महिला सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम, CM मोहन यादव की सुरक्षा में उतरीं महिला कर्मी!

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के मौके पर मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक अनूठी पहल की। इस बार मुख्यमंत्री मोहन यादव की सुरक्षा से लेकर उनकी गाड़ी चलाने तक, सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां महिला अधिकारियों और कर्मचारियों ने संभाली।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका रही, जिससे यह संदेश गया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। इस ऐतिहासिक पहल के तहत महिला पुलिस अधिकारी, महिला ड्राइवर और महिला प्रशासकीय अधिकारी पूरी तरह से मुख्यमंत्री की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं में तैनात रहीं।
महिला सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका
मुख्यमंत्री मोहन यादव की सुरक्षा का जिम्मा डिप्टी सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) बिट्टू शर्मा को सौंपा गया। वहीं, मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ी की कमान इंस्पेक्टर इरशाद अली ने संभाली। इसके अलावा, काफिले के अन्य वाहनों की जिम्मेदारी महिला ड्राइवरों के पास रही, जिसमें सपना और अन्य महिला चालक शामिल थीं।
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में भी महिलाओं को प्रमुख जिम्मेदारियां दी गईं। अंडर सेक्रेटरी श्रीलेखा क्षत्रिय को OSD (Officer on Special Duty) नियुक्त किया गया, जबकि प्रेस अधिकारी की भूमिका बिंदु सुनील और सोनिया परिहार ने निभाई।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान
इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “हमारी संस्कृति मां और बहनों को समर्पित है, इसीलिए हम अपने देश को भारत माता कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 8 मार्च को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। मैं सभी बहनों को इस विशेष अवसर पर बधाई देता हूं। आज महिलाओं ने मेरी सुरक्षा से लेकर मेरे वाहन तक की जिम्मेदारी संभाली है, जिससे यह साबित होता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक वास्तविकता बन रही है।
महिला सुरक्षा अधिकारियों की प्रतिक्रिया
मजबूत राष्ट्र की ओर बढ़ते, आत्मनिर्भर कदम…#WomensDay #WomenEmpowerment #अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस pic.twitter.com/XVuly1O8Xl
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 8, 2025
इंस्पेक्टर इरशाद अली (मुख्यमंत्री के ड्राइवर की भूमिका में)
मुख्यमंत्री की गाड़ी चला रही इंस्पेक्टर इरशाद अली ने इस पहल पर कहा, “आज महिलाओं को यह संदेश दिया जा रहा है कि वे सशक्त हो रही हैं। महिलाएं पुरुषों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। बल्कि, कई कार्यों में वे पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। हमें महिलाओं को ऐसे अवसर देने चाहिए, जिससे वे अपनी क्षमताओं को साबित कर सकें।”
DSP बिट्टू शर्मा (मुख्यमंत्री की सुरक्षा प्रभारी)
मुख्यमंत्री की सुरक्षा संभाल रही DSP बिट्टू शर्मा ने कहा, “महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जब हमें जिम्मेदारी दी जाती है, तो हम उसे बखूबी निभाने के लिए तैयार रहते हैं। यह पहल समाज में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करेगी।”
सोनम शर्मा (मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात महिला सुरक्षाकर्मी)
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात सोनम शर्मा ने कहा, “इस पहल से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा कि जो काम पुरुष कर सकते हैं, वह महिलाएं भी कर सकती हैं। महिलाओं को खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए।”
भोपाल सहित पूरे प्रदेश में महिला दिवस पर कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल सहित पूरे मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों में मुख्य रूप से महिला अधिकार, उनके जीवन में आ रहे बदलाव, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की गई।
सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने भी इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें महिला उद्यमिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई।
स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों द्वारा महिलाओं को सम्मानित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।
महिला सशक्तिकरण के लिए तत्पर मध्य प्रदेश सरकार…#अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस pic.twitter.com/W9V3omeLIv
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 8, 2025
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम
मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री के काफिले की सुरक्षा, वाहन संचालन और प्रशासनिक जिम्मेदारियां महिलाओं को सौंपकर यह संदेश दिया गया कि महिलाएं हर चुनौती का सामना कर सकती हैं।
इस पहल से सरकारी संस्थानों, निजी क्षेत्र और आम जनता को भी प्रेरणा मिलेगी कि महिलाओं को अधिक से अधिक जिम्मेदारियां सौंपी जाएं और उनके कार्यों को उचित सम्मान मिले।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 पर मध्यप्रदेश में किया गया यह अभिनव प्रयोग निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा देगा। इस पहल से यह स्पष्ट हो गया है कि महिलाएं केवल परिवार और समाज का संचालन ही नहीं कर सकतीं, बल्कि प्रशासन, सुरक्षा और निर्णय लेने की महत्वपूर्ण भूमिकाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि भविष्य में इस पहल को कितना आगे बढ़ाया जाता है और अन्य राज्यों में भी इस तरह के प्रयोग किए जाते हैं या नहीं।