छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन की कमर टूटी, मिलिट्री इंटेलिजेंस प्रमुख मारा गया, उसके सिर पर लाखों का इनाम था

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के भेझी थाना क्षेत्र स्थित भंडरपदर में शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में 10 माओवादियों की मौत हो गई, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। इस मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में से एक प्रमुख नेता मदकम मासा था, जिसे साउथ बस्तर डिवीजन का मिलिट्री इंटेलिजेंस इनचार्ज माना जाता था। पुलिस ने मदकम मासा पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। मुठभेड़ के बाद, पुलिस ने मौके से कुल 11 हथियार भी बरामद किए, जिनमें इंसास, एके-47, एसएलआर, 9 एमएम पिस्टल शामिल हैं।
माओवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता
सुकमा जिले के भेझी थाना क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए इस अभियान में कुल 10 माओवादी मारे गए। इन माओवादियों के बारे में जानकारी देते हुए बस्तर आईजी सुंदराज पी ने बताया कि मारे गए माओवादियों में मदकम मासा, जो साउथ बस्तर डिवीजन के मिलिट्री इंटेलिजेंस प्रमुख थे, का नाम प्रमुख था। पुलिस ने मदकम मासा पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा, मारे गए अन्य माओवादियों में दो डिवीजनल कमांडर (DVCM), तीन एरिया कमांडर (ACM) और चार PLGA कैडर शामिल थे। इन सभी माओवादियों पर कुल 40 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
मुठभेड़ में माओवादियों का महत्वपूर्ण नुकसान
मुठभेड़ के बाद, पुलिस ने जो हथियार बरामद किए, वे भी माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए हैं। बरामद हुए हथियारों में इंसास, एके-47, एसएलआर, और 9 एमएम पिस्टल जैसी अत्याधुनिक असलहे शामिल हैं। यह साबित करता है कि माओवादियों के पास उच्च तकनीक वाले हथियार थे, जिनका इस्तेमाल वे सुरक्षा बलों के खिलाफ करते थे। सुरक्षा बलों द्वारा यह अभियान पूरी तरह से सफल रहा, और माओवादी संगठन के कई शीर्ष नेताओं की मौत के बाद, यह माना जा रहा है कि माओवादियों के इस क्षेत्र में प्रभावी संचालन पर बड़ा असर पड़ेगा।
ऑपरेशन के लिए भेजी गई टीम
माओवादियों के खिलाफ इस ऑपरेशन की शुरुआत भेझी इलाके में माओवादी गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद की गई थी। इस ऑपरेशन को लेकर विशेष सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी, जिसमें डीआरजी सुकमा, बस्तर फाइटर्स सुकमा, और सीआरपीएफ की 50वीं और 219वीं बटालियन शामिल थीं। यह टीम बस्तर क्षेत्र के कोराजगुडा, डंतेशपुरम, नागराम और भंडरपदर क्षेत्रों में माओवादियों के खिलाफ अभियान चला रही थी। शुक्रवार की सुबह 9 बजे के आसपास, पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई। यह मुठभेड़ मुन्नर्कोंडा हिल पर हुई, जो डंतेशपुरम, भंडरपदार और कोराजगुडा के बीच स्थित है। मुठभेड़ में पुलिस और सुरक्षा बलों ने माओवादी कैडरों को भारी नुकसान पहुंचाया।
माओवादियों के मारे गए नेता
मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों के नामों की पहचान की गई है। इनमें से कुछ प्रमुख माओवादियों के नाम और उनके ऊपर घोषित इनाम इस प्रकार हैं:
- मदकम (दुधी) मासा – साउथ बस्तर डिवीजन के मिलिट्री इंटेलिजेंस इंचार्ज, प्लाटून नंबर 04, 08 इंचार्ज (DVCM) – 8 लाख रुपये का इनाम।
- लखमा मदवी – डिवीजनल स्मॉल एक्शन टीम कमांडर (DVCM) – 8 लाख रुपये का इनाम।
- कर्तम कोसा – प्लाटून नंबर 08 कमांडर PPCM (ACM) – 5 लाख रुपये का इनाम।
- दुर्रो कोसी उर्फ रितिका कोन्ता – LOS कमांडर (ACM) – 5 लाख रुपये का इनाम।
- मुछकी देवा – एरिया मिलिशिया कमांड इन चीफ (ACM) – 5 लाख रुपये का इनाम।
- दुधी हंगी – पति दुधी मासा, प्लाटून नंबर 04 सदस्य – 2 लाख रुपये का इनाम।
- मदकम जीटू – प्लाटून नंबर 04 पार्टी सदस्य – 2 लाख रुपये का इनाम।
- कुमारी मदकम कोसी – प्लाटून नंबर 04 पार्टी सदस्य – 2 लाख रुपये का इनाम।
- कावासी केसा – प्लाटून नंबर 04 पार्टी सदस्य (दुधी मासा का गार्ड) – 2 लाख रुपये का इनाम।
- कुंजम वामा – मिलिशिया टीम कमांडर – 1 लाख रुपये का इनाम।
PLGA प्लाटून को लगा बड़ा झटका
इस मुठभेड़ में PLGA (Peoples Liberation Guerrilla Army) के प्लाटून नंबर 04 को काफी बड़ा झटका लगा है। इस प्लाटून के प्रमुख सदस्य मारे गए, जिससे माओवादी संगठन को बस्तर क्षेत्र में अपने ऑपरेशनों में भारी नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि इस मुठभेड़ के बाद माओवादियों के हौसले पस्त हो सकते हैं, और उनका इस क्षेत्र में प्रभाव कम हो सकता है।
माओवादी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस ऑपरेशन को लेकर अधिकारियों का कहना है कि माओवादियों के खिलाफ यह एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। बस्तर क्षेत्र माओवादियों के लिए एक मजबूत गढ़ के रूप में जाना जाता है, और यहां पर लगातार सुरक्षा बलों के खिलाफ माओवादी गतिविधियाँ हो रही थीं। इस मुठभेड़ से यह साबित होता है कि सुरक्षा बल माओवादियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं, और बस्तर के माओवादी गढ़ों को कमजोर करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण सफलता है।
छत्तीसगढ़ में हुई इस मुठभेड़ ने माओवादी संगठन के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों की सफलता को साबित किया है। माओवादियों के प्रमुख नेताओं की मौत और भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी से यह स्पष्ट होता है कि माओवादियों को अब छत्तीसगढ़ में अपनी गतिविधियाँ चलाना और भी मुश्किल होगा। सुरक्षा बलों की सतर्कता और दृढ़ निश्चय ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया है, और उम्मीद है कि भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यवाही से माओवादी प्रभाव और गतिविधियों को काबू में किया जाएगा।