UPPSC Protest: पुलिस की कार्रवाई के बाद छात्रों का प्रदर्शन बढ़ा, आयोग तक पहुंचने में सफल रहे हजारों छात्र

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर प्रतियोगी छात्रों द्वारा एक दिन में PCS और RO/ARO प्रारंभिक परीक्षा कराने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन अब और अधिक उग्र हो गया है। पुलिस द्वारा चार छात्रों की गिरफ्तारी के बाद गुस्साए छात्रों ने बैरिकेड तोड़ते हुए आयोग तक अपनी आवाज़ पहुँचाई।
पुलिस ने आयोग तक पहुँचने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया था और वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके बावजूद, गुस्साए छात्र दो-स्तरीय बैरिकेड को तोड़ते हुए आयोग तक पहुंचने में सफल हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की हर संभव कोशिश की, लेकिन छात्रों का विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया कि पांच मिनट के अंदर ही उन्होंने बैरिकेड को तोड़ दिया और आयोग के पास पहुंच गए।
इस आंदोलन की शुरुआत तब हुई थी, जब प्रतियोगी छात्रों ने एक दिन में परीक्षा कराए जाने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी। इस दौरान, सोमवार से ही छात्र आयोग के बाहर अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन जब गुरुवार सुबह पुलिस ने कार्रवाई की, तो आंदोलन और अधिक उग्र हो गया। पुलिस ने कुछ छात्रों, जिनमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल थे, को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद छात्रों में और अधिक गुस्सा फैल गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी लड़ाई अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। वे दावा कर रहे हैं कि यह परीक्षा के उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका “प्रचंड आंदोलन” जारी रहेगा।
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद गुस्से में छात्रों का आक्रोश
गुरुवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल का प्रयोग किया और कई छात्रों को गिरफ्तार किया, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी छात्राओं और अन्य छात्रों के साथ अभद्रता करने की खबरें सामने आईं। इससे छात्र और भी अधिक उत्तेजित हो गए और उन्होंने फिर से भारी संख्या में आयोग के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
स्थानीय लोग भी इस स्थिति को देखते हुए हैरान हैं, क्योंकि उन्होंने पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के विरोध प्रदर्शन को नहीं देखा। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से आयोग तक जाने वाले सभी रास्तों को फिर से पूरी तरह से बंद कर दिया और भारी पुलिस बल तैनात किया। डीसीपी और एसीपी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
अधिकारियों से बातचीत के बावजूद समाधान का अभाव
प्रदर्शनकारी छात्रों और प्रशासन के बीच बातचीत का सिलसिला बुधवार रात से शुरू हुआ था, जब डीएम, पुलिस आयुक्त और डिवीजनल कमिश्नर छात्रों से मिलने के लिए पहुंचे थे। प्रशासन ने छात्रों से प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की थी और उन्हें आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर समाधान निकाला जा सकता है। हालांकि, छात्रों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
अधिकारियों ने यह भी कहा था कि अगर बातचीत से समाधान नहीं निकलता है तो वे इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाएंगे, लेकिन छात्रों ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद अधिकारी बातचीत को छोड़कर आयोग के अंदर चले गए।
“आराम्भ है प्रचंड” के साथ आंदोलन को तेज करने का ऐलान
अब, जब आयोग अपनी स्थिति पर अड़ा हुआ है, तो छात्रों ने आंदोलन को और भी तेज करने का ऐलान किया है। छात्रों ने “आराम्भ है प्रचंड” गीत को अपने आंदोलन का प्रतीक बना दिया है। छात्रों ने लाउडस्पीकर लेकर इस गीत की धुन पर अपनी आवाज़ बुलंद की और यह संदेश दिया कि वे अपने अधिकारों के लिए किसी भी स्थिति में संघर्ष करेंगे।
छात्रों का कहना है कि यह उनके भविष्य के साथ सीधा खेल है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। उनके अनुसार, यह लड़ाई न केवल उनकी व्यक्तिगत इच्छा की है, बल्कि यह पूरे प्रतियोगी समुदाय के अधिकारों की लड़ाई है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर चल रहे इस आंदोलन ने राज्य की राजनीति और प्रशासन को एक नई दिशा दी है। छात्रों के बढ़ते विरोध और पुलिस की कठोर कार्रवाई ने इस आंदोलन को एक नए मोड़ पर पहुंचा दिया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मसले को कैसे सुलझाता है और क्या छात्रों की मांगों को स्वीकार किया जाता है। जब तक समाधान नहीं निकलता, छात्रों का विरोध जारी रहेगा और उनका संघर्ष उनके अधिकारों के लिए लगातार जारी रहेगा।