मध्य प्रदेश

भोपाल बना रणभूमि का मैदान मॉक ड्रिल के बहाने किस खतरे से दी जा रही चेतावनी

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज यानी 7 मई को शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। यह अभ्यास सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को परखने के लिए किया जा रहा है। मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस कंट्रोल रूम में हॉटलाइन सेवाएं चालू रहेंगी जहां वायु हमले की सूचना मिल सकेगी। बीएचईएल क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन और रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉक ड्रिल की जाएगी। वहीं डीबी मॉल में आगजनी की स्थिति की मॉक ड्रिल की योजना है ताकि किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी का परीक्षण किया जा सके।

ब्लैकआउट ड्रिल: कब बंद करें लाइटें और खिड़कियों के पर्दे?

आज शाम 7:30 बजे से ब्लैकआउट मॉक ड्रिल की शुरुआत होगी जिसमें पूरे शहर में सायरन बजाया जाएगा। यह सायरन कभी ऊंची और कभी धीमी आवाज़ में बजेगा। इस दौरान लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने घरों की लाइटें बंद कर दें और खिड़कियों पर पर्दे डाल दें। 10 से 15 मिनट बाद फिर से ऊंची आवाज़ वाला सायरन बजेगा जिसका अर्थ होगा कि खतरा टल गया है और सब कुछ सामान्य हो चुका है। न्यू मार्केट क्षेत्र में भी मॉक ड्रिल होगी जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास किया जाएगा। यह सब अभ्यास भविष्य में किसी भी हमले या आपात स्थिति से निपटने के लिए किया जा रहा है।

भोपाल बना रणभूमि का मैदान मॉक ड्रिल के बहाने किस खतरे से दी जा रही चेतावनी

पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सतर्कता: पूरे देश में मॉक ड्रिल के आदेश

यह मॉक ड्रिल ऐसे समय पर हो रही है जब कुछ ही दिन पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। यह कार्रवाई पहलगाम के बाइसारन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद की गई जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। हमलावरों ने लोगों से धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी थी। इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था और आम नागरिकों से लेकर पीड़ित परिवार तक सभी सरकार से कठोर कदम की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ने इसके बाद पूरे देश में मॉक ड्रिल आयोजित करने के आदेश दिए ताकि देश किसी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए तैयार रहे।

लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि: तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती सरकार

सरकार का साफ कहना है कि इन मॉक ड्रिल्स का मकसद लोगों को सतर्क करना और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की जांच करना है। भोपाल जैसे बड़े शहरों में आतंकियों की घुसपैठ और हमले की संभावना को देखते हुए इस तरह की मॉक ड्रिल न सिर्फ जरूरी हैं बल्कि समय की मांग भी हैं। इससे न सिर्फ सुरक्षा बलों को अभ्यास का मौका मिलेगा बल्कि आम लोग भी जान पाएंगे कि किसी हमले की स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तैयारियां शहरों को और सुरक्षित बनाने में मदद करती हैं। आने वाले समय में अन्य शहरों में भी इस तरह की मॉक ड्रिल की जा सकती है ताकि पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सके।

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