ग्वालियर में यूपी मंत्री के PSO और ड्राइवर की पिटाई, पिस्तौल लूटी गई

उत्तर प्रदेश के श्रम और सेवा योजना मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी के काफिले का ग्वालियर में स्थानीय लोगों के साथ विवाद हो गया। इस दौरान जब उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) ने एक स्थानीय युवक को थप्पड़ मारा, तो करीब 15 से 20 लोगों ने मिलकर उनके PSO और ड्राइवर को पीटा। हमलावरों ने PSO की पिस्तौल भी छीन ली। इस मामले में पुलिस ने 15 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
घटना का पूरा विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के श्रम और सेवा योजना मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी अपने काफिले के साथ आगरा से झांसी जा रहे थे। वे जब ग्वालियर के बिलुआ क्षेत्र के पास पहुंचे, तब स्थानीय बाइक सवार बंटी यादव से उनका विवाद हुआ। इस विवाद में मंत्री के PSO और ड्राइवर के बीच बहस शुरू हो गई, जिसके बाद बंटी यादव ने अपने करीब 15 से 20 साथियों के साथ PSO और ड्राइवर पर हमला कर दिया। इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और नक्सलियों के हथियार की तरह PSO की पिस्तौल भी छीन ली गई।
घटना के बाद, मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी ने तुरंत बिलुआ पुलिस स्टेशन में पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
विवाद की शुरुआत और पिस्तौल की लूट
माना जा रहा है कि मंत्री के काफिले का मार्ग उस समय रुक गया था, जब हाईवे पर एक ट्रक पलट गया था, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो गई थी। ट्रक के पलटने के कारण हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई थी। मंत्री के काफिले के ड्राइवर और PSO ने बिना वैध रास्ते के काफिले को गलत दिशा में लेकर जाना शुरू कर दिया। इसी दौरान बंटी यादव नामक बाइक सवार से उनकी बहस हो गई। जब PSO ने बंटी यादव को थप्पड़ मारा, तो बंटी यादव ने अपने साथियों को बुला लिया और उन्होंने मंत्री के PSO और ड्राइवर पर हमला कर दिया।
हमलावरों ने PSO से उसकी पिस्तौल छीन ली और दोनों को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद, पुलिस की कार्रवाई के बाद आरोपियों ने जानबूझकर मौके से भागने की कोशिश की। घटना के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
मंत्री ने की पुलिस से कार्रवाई की मांग
घटना के बाद, मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी ने पुलिस को सक्रिय कर दिया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इस घटनाक्रम के बाद पुलिस अधिकारियों से मिलकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाई और आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने की अपील की। पुलिस अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की और इस घटना की जांच शुरू की।
इसके बाद, एसपी धर्मवीर सिंह, डीआईजी और आईजी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इन अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और PSO की पिस्तौल को भी बरामद किया जाएगा।
पुलिस की गिरफ्तारी और कार्रवाई
ग्वालियर पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में जो भी आरोपी शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने PSO की पिस्तौल को भी बरामद कर लिया है और इसे जांच के लिए भेज दिया है। फिलहाल, ग्वालियर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद ग्वालियर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी आक्रोश का माहौल बना हुआ है। मंत्री के काफिले के साथ हुई इस हिंसक घटना ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा है, वहीं सत्ताधारी दल ने इसे व्यक्तिगत विवाद करार दिया है और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को उचित बताया है।
ग्वालियर के नागरिकों ने भी इस घटना पर चिंता जताई है और अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की अपील की है। यह घटना शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चर्चा का विषय बन गई है।
घटना के बाद की सुरक्षा व्यवस्था
घटना के बाद, ग्वालियर पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है कि इस तरह की घटनाओं का पुनरावृत्ति न हो। इसके अलावा, पुलिस ने यह भी कहा है कि इस तरह की हिंसक घटनाओं को लेकर शांति बनाए रखने के लिए वे नियमित रूप से निगरानी रखेंगे।
ग्वालियर में मंत्री मनोहर लाल मन्नू के काफिले के साथ हुई यह घटना न केवल पुलिस के लिए एक चुनौती है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। इस मामले में पुलिस ने अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी और उनके काफिले पर हुए इस हमले ने न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। पुलिस प्रशासन को इस मामले में शीघ्र कार्रवाई कर आरोपियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।