दिग्विजय सिंह ने रखवाया मंत्री की पोती का नाम व्योमिका क्या शुरू हो गई एक नई परंपरा

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक खास मौका सामने आया जब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेता और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे पीसी शर्मा की पोती का नामकरण किया। इस बच्ची का नाम रखा गया है व्योमिका। यह नाम भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के सम्मान में रखा गया है जो हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चर्चा में आई थीं। यह मौका परिवार और कांग्रेस के लिए गर्व का विषय बन गया। पीसी शर्मा ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी बहादुरी और सूझबूझ से सबका दिल जीत लिया। पहलगाम में हुए कायराना हमले के जवाब में भारतीय सेना ने जब पाकिस्तान को करारा जवाब दिया तब व्योमिका सिंह पल-पल की जानकारी देकर सेना की वीरता को दुनिया के सामने ला रही थीं। उनकी तेज़ रिपोर्टिंग और फील्ड कम्युनिकेशन ने उन्हें रातोंरात एक नया आयकॉन बना दिया। आज देशभर में जगह-जगह सिंदूर यात्रा निकाली जा रही है और सेना के शौर्य की प्रशंसा की जा रही है। लोग अपनी बेटियों के नाम भी अब व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के नाम पर रखने लगे हैं।
परिवार की खुशी का मौका बना राष्ट्रीय सम्मान
पीसी शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उनके बेटे शिवी शर्मा और बहू रूपाली शिवी शर्मा को पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई है। यह हमारे परिवार के लिए खुशी और सौभाग्य की बात है। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और रानी साहिबा अमृता राय ने हमारे निवास पर आकर अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिए। उन्होंने हमारी नवजात पोती का नाम एयरफोर्स की वीरांगना विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नाम पर रखा। इस खास अवसर पर हमने गुलदस्ते भेंट कर मान्यवरों का हार्दिक स्वागत किया और हम उनके स्नेह आशीर्वाद और उपस्थिति के लिए हृदय से आभारी हैं।
सैनिकों की बहादुरी से प्रेरित हो रहा देश
ऑपरेशन सिंदूर ने देशवासियों के दिल में सेना के प्रति और भी ज्यादा सम्मान भर दिया है। खासकर महिला अधिकारियों की बहादुरी ने देशभर में बेटियों के लिए एक नई प्रेरणा का काम किया है। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसे नाम अब हर घर में गर्व के साथ लिए जा रहे हैं। यह न सिर्फ सेना की शक्ति को दिखाता है बल्कि देश के लोगों के दिलों में उनकी जगह को भी साबित करता है। बच्चियों का नाम इन बहादुर महिलाओं के नाम पर रखा जाना इस बात का संकेत है कि अब देश की बेटियां भी आगे बढ़कर नया इतिहास रचने को तैयार हैं।