Draupadi Murmu In Ujjain: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उज्जैन दौरा, महाकाल नगरी में कार्यक्रमों में भागीदारी और सुरक्षा इंतज़ाम

राष्ट्रपति Draupadi Murmu 19 सितंबर को भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेने पहुंची। उनके इस दौरे के मद्देनज़र शहर में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से न केवल यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है, बल्कि महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश को भी उनके आगमन के दौरान बंद रखा गया है। राष्ट्रपति का यह दौरा उज्जैन और इंदौर के बीच महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के लिए भी अहम है।
राष्ट्रपति का उज्जैन आगमन और स्वागत समारोह
19 सितंबर को राष्ट्रपति Draupadi Murmu सुबह 9:50 बजे इंदौर देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे से उज्जैन के डीआरपी लाइन हेलिपैड पर पहुंचीं। यहाँ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें बुके भेंट कर उनका स्वागत किया। हेलिपैड से राष्ट्रपति सीधे धेंदिया गाँव के होटल रुद्राक्ष कॉम्प्लेक्स में सफाई मित्रों से मिलने पहुँचीं। यहाँ उन्होंने उन सफाई मित्रों से बातचीत की, जो देश की स्वच्छता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह मुलाकात उनके स्वच्छता अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सफाई मित्र सम्मेलन और भूमि पूजन कार्यक्रम
राष्ट्रपति Murmu धेंदिया गाँव के होटल रुद्राक्ष परिसर में आयोजित सफाई मित्र सम्मेलन और उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन सड़क के भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ और उसके बाद दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपति का स्वागत भाषण दिया और उपस्थित सभी विशेष अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
राष्ट्रपति Murmu ने इस मौके पर स्वच्छता मित्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उनकी सराहना की। उन्होंने स्वच्छता मित्रों के कठिन परिश्रम को सराहा और स्वच्छ भारत अभियान में उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन सड़क का भूमि पूजन
उज्जैन-इंदौर के बीच बनने वाली छह लेन सड़क का भूमि पूजन भी राष्ट्रपति द्वारा वर्चुअल तरीके से किया गया। इस परियोजना की कुल लागत 1600 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मार्ग का विकास क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा, जिससे इंदौर और उज्जैन के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा। कार्यक्रम में भूमि पूजन के बाद, राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने भी सभा को संबोधित किया। इसके बाद, राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को संबोधित किया और उनके विचारों से उपस्थित जनसमूह को प्रेरणा मिली। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
महाकाल मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना
राष्ट्रपति Murmu ने महाकालेश्वर मंदिर में जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लिया। मंदिर में उनके स्वागत के लिए नंदी द्वार पर स्वस्ति वाचन और शंख वादन किया गया। मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दर्शन किए, पूजा-अर्चना की और जलाभिषेक भी किया।
महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने नंदी हॉल में राष्ट्रपति का स्वागत शॉल, नारियल, स्मृति चिन्ह और प्रसाद देकर किया। राष्ट्रपति के मंदिर में दर्शन के दौरान विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, और आम श्रद्धालुओं का प्रवेश कुछ समय के लिए रोक दिया गया था ताकि राष्ट्रपति का दौरा निर्विघ्न रूप से संपन्न हो सके।
स्वच्छता अभियान में योगदान
महाकाल मंदिर परिसर में दर्शन के बाद, राष्ट्रपति ने स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत मंदिर परिसर में श्रमदान किया। उनका यह कदम स्वच्छता और सेवा के प्रति उनकी गंभीरता और समर्पण को दर्शाता है। मंदिर परिसर में स्वच्छता अभियान में श्रमदान करके उन्होंने यह संदेश दिया कि स्वच्छता केवल सरकारी या नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
कोटी तीर्थ में फोटो सत्र
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन और श्रमदान के बाद, राष्ट्रपति ने कोटी तीर्थ परिसर का दौरा किया। यहाँ उन्होंने मंदिर के शिखर का दर्शन किया और फिर फोटो सत्र में भाग लिया। इस मौके पर राष्ट्रपति के साथ कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इंदौर के लिए रवाना
उज्जैन में अपने विभिन्न कार्यक्रमों और मंदिर दर्शन के बाद, राष्ट्रपति Draupadi Murmu दोपहर 12:50 बजे उज्जैन हेलिपैड से इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे के लिए रवाना हुईं। उनका यह दौरा न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा था, बल्कि उन्होंने स्वच्छता और विकास के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया।