उत्तर प्रदेश

Neha Sharma IAS: नेहा शर्मा IAS की कार्रवाई, अवैध वसूली के मामले में लेखपाल निलंबित

Neha Sharma IAS: हाल ही में, प्रशासनिक अधिकारी IAS नेहा शर्मा ने अवैध वसूली के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए एक लेखपाल को निलंबित किया है। यह मामला तब सामने आया जब एक महिला, मुनि देवी, ने लेखपाल राजकुमार के खिलाफ शिकायत की थी कि उसने उन्हें लीज प्राप्त करने के नाम पर एक लाख 63 हजार रुपये की राशि वसूली थी और इसके बदले उन्हें एक फर्जी लीज आवंटन प्रमाणपत्र दिया गया था। इस घटना ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्ती को भी उजागर किया है।

घटना का संक्षिप्त विवरण

मुनि देवी, जो मंनकपुर तहसील की निवासी हैं, ने देविपाटन मंडल के आयुक्त को एक पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि कैसे लेखपाल राजकुमार ने उन्हें लीज दिलाने के नाम पर पैसे लिए और बाद में उन्हें एक नकली लीज आवंटन प्रमाणपत्र प्रदान किया। मुनि देवी ने कई बार अपनी शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायतें IGRS (Integrated Grievance Redressal System) पर अस्वीकृत कर दी गईं, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए, देविपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने जिला मजिस्ट्रेट (DM) नेहा शर्मा को निर्देशित किया कि वे मुख्य राजस्व अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच कराएं। DM ने भी तुरंत सख्त कदम उठाए और SDM (उप जिला मजिस्ट्रेट) को निर्देश दिया कि संबंधित लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

Neha Sharma IAS: नेहा शर्मा IAS की कार्रवाई, अवैध वसूली के मामले में लेखपाल निलंबित

SDM मंनकपुर, यशवंत राव ने पुष्टि की कि लेखपाल राजकुमार को विभागीय कार्य में लापरवाही, अवैध वसूली और अनुशासनहीनता के कारण निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद मामले की जांच तहसीलदार को सौंप दी गई है, ताकि इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जा सके।

प्रशासन की संजीदगी

IAS नेहा शर्मा की यह कार्रवाई स्पष्ट करती है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगा। निलंबित लेखपाल के खिलाफ यह कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह संदेश जाता है कि प्रशासन में अनुशासनहीनता या अवैध गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती दिखाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आम नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई

यह मामला उस समय आया है जब पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे मामलों में प्रशासन की सक्रियता न केवल नागरिकों के विश्वास को बढ़ाती है, बल्कि यह अन्य कर्मचारियों को भी अनुशासन में रहने और कार्य के प्रति ईमानदार रहने के लिए प्रेरित करती है। IAS नेहा शर्मा की कार्रवाई इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि वे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

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