तमिल गान से पंक्ति हटने पर CM Stalin का राज्यपाल पर हमला, केंद्र से हटाने की मांग

तमिलनाडु में हाल ही में हिंदी माह समापन समारोह के दौरान एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य के गान ‘तमिल थाई वल्थु’ को गाया जा रहा था और उसमें से एक महत्वपूर्ण पंक्ति गायब थी। इस कार्यक्रम का आयोजन चेन्नई दूरदर्शन द्वारा किया गया था, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री M K Stalin और राज्यपाल आर.एन. रवि भी उपस्थित थे। जब इस गान से ‘द्रविड़’ शब्द को गायब पाया गया, तब मुख्यमंत्री M K Stalin ने राज्यपाल को इस गलती के लिए कड़ी आलोचना की और इसे तमिलनाडु की अस्मिता का अपमान बताया।
गान से ‘द्रविड़’ शब्द हटने पर क्यों हुआ विवाद?
तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन का इतिहास बेहद समृद्ध और पुराना है। ‘द्रविड़’ शब्द यहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। ‘तमिल थाई वल्थु’ गान को 2021 में मुख्यमंत्री M K Stalin ने राज्य गान का दर्जा दिया था, और यह गान तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस गान में ‘थेक्कनुम अदिल सिरंथ द्रविड़ नाल थिरु नाडुम’ पंक्ति का विशेष महत्व है। जब यह पंक्ति गाने के दौरान नहीं गाई गई, तो मुख्यमंत्री स्टालिन ने इसे राज्य की अस्मिता पर हमला बताया और राज्यपाल आर.एन. रवि पर सीधे आरोप लगाए।
CM Stalin का राज्यपाल पर आरोप
मुख्यमंत्री M K Stalin ने इस घटना के बाद राज्यपाल आर.एन. रवि को पद के लिए अयोग्य करार दिया। उन्होंने कहा कि यह राज्यपाल की जानबूझकर की गई कार्रवाई है और यह तमिलनाडु के लोगों का अपमान है। स्टालिन ने कहा, “क्या राज्यपाल, जिन्हें द्रविड़ से एलर्जी है, राष्ट्रगान से भी ‘द्रविड़’ शब्द हटाने की मांग करेंगे?” मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग करते हुए कहा कि राज्यपाल का यह कार्य कानून के विपरीत है और वह अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं।
राज्यपाल का पलटवार
राज्यपाल आर.एन. रवि ने मुख्यमंत्री स्टालिन के आरोपों को सस्ती राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आरोप राज्य के उच्च संवैधानिक पद का अपमान हैं। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। यह आरोप न केवल सस्ते हैं, बल्कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाते हैं।” इसके साथ ही राज्यपाल ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में हिंदी भाषा के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आया है। अब तमिलनाडु के छात्र हिंदी भाषा में भी पारंगत हो रहे हैं।
कार्यक्रम में कैसे हुई गलती?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब चेन्नई दूरदर्शन द्वारा हिंदी माह समापन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान गायक ‘तमिल थाई वल्थु’ गा रहे थे, लेकिन गलती से गान की एक महत्वपूर्ण पंक्ति गाई नहीं गई। ‘थेक्कनुम अदिल सिरंथ द्रविड़ नाल थिरु नाडुम’ पंक्ति की अनुपस्थिति ने विवाद को जन्म दिया। हालांकि, चेन्नई दूरदर्शन ने इस गलती के लिए माफी मांग ली थी, लेकिन मुख्यमंत्री स्टालिन ने इसे तमिलनाडु की अस्मिता का अपमान बताते हुए राज्यपाल को कठघरे में खड़ा कर दिया।
तमिलनाडु में हिंदी की स्वीकार्यता
इस पूरे विवाद के बीच, राज्यपाल आर.एन. रवि ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में हिंदी भाषा की स्वीकार्यता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पहले यहां हिंदी का विरोध होता था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने कहा, “आज तमिलनाडु के कई छात्र हिंदी में पारंगत हो रहे हैं। हिंदी को थोपने वाली भाषा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।”