Raipur: अंतर-राज्य बस स्टैंड पर 8 करोड़ रुपये का सोना जब्त, 3 आरोपी गिरफ्तार

Raipur: रायपुर के भाटागांव अंतर-राज्य बस स्टैंड पर पुलिस ने एक चौंकाने वाली कार्रवाई की है, जिसमें करीब 12 किलोग्राम 800 ग्राम सोना जब्त किया गया है। इस सोने की अनुमानित कीमत 8 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में तीन संदिग्ध तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई टिकरापारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई है।
घटना का विवरण
पुलिस ने अचानक बस स्टैंड भाटागांव में चेकिंग के दौरान यात्रियों के बैग की तलाशी ली। इस दौरान लिंगराज नायक, हितेश टंडी और शुभम पत्रा के बैग में 12 किलोग्राम 800 ग्राम सोना मिला। जब पुलिस ने तीनों से सोने के बारे में सवाल पूछे, तो उन्होंने evasive उत्तर देना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के लिए उनकी गतिविधियों को संदिग्ध मानने का कारण मिला।
बिना दस्तावेज के सोने की बरामदगी
पुलिस ने सोने के वैध दस्तावेज की मांग की, लेकिन आरोपियों ने कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। ऐसे में, पुलिस ने जब्त किए गए सोने को सील कर लिया और आयकर विभाग के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस मामले में 12 किलोग्राम 800 ग्राम सोना जब्त किया है, जिसकी कुल कीमत 8 करोड़ रुपये आंकी गई है।
गिरफ्तार आरोपी
- लिंगराज नायक (34 वर्ष) – टेलीबंद थाना, रायपुर के निवासी
- हितेश टंडी (27 वर्ष) – टेलीबंद थाना, रायपुर के निवासी
- शुभम पत्रा (28 वर्ष) – टिकरापारा थाना, रायपुर के निवासी
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस के इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि सोने के तस्करों के लिए एक चेतावनी का काम किया है। ऐसे मामलों में पुलिस की तत्परता और सख्ती से यह साफ होता है कि राज्य में अवैध तस्करी को लेकर कोई ढील नहीं बरती जाएगी। पुलिस ने कहा है कि वे तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए आगे भी कार्रवाई जारी रखेंगे।
समाज पर प्रभाव
यह घटना इस बात का संकेत है कि समाज में अवैध गतिविधियों का प्रभाव बढ़ रहा है। सोने की तस्करी जैसे अपराध न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि अपराधियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी बनाते हैं। ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए स्थानीय समुदायों को जागरूक करना आवश्यक है।
भविष्य की दिशा
पुलिस ने इस मामले में संलिप्त तस्करों को पकड़ने के लिए और भी गहन जांच शुरू की है। इसके साथ ही, आयकर विभाग को भी मामले में शामिल किया गया है, ताकि अवैध सोने के स्रोतों का पता लगाया जा सके और संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सके।