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Hezbollah के खिलाफ इज़राइल का मास्टर प्लान, 11 महीने की तैयारी और पांच दिनों में बड़ा वार

Hezbollah: 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इज़राइल पर बड़ा हमला किया, तो यह पूरे मध्य पूर्व में एक बड़े संघर्ष का संकेत था। इस हमले में 1200 इज़राइली नागरिक मारे गए और 251 को बंधक बना लिया गया। इस घटना के बाद, इज़राइल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। इसी दौरान, गाज़ा में इज़राइली हमलों के विरोध में हिज़बुल्लाह ने भी उत्तरी इज़राइल को निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिससे लगभग 65,000 इज़राइली नागरिकों को अपने घर छोड़ने पड़े।

11 महीने की तैयारी: हमास पर केंद्रित रणनीति

बीते 11 महीनों से, इज़राइल ने बहुत ही नियंत्रित और रणनीतिक तरीके से हमास को कमजोर करने की कोशिश की। इस दौरान, इज़राइली सेना ने उत्तरी सीमा पर केवल हिज़बुल्लाह के हमलों का प्रतिरोध किया और सीधे आक्रमण से बचती रही। इज़राइल यह अच्छी तरह जानता था कि अगर वह हिज़बुल्लाह के खिलाफ अभी आक्रामकता दिखाएगा, तो उसे कई मोर्चों पर युद्ध का सामना करना पड़ सकता है।

मोसाद की गुप्त निगरानी: हिज़बुल्लाह पर इज़राइली नजर

इज़राइल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद ने हिज़बुल्लाह पर अपनी खुफिया निगरानी जारी रखी, जबकि इज़राइली सेना ने गाज़ा में हमास को कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित किया। हमास के नेता इस्माइल हनिय्या को तेहरान, ईरान में मार गिराया गया, जिसने हमास का मनोबल तोड़ दिया। इस दौरान, मोसाद ने हिज़बुल्लाह के हर कदम पर नजर रखी, क्योंकि उन्हें पता था कि हमास के बाद यह संगठन इज़राइल के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकता है।

हिज़बुल्लाह की जासूसी और बड़ा हमला

फरवरी 2023 में, हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को इज़राइली जासूसी का संदेह हुआ। उन्होंने अपने लड़ाकों को मोबाइल फोन के बजाय पेजर और वॉकी-टॉकी का उपयोग करने का आदेश दिया। लेकिन मोसाद इससे दो कदम आगे था। मोसाद ने फरवरी में ही हिज़बुल्लाह के 5,000 पेजरों में विस्फोटक प्लांट कर दिए थे।

इज़राइल का मास्टर स्ट्रोक: संचार प्रणाली को ध्वस्त करना

17 और 18 अक्टूबर को, मोसाद ने हिज़बुल्लाह के पेजर, वॉकी-टॉकी, लैपटॉप और सोलर पैनल में विस्फोट कर दिया। इस हमले में 50 से अधिक लोग मारे गए और 4000 से ज्यादा घायल हुए। इनमें से 1500 हमास के लड़ाके विकलांग हो गए। यह हमला हिज़बुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका था, जिससे उनमें भय का माहौल बन गया।

Hezbollah के खिलाफ इज़राइल का मास्टर प्लान, 11 महीने की तैयारी और पांच दिनों में बड़ा वार

संचार व्यवस्था पूरी तरह नष्ट

इस हमले से हिज़बुल्लाह की संचार प्रणाली पूरी तरह नष्ट हो गई। इससे पहले कि हिज़बुल्लाह अपने लड़ाकों के बीच संचार स्थापित कर पाता, इज़राइल ने युद्ध का एक नया चरण शुरू कर दिया। 23 सितंबर से, इज़राइली लड़ाकू विमानों ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू किया।

कमांडरों की सूची तैयार और लक्ष्य पर हमले

मोसाद की खुफिया जानकारी के अनुसार, इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के सभी प्रमुख कमांडरों की सूची तैयार की थी। इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के गोला-बारूद डिपो और प्रमुख ठिकानों को लगातार निशाना बनाना शुरू किया। 23 सितंबर से 27 सितंबर के बीच, इज़राइल ने केवल 5 दिनों में हिज़बुल्लाह की शीर्ष नेतृत्व को धराशायी कर दिया।

हिज़बुल्लाह के शीर्ष कमांडरों का खात्मा

इज़राइल की योजना के तहत, हिज़बुल्लाह के शीर्ष कमांडरों को मार गिराना सबसे महत्वपूर्ण रणनीति थी। इज़राइल ने सबसे पहले अज़ीज़ यूनिट के कमांडर मोहम्मद नासर को मार गिराया। इसके बाद, नासर यूनिट के कमांडर सामी तालिब अब्दुल्लाह और रॉकेट एवं मिसाइल डिवीजन के कमांडर इब्राहीम क़ुबैसी को मार गिराया गया।

इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे से हो रहे हमलों का जवाब देते हुए उस मोर्चे के प्रमुख अली करकी को मार गिराया। इसके बाद रडवान फ़ोर्स के कमांडर अबू हसन समीर, जिन्होंने हिज़बुल्लाह की सबसे खतरनाक यूनिट को ट्रेनिंग दी थी, उन्हें भी निशाना बनाया गया। इन प्रमुख कमांडरों के मारे जाने के बाद, हिज़बुल्लाह की सैन्य क्षमता को बड़ा नुकसान पहुंचा।

हिज़बुल्लाह के लिए सबसे बड़ा झटका: नसरल्लाह की मौत

27 सितंबर को इज़राइल ने हिज़बुल्लाह को सबसे बड़ा झटका दिया। इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिज़बुल्लाह के भूमिगत मुख्यालय पर हमला किया। इस हमले में हिज़बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह मारे गए। नसरल्लाह की मौत इज़राइल के लिए मनोवैज्ञानिक विजय थी और इससे हिज़बुल्लाह के मनोबल को गहरा आघात पहुंचा।

इज़राइल की कम हानि: युद्ध की रणनीति सफल

इज़राइल की सेना ने खुद यह अनुमान लगाया था कि युद्ध की स्थिति में हिज़बुल्लाह हजारों रॉकेट प्रतिदिन दाग सकता है, जिससे सैकड़ों इज़राइली नागरिक मारे जा सकते हैं। लेकिन मोसाद की युद्ध योजना के चलते, इज़राइल को अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ। इस युद्ध में 26 इज़राइली नागरिक और 22 सैनिक मारे गए।

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