Morena: मेयर शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी पाई गई, कोर्ट ने दर्ज करने का दिया आदेश

Morena की मेयर शारदा सोलंकी एक गंभीर विवाद में फंसती नजर आ रही हैं। हाल ही में Morena जिला कोर्ट ने उनके खिलाफ फर्जी मार्कशीट के मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। इस मामले ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है, और मेयर तथा उनके वकील संजय मिश्रा ने इस निर्णय के बारे में अनभिज्ञता जताई है।
मामला कैसे शुरू हुआ
यह मामला तब शुरू हुआ जब मीना जातव, जो कि शारदा सोलंकी की विरोधी और भाजपा की उम्मीदवार थीं, ने कोर्ट में एक याचिका दायर की। उन्होंने मेयर की मार्कशीट और जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर चुनौती दी। हालांकि, जाति प्रमाण पत्र की गलत होने की बात साबित नहीं हो पाई, लेकिन 10वीं की मार्कशीट में गड़बड़ी का मामला सामने आया।
RTI से मिली जानकारी
इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी आरटीआई के माध्यम से सामने आई। शारदा सोलंकी ने जिस स्कूल से 1986 में 10वीं की परीक्षा पास करने का दावा किया, उस स्कूल के प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि उस वर्ष इस नाम से कोई छात्र स्कूल में दाखिला नहीं लिया था। इसके साथ ही, आरटीआई से यह भी पता चला कि शारदा सोलंकी की मार्कशीट में दिए गए रोल नंबर का संबंध किसी अन्य व्यक्ति से है, जिसने परीक्षा नहीं दी थी।
इस प्रकार यह स्पष्ट हुआ कि शारदा सोलंकी को एक स्व-अध्ययन छात्र के रूप में उस छात्र के रोल नंबर पर पास घोषित किया गया। इस तरह की अनियमितताओं ने मेयर के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्कूल और शिक्षा बोर्ड की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर मेयर की मार्कशीट को गलत ठहराने वाले स्कूल की प्रशासनिक टीम ने भी टिप्पणी की है। मेयर की मार्कशीट को गलत घोषित करने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने भी पुष्टि की है कि उक्त रोल नंबर का संबंध नारोत्तम नामक एक युवक से है, जिसने सभी विषयों में फेल किया है। इस फर्जी मार्कशीट का उपयोग मेयर की नामांकन प्रक्रिया में किया गया था।
कानूनी कार्रवाई का आदेश
कोर्ट ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए सिविल लाइंस पुलिस थाने को मेयर शारदा सोलंकी के खिलाफ IPC की धाराओं 420, 467 और 468 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील किशोरिलाल गुप्ता ने कहा कि स्कूल ने स्पष्ट किया है कि यह मार्कशीट सही नहीं है और शिक्षा बोर्ड ने भी इसकी पुष्टि की है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
शारदा सोलंकी का यह मामला स्थानीय राजनीति में कई सवाल खड़े कर रहा है। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को उठाते हुए मेयर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, सोलंकी और उनके समर्थक इसे राजनीतिक प्रतिशोध के तौर पर देख रहे हैं। उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया जा रहा है।
मीडिया का ध्यान
यह मामला मीडिया में भी काफी चर्चा का विषय बन गया है। कई चैनलों और समाचार पत्रों ने इसे प्रमुखता से दिखाया है। राजनीतिक विश्लेषक इस मामले को लेकर विभिन्न तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या यह केवल एक व्यक्तिगत विवाद है या फिर इससे स्थानीय राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
भविष्य की चुनौतियाँ
शारदा सोलंकी को इस मामले का सामना करने के लिए अब गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि FIR दर्ज होती है, तो यह उनके राजनीतिक करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसके अलावा, उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अदालत में भी उपस्थित होना होगा।