मध्य प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक होंगे कैलाश माकवाना, तेज-तर्रार आईपीएस अफसर माने जाते हैं

मध्य प्रदेश के पुलिस विभाग में एक नया बदलाव आया है, और राज्य के नए पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में कैलाश माकवाना को नियुक्त किया गया है। माकवाना 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं और वर्तमान में पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 24 नवम्बर को अपने विदेश दौरे पर जाने से पहले उनके नाम पर मंजूरी दी थी। यह निर्णय राज्य में पुलिस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लिया गया है।
कैलाश माकवाना की नियुक्ति के बारे में
मध्य प्रदेश सरकार ने कैलाश माकवाना की नियुक्ति का आदेश 25 नवम्बर की रात अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग एसएन मिश्रा द्वारा जारी किया। माकवाना का कार्यकाल 1 दिसम्बर से शुरू होगा और यह दो वर्षों का होगा। वह राज्य के 32वें पुलिस महानिदेशक होंगे और इस पद पर वह सुधीर सक्सेना की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 नवम्बर को समाप्त हो रहा है। माकवाना की छवि एक ईमानदार और तेज-तर्रार अधिकारी की है, और वह मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं।
डीजीपी चयन के लिए चर्चा में रहे माकवाना और अजय शर्मा
माकवाना और अजय शर्मा, जो कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के महानिदेशक हैं, को डीजीपी पद के लिए सबसे अधिक चर्चा में रखा गया था। 21 नवम्बर को दिल्ली स्थित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) मुख्यालय में एक बैठक हुई थी, जिसमें डीजीपी के चयन के लिए तीन नामों का पैनल तैयार किया गया था। इन तीन नामों में से माकवाना और अजय शर्मा के नाम सबसे अधिक चर्चित रहे।
माकवाना का कार्यकाल और छवि
कैलाश माकवाना को अपनी ईमानदारी और कार्यशैली के लिए जाना जाता है। 2021 में उन्हें लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजी) बनाया गया था, जहाँ उन्होंने कई पुराने मामलों के फाइलों की जांच शुरू की थी। उन्होंने कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की और कई बड़े मामलों की जांच शुरू करने की योजना बनाई थी। हालांकि, दिसंबर 2022 में उन्हें लोकायुक्त से हटाकर पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन का अध्यक्ष बना दिया गया। माकवाना को हटाए जाने के पीछे यह भी चर्चा थी कि उनकी और तत्कालीन लोकायुक्त एनके गुप्ता के बीच अनबन थी। इसके बाद योगेश चौधरी को लोकायुक्त संगठन में एडीजी बना दिया गया था।
लोकायुक्त में कार्य करते हुए कैलाश माकवाना का विवाद
कैलाश माकवाना का लोकायुक्त में कार्य करते हुए उनका गोपनीय चरित्र रोल (CR) भी अच्छा नहीं था, जिसके कारण उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इसे सुधारने की अपील की थी। मुख्यमंत्री ने उनकी अपील पर उनका CR सुधारा था, और उन्हें 10 में से 10 अंक दिए थे। इस सुधार के बाद माकवाना की छवि और मजबूत हुई, और उनके कार्यों को लेकर यह माना जाने लगा कि वह एक बेहद ईमानदार अधिकारी हैं।
माकवाना की शैक्षिक पृष्ठभूमि और कार्य अनुभव
कैलाश माकवाना मूलतः मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के निवासी हैं। उन्होंने यांत्रिक इंजीनियरिंग में बीई और एमटेक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने 30 अगस्त 1988 को अपनी सेवाएं शुरू की थीं और उनका सेवानिवृत्त होने का समय दिसंबर 2025 है। माकवाना ने लोकायुक्त पुलिस में एसपी के रूप में भी कार्य किया है। इसके अलावा, वह दंतेवाड़ा, बस्तर, मंदसौर और Betul जैसे जिलों में भी एसपी के पद पर कार्य कर चुके हैं। उन्हें अपनी करियर की शुरुआत में काफी तेजी से ट्रांसफर भी किया गया था, लेकिन उन्होंने हर जगह अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किया।
आईपीएस अफसरों की मेहनत और समर्पण
कैलाश माकवाना का कार्यक्षेत्र और उनकी सफलता आईपीएस अधिकारियों की मेहनत और समर्पण का एक बेहतरीन उदाहरण है। वह हमेशा अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए जनता के हित में कार्य करते हैं। उनके कार्यों ने न केवल पुलिस विभाग में उनके समर्पण को साबित किया है, बल्कि उन्होंने अपनी कार्यशैली से भी सभी को प्रभावित किया है।
दवाब में काम करने की क्षमता
कैलाश माकवाना ने विभिन्न प्रकार के दबावों में काम किया है, जिसमें राजनीतिक दबाव भी शामिल था। जब वह लोकायुक्त पुलिस में कार्यरत थे, तो उन्हें कई मुश्किल फैसले लेने पड़े, लेकिन उन्होंने कभी अपने कर्तव्यों से समझौता नहीं किया। यही कारण है कि उन्हें एक सख्त और ईमानदार अधिकारी के रूप में पहचाना जाता है। माकवाना की कार्यशैली ने उन्हें राज्यभर में एक लोकप्रिय और आदर्श अधिकारी बना दिया है।
दूसरी बार इस तरह की घटना
एक और दिलचस्प घटना जो माकवाना के डीजीपी बनने से जुड़ी है, वह यह है कि इस बार एक ऐतिहासिक पल सामने आने जा रहा है। 30 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के विदाई सलामी समारोह की जिम्मेदारी उनकी बेटी सोनाक्षी सक्सेना को दी गई है। सोनाक्षी सक्सेना, जो कि 2020 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, यह अनोखा अवसर प्राप्त करने वाली पहली आईपीएस अधिकारी होंगी। वह अपने पिता को उनके सेवानिवृत्त होने के बाद सलामी देने का कर्तव्य निभाएंगी, जो पुलिस महकमे में एक विशेष ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है।
कैलाश माकवाना की नियुक्ति मध्य प्रदेश पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनकी ईमानदारी, कार्यक्षमता और समर्पण को देखते हुए उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना गया है। उनके द्वारा पुलिस विभाग में किए गए सुधार और कार्यशैली ने उन्हें एक प्रभावशाली अधिकारी बना दिया है, और अब वह प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। उनके नेतृत्व में राज्य पुलिस को नई दिशा और मजबूती मिलेगी।