वाघा बॉर्डर की शान लौटी, लेकिन बिना खुले गेट और बिना हाथ मिलाए!

आज से अटारी-वाघा बॉर्डर पर एक बार फिर रिट्रीट सेरेमनी शुरू हो गई है। इसके साथ ही पंजाब में दो और चौकियों पर यह सेरेमनी फिर से शुरू हो गई है। आपको बता दें कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए BSF ने 7 मई से इस सेरेमनी को रोक दिया था। अब जब दोनों देशों के बीच हालात कुछ सामान्य हो रहे हैं तो इस पारंपरिक सेरेमनी को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है।
इस बार BSF ने रिट्रीट सेरेमनी को लेकर कुछ नए नियम तय किए हैं। इस बार सेरेमनी तो होगी लेकिन भारत की तरफ से गेट नहीं खोला जाएगा और दोनों देशों के कमांडर एक-दूसरे से हाथ भी नहीं मिलाएंगे। इससे पहले हर रिट्रीट सेरेमनी में दोनों देशों के जवान गेट खोलकर पारंपरिक तरीके से एक-दूसरे से हाथ मिलाते थे, लेकिन अब यह परंपरा फिलहाल बंद रहेगी। आज यानी 20 मई को यह सेरेमनी सिर्फ मीडिया के लिए आयोजित की जा रही है और आम लोगों को इसमें शामिल होने की इजाजत नहीं है।
पंजाब फ्रंटियर की तीनों संयुक्त चैक पोस्ट पर आज से रिट्रीट समारोह फिर से शुरू होगा, आज यह केवल मीडियाकर्मियों के लिए होगा।
कल से आम जनता के लिए रिट्रीट समारोह फिर से शुरू होगा। pic.twitter.com/mWdOztiSUt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 20, 2025
21 मई से आम लोगों के लिए खुलेगा रास्ता
BSF ने जानकारी दी है कि 21 मई से रिट्रीट सेरेमनी फिर से आम लोगों के लिए खोल दी जाएगी। अब यह सेरेमनी अटारी-वाघा बॉर्डर के साथ-साथ फिरोजपुर के हुसैनीवाला और फाजिल्का के सादकी बॉर्डर पर भी आयोजित की जाएगी। यह सेरेमनी हर शाम 6 बजे शुरू होगी। यह सेरेमनी 1959 से भारत और पाकिस्तान के बीच एक गौरवशाली परंपरा रही है। इसमें दोनों देशों के जवान सलामी के साथ अपने देश के गौरव के प्रतीक झंडे को उतारते हैं और शौर्य का प्रदर्शन करते हैं।
पहलगाम हमले के बाद टूटी परंपरा फिर से शुरू
7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से इस सेरेमनी को अस्थायी तौर पर रोक दिया था। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था और ऐसे में BSF ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रिट्रीट सेरेमनी रोक दी थी। अब जब हालात थोड़े शांत होते दिख रहे हैं तो यह परंपरा फिर से शुरू हो रही है। हालांकि, इसमें बदलाव किए गए हैं ताकि सुरक्षा बरकरार रखी जा सके और कूटनीतिक दूरी भी बरकरार रखी जा सके।