दिनदहाड़े महिला और बच्चों का अपहरण, गोलीबारी के बीच पुलिस ने सात आरोपी किए गिरफ्तार

छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र के सुमेड़ी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक महिला और उसकी दो मासूम बेटियों को हथियारों से लैस करीब 12 लोगों ने दिनदहाड़े गोलीबारी करते हुए अगवा कर लिया। इस दौरान महिला के पति हरिराम पाल ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने उस पर भी गोली चला दी जिससे वह घायल हो गया। इस सनसनीखेज वारदात के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक महिला और उसकी बच्ची का हाथ पकड़कर घसीटते हुए ले जा रहा है और पीछे डंडे लिए बदमाश नजर आ रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी बयान के अनुसार इस घटना के मुख्य आरोपी संजय राजपूत सहित सात बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है। संजय राजपूत पर ₹10,000 का इनाम भी घोषित था। पुलिस ने इस कार्रवाई के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया था जो लगातार तकनीकी साक्ष्यों और गुप्त जानकारी के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुटी थीं। आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने महिला और दोनों बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
इस वारदात के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जितू पटवारी ने इस घटना को ‘मध्यप्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था का उदाहरण’ बताते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े इतने खतरनाक हैं तो मुख्यमंत्री अपने गृह मंत्री से सवाल क्यों नहीं करते, जबकि गृह विभाग की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री के पास है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस घटना को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में ‘जंगल राज’ आ गया है और अपराधी अब फिल्मी स्टाइल में वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
गृह विभाग का दावा- तेजी से हुई कार्रवाई
मध्यप्रदेश गृह विभाग ने भी इस पूरे मामले में X (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी करते हुए बताया कि लवकुशनगर थाना क्षेत्र में जो घटना हुई उस पर तुरंत कार्रवाई की गई। आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। विभाग ने कहा कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और कानून का सख्ती से पालन कराया जाएगा। साथ ही पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाए और जरूरत पड़े तो अतिरिक्त बल की तैनाती भी की जाए।