छत्तीसगढ़ में खुदाई के दौरान मिले ऐतिहासिक अवशेष, ASI ने लिया कब्जे में

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के महादेव घाट के पास खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग (ASI) को ऐतिहासिक महत्व की कई चीजें मिली हैं। यह घटना महादेव क्षेत्र के दीपापारा स्थित खल्लारी मंदिर के पास हुई, जहां जमीन समतल करने का काम चल रहा था। खुदाई के दौरान मिट्टी से पुराने बर्तन, पीसने वाले पत्थर, मटके, ईंटें और मूर्तियों के टुकड़े मिले। इस बात की सूचना तुरंत पुरातत्व विभाग को दी गई, जिसके बाद अधिकारियों ने इन अवशेषों को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
14वीं सदी के अवशेष होने की संभावना – पुरातत्व विभाग
मिली जानकारी के अनुसार, जिस जमीन पर खुदाई की जा रही थी, वह एक निजी भूमि है। यहां पर प्लॉटिंग के लिए जमीन समतल करने का काम किया जा रहा था, लेकिन खुदाई में पुरानी सभ्यता के संकेत मिले। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों ने इन बर्तनों और अन्य वस्तुओं का निरीक्षण किया और अनुमान लगाया कि ये अवशेष 14वीं सदी के हो सकते हैं। इससे पहले भी इस क्षेत्र में 13वीं और 14वीं सदी की प्राचीन सभ्यता के प्रमाण मिल चुके हैं।
ASI ने खुदाई रुकवाई, प्रशासन को दी जानकारी
पुरातत्व विभाग को इस जगह पर पहले भी ऐसे अवशेष मिलने की सूचनाएं मिलती रही हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां जमीन को समतल करने का काम लगातार जारी था। जब खुदाई के दौरान ऐतिहासिक वस्तुएं मिलीं, तो अधिकारियों को सूचित किए बिना ही खुदाई चलती रही। पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत JCB से चल रही खुदाई को रुकवाया। इसके बाद इस मामले की जानकारी कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई।
खरून नदी के किनारे प्राचीन सभ्यता के संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि ये अवशेष खरून नदी के किनारे बसी एक प्राचीन सभ्यता के हो सकते हैं, जिसका उल्लेख ऐतिहासिक दस्तावेजों में भी मिलता है। कहा जा रहा है कि 14वीं सदी के लोग इसी स्थान पर रहते थे। अब पुरातत्व विभाग की टीम इस पूरे इलाके और आसपास के क्षेत्रों का गहराई से सर्वेक्षण करेगी। जब तक यह सर्वे पूरा नहीं हो जाता, तब तक यहां किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है।