के कारण तनाव चरम पर है। लेबनान में कई नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया जा रहा है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर लोग विस्थापित हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों ने लेबनान में बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और युद्ध प्रभावित इलाकों में लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इस संघर्ष से न केवल लेबनान, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है।
इजराइल और लेबनान के बीच बढ़ता तनाव
इजराइल और लेबनान के बीच तनाव की जड़ें दशकों पुरानी हैं। हिज़बुल्ला और हमास जैसे संगठन, जो लेबनान और फिलिस्तीन के हिस्सों में सक्रिय हैं, इजराइल के खिलाफ लड़ाई लड़ते आए हैं। इजराइल का मानना है कि ये संगठन उसकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं और इसलिए वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है।
हालांकि, इजराइली हमलों का सबसे बड़ा असर आम नागरिकों पर पड़ रहा है। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और बेगुनाह लोग इन हमलों का शिकार हो रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष को लेकर बंटा हुआ है। कुछ देश इजराइल के सुरक्षा के अधिकार का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ देश मानते हैं कि इजराइल के हवाई हमले और सैन्य कार्रवाई अत्यधिक हैं और इससे निर्दोष लोगों की जान जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र और कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इजराइल से संयम बरतने की अपील की है और लेबनान में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सहायता की मांग की है। इसके साथ ही, युद्धविराम और बातचीत के जरिए इस संघर्ष को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भविष्य की संभावना
हालांकि, हालात इस समय बेहद नाजुक हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि इजराइल और लेबनान के बीच का यह संघर्ष कब और कैसे समाप्त होगा। जब तक दोनों पक्ष किसी स्थायी समाधान की दिशा में कदम नहीं उठाते, तब तक इस क्षेत्र में शांति की उम्मीद करना मुश्किल है।
इजराइल की ओर से हिज़बुल्ला और हमास जैसे संगठनों पर दबाव जारी रहेगा, और इन संगठनों का भी पलटवार जारी रहेगा। इस बीच, आम नागरिकों को सबसे ज्यादा कष्ट झेलना पड़ रहा है, और क्षेत्र में मानवीय संकट गहराता जा रहा है।