Ayodhya: राम मंदिर के प्रसाद में मिलावट की जांच, भक्तों की चिंताएँ बढ़ीं

Ayodhya: उत्तर प्रदेश से एक नई और चिंताजनक खबर आई है, जिसमें राम जन्मभूमि मंदिर में वितरित किए जा रहे कार्डममम बीजों के प्रसाद के नमूनों को जांच के लिए झांसी के सरकारी प्रयोगशाला में भेजा गया है। यह मामला तब सामने आया है जब आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के आरोपों ने सुर्खियाँ बटोरी थीं। अयोध्या के इस मामले ने भक्तों और मंदिर प्रबंधन के बीच चिंता का एक नया विषय उत्पन्न कर दिया है।
पूरा मामला क्या है?
राम जन्मभूमि मंदिर में कार्डममम बीजों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने इन बीजों के नमूनों को एकत्र किया है और इन्हें जांच के लिए झांसी के सरकारी प्रयोगशाला में भेजा गया है। इस बारे में सहायक खाद्य आयुक्त ने जानकारी दी है कि यह कार्रवाई एक शिकायत के बाद की गई है जो एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) के माध्यम से दर्ज की गई थी।
राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय के अधिकारी का बयान
राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, “प्रति दिन औसतन 80,000 पैकेट कार्डममम बीजों का वितरण किया जाता है। सहायक खाद्य आयुक्त मनिक चंद सिंह ने बताया कि हाइडरगंज से कार्डममम बीज प्रसाद के नमूने एकत्र किए गए हैं, जहां इन्हें तैयार किया जाता है। ये नमूने झांसी राज्य प्रयोगशाला में विस्तृत परीक्षण और मूल्यांकन के लिए भेजे गए हैं।”
तिरुपति प्रसाद विवाद क्या है?
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों के वसा की मिलावट का आरोप लगाया था। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने इसे राजनीतिक प्रचार बताया। देश के सबसे अमीर मंदिर के प्रबंधन बोर्ड ने शुक्रवार को बताया था कि उन्होंने गुणवत्ता जांच के लिए भेजे गए नमूनों में घटिया गुणवत्ता के घी और जानवरों के वसा की मिलावट पाई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने लड्डू में जानवरों के वसा की मिलावट का आरोप लगाया था।
राम मंदिर का प्रसाद
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि राम मंदिर में कोई भक्त प्रसाद नहीं चढ़ाता, बल्कि राम भक्तों को कार्डममम बीज प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते हैं। राम मंदिर में पेश किए जाने वाले पेड़ा या रबड़ी प्रसाद को सेवक और पुजारी द्वारा तैयार किया जाता है। इस स्थिति में, यह स्पष्ट है कि अयोध्या में प्रसाद की प्रक्रिया भी गंभीरता से ध्यान देने योग्य है।
भक्तों की चिंताएँ
भक्तों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है कि क्या राम जन्मभूमि मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता पर कोई प्रश्न चिह्न लगाया जा सकता है। भक्तों ने कहा है कि वे भगवान की भक्ति में विश्वास रखते हैं, लेकिन यदि प्रसाद में मिलावट या घटिया सामग्री की बात सामने आती है, तो यह उनकी श्रद्धा को प्रभावित कर सकती है।
स्थिति का महत्व
यह मामला केवल खाद्य सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि धार्मिक आस्था का भी प्रश्न है। जब भक्त मंदिर में प्रसाद के लिए जाते हैं, तो उन्हें यह विश्वास होता है कि वे जो प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं, वह शुद्ध और धार्मिक है। अगर यह विश्वास टूटता है, तो यह उनके धार्मिक अनुभव को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।