मध्य प्रदेश

Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा – राज्य में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध, कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से सोयाबीन की खरीद, उर्वरक की उपलब्धता और वितरण को लेकर कलेक्टर-कमिश्नर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उर्वरक की मांग बढ़ने पर कालाबाजारी, अवैध भंडारण और नकली उर्वरक बनाने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पुलिस की सहायता से निरीक्षण और जांच की व्यवस्था को मजबूत किया जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो भी व्यक्ति उर्वरक की कालाबाजारी, मिलावट, गलत ब्रांडिंग या नकली उर्वरक का प्रयोग करता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, उर्वरक के एक जिले से दूसरे जिले में अवैध परिवहन को नियंत्रित करने के लिए निरंतर निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता है।

घटिया उर्वरक की बिक्री और भंडारण पर होगी सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खरीफ 2024-25 के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने मध्य प्रदेश के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत सोयाबीन की खरीद की मंजूरी दी। साथ ही, उन्होंने राज्य में खरीद व्यवस्था को सही और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि किसानों को NPK, लिक्विड नैनो यूरिया का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा सके, जो कि DAP की जगह अधिक फायदेमंद है। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि राजस्व विभाग की टीम सार्वजनिक प्रतिनिधियों के साथ मिलकर फसल क्षति का आकलन सुनिश्चित करें। यदि उर्वरक भंडारण के लिए डबल लॉक की आवश्यकता हो, तो कृषि उत्पादन आयुक्त के समन्वय में आवश्यक कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने घटिया उर्वरक और बीजों की बिक्री, भंडारण और परिवहन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया।

Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा - राज्य में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध, कालाबाजारी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर

मुख्यमंत्री ने रबी 2024-25 के लिए उर्वरक वितरण की व्यवस्था को खरीफ 2024 की तरह ही सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में रबी 2024-25 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। सभी जिला कलेक्टरों को बेहतर तैयारियों का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर यह सुनिश्चित करें कि वितरण प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुसार राज्य में प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक बढ़ावा देने पर बल दिया। किसानों को NPK और लिक्विड नैनो यूरिया के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए, जिससे देश की उर्वरक आयात पर निर्भरता कम हो सके। मुख्यमंत्री ने खुशी जताई कि खरीफ 2024 में NPK का उपयोग 45 प्रतिशत हो गया है, जबकि वर्ष 2023-24 में यह केवल 26 प्रतिशत था।

उन्होंने अधिकारियों को मालवा क्षेत्र में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की मांग के अनुसार 3 और रैक उर्वरक उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उर्वरक वितरण की सुचारु व्यवस्था के लिए डबल लॉक केंद्रों पर अतिरिक्त बिक्री काउंटर खोलने का भी निर्देश दिया गया।

सोयाबीन की खरीद 7 जिलों में नहीं होगी अभी

मुख्यमंत्री ने मूल्य समर्थन योजना के तहत सोयाबीन की खरीद पर संवेदनशील तरीके से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अलावा भी सोयाबीन की खरीद करेगी। राज्य में किसानों का ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकरण 25 सितंबर से शुरू हो चुका है। 20 अक्टूबर तक अधिक से अधिक किसानों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। इसके बाद 21 दिसंबर तक खरीद के लिए स्लॉट बुकिंग की प्रक्रिया चलेगी। 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 तक राज्य के 1400 केंद्रों पर किसानों से सोयाबीन की खरीद की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर इसमें बदलाव भी किए जा सकते हैं। किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।

हालांकि, राज्य के सात जिलों – दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी और सिंगरौली में फिलहाल सोयाबीन की खरीद नहीं की जाएगी। इन जिलों से प्रस्ताव आने के बाद सोयाबीन खरीद पर विचार किया जाएगा।

उर्वरक वितरण व्यवस्था में सुधार के प्रयास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि राज्य में उर्वरक वितरण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाए, ताकि किसानों को समय पर और उचित मात्रा में उर्वरक प्राप्त हो सके। खरीफ 2024 की तरह ही रबी 2024-25 के लिए भी उर्वरक वितरण को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जिला कलेक्टरों को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उर्वरक के अवैध भंडारण, बिक्री और परिवहन पर कड़ी नजर रखी जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d