Char Dham Yatra के लिए उत्तराखंड में पंजीकरण की नई व्यवस्था, 40% ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा

Char Dham Yatra: उत्तराखंड में अप्रैल महीने से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस बार यात्रा प्रशासन ने पंजीकरण की प्रक्रिया को लेकर कुछ अहम फैसले लिए हैं, जिससे यात्रियों को और अधिक राहत मिल सके। गढ़वाल डिवीजन के आयुक्त विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में चार धाम यात्रा को लेकर हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस बार 40 प्रतिशत पंजीकरण ऑफलाइन भी किए जाएंगे, ताकि वे श्रद्धालु जो इंटरनेट का उपयोग नहीं कर पाते, उन्हें कोई समस्या न हो। अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्षों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार किया गया है।
यात्रा में पंजीकरण की नई व्यवस्था
पिछले साल केवल ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया के कारण श्रद्धालुओं को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, खासकर उन यात्रियों को जो गांवों से आते थे और इंटरनेट का उपयोग नहीं कर पाते थे। इस बार प्रशासन ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए 40 प्रतिशत ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है। अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी और वे बिना किसी दिक्कत के यात्रा पर जा सकेंगे।
इसके अलावा, यह भी तय किया गया है कि पंजीकरण के बाद यात्रियों को एक निश्चित समय पर ‘स्लॉट’ दिए जाएंगे। जैसे कि, चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं को पहले यमुनोत्री, फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ धाम के लिए निर्धारित किया जाएगा। इससे यात्रा में व्यवधान और भीड़-भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी और श्रद्धालु समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था
इस बार चार धाम यात्रा मार्ग पर सुरक्षा को लेकर भी खास ध्यान दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्ग पर हर 10 किलोमीटर की दूरी पर चीता पुलिस या ‘हिल पेट्रोलिंग यूनिट’ तैनात की जाएगी। यह टीम रास्ते में उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या जैसे जाम या दुर्घटना के मामले में तुरंत सक्रिय हो जाएगी और समस्या का समाधान करेगी। गढ़वाल डिवीजन के पुलिस महानिरीक्षक राजीव स्वरूप ने इस सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी। इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार की दिक्कत को जल्दी हल किया जा सकेगा।
निर्माण कार्यों की प्रगति
चार धाम यात्रा के दौरान मार्ग पर किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, इसके लिए गढ़वाल डिवीजन आयुक्त विनय शंकर पांडे ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) को आदेश दिया है कि यात्रा मार्ग से जुड़े सभी निर्माण कार्य 15 अप्रैल तक पूरे कर लिए जाएं। इस समय सीमा के भीतर सभी सड़क और पुलों के निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी, ताकि यात्रा मार्ग पर कोई भी असुविधा न हो।
चार धाम यात्रा की शुरुआत
चार धाम यात्रा इस बार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के साथ शुरू होगी। इसके बाद, 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खोले जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि के मौके पर तय की जाएगी। इस साल यात्रा को लेकर व्यवस्थाओं में और भी सुधार किए गए हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने तीर्थ स्थलों तक पहुंच सकें और वहां उनकी श्रद्धा के साथ यात्रा संपन्न हो।
यात्रा मार्ग और यात्रा व्यवस्था
चार धाम यात्रा मार्ग पर विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए ध्यान दिया जाएगा जो यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना करते हैं। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रा के मार्ग पर हर सुविधाओं का ध्यान रखा जाए, जैसे कि यात्रा के दौरान आने-जाने के लिए पर्याप्त यातायात व्यवस्था, हेल्प डेस्क, और स्वास्थ्य सेवाएं। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रा के मार्ग पर सभी ट्रैफिक नियमों का पालन हो, ताकि कोई भी दुर्घटना न हो।
चार धाम यात्रा भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है और हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। इस साल की यात्रा को लेकर किए गए बदलाव और सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान अधिक आरामदायक और सुरक्षित अनुभव देना है। विशेष रूप से ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था और सुरक्षा उपायों से इस बार की यात्रा और भी आसान और सुरक्षित होगी। सरकार और प्रशासन की यह कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और वे अपनी यात्रा को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ संपन्न कर सकें।