मध्य प्रदेश

Gas Cylinder Blast in Chhatarpur: छतरपुर, मध्य प्रदेश में गैस सिलेंडर ब्लास्ट, 20 से 25 लोग घायल

Gas Cylinder Blast in Chhatarpur: छतरपुर, मध्यप्रदेश में गैस सिलेंडर फटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 20 से 25 लोगों के घायल होने की सूचना है। यह दुर्घटना छतरपुर के बिजावर बस स्टैंड के पास हुई।

दमकल की टीम ने संभाला मोर्चा

घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और छतरपुर जिला अस्पताल में रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा एक पटी कार्ट पर हुआ।

पटी कार्ट पर गैस सिलेंडर के रिसाव से हुआ हादसा

रविवार के बाजार के कारण बिजावर बस स्टैंड पर भारी भीड़ थी। एक व्यक्ति, जिसका नाम साहू बताया जा रहा है, बस स्टैंड पर पटी कार्ट लगा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार्ट पर रखे गैस सिलेंडर से गैस का रिसाव होने लगा। यह गैस आसपास फैल गई, जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ।

घटना के समय मौके पर बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद थे, क्योंकि पटी खाने के शौकीन अधिकतर बच्चे ही होते हैं। आशंका जताई जा रही है कि घायलों में एक दर्जन से अधिक बच्चे हो सकते हैं।

Gas Cylinder Blast in Chhatarpur: छतरपुर, मध्य प्रदेश में गैस सिलेंडर ब्लास्ट, 20 से 25 लोग घायल

मध्यप्रदेश के धार में भी हुआ था सिलेंडर ब्लास्ट

इससे पहले जून में मध्यप्रदेश के धार जिले में भी गैस सिलेंडर ब्लास्ट का मामला सामने आया था। पिथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर 1 थाना क्षेत्र की छत्र छाया कॉलोनी में घरेलू गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई थी।

आग इतनी तेजी से फैली कि पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। घर में रखे 6 सिलेंडरों के एक के बाद एक विस्फोट होने से हालात गंभीर हो गए। हालांकि, इस घटना में किसी की जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।

छतरपुर में पटाखा फैक्ट्री में आग की घटना

अक्टूबर में छतरपुर के हरपालपुर में एक पटाखा फैक्ट्री में अचानक आग लगने की घटना हुई थी। इस आग से फैक्ट्री पूरी तरह जलकर राख हो गई थी। जांच में सामने आया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था।

प्रशासन की भूमिका और सुरक्षा उपाय

इस तरह के हादसे यह दर्शाते हैं कि गैस सिलेंडरों के उपयोग में सतर्कता बेहद जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।

  1. गैस सिलेंडरों की नियमित जांच: सिलेंडरों की स्थिति का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना चाहिए।
  2. सुरक्षा मानकों का पालन: गैस सिलेंडरों का उपयोग करते समय सुरक्षा नियमों का पालन करना आवश्यक है।
  3. प्रशिक्षण और जागरूकता: आम जनता को गैस सिलेंडरों के सुरक्षित उपयोग और गैस रिसाव की स्थिति में बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया जाए।

छतरपुर में हुए गैस सिलेंडर ब्लास्ट ने एक बार फिर से सुरक्षा उपायों की अनदेखी के गंभीर परिणामों की ओर ध्यान खींचा है। इस तरह की घटनाओं से न केवल जान-माल का नुकसान होता है, बल्कि समाज में डर का माहौल भी बनता है। प्रशासन और जनता दोनों को सतर्कता बरतने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम करना होगा।

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