Damoh News: माफिया ने वन कर्मियों पर हमला कर ट्रैक्टर को छुड़ाया, जान बचाने के लिए भागे वन कर्मी

Damoh News: दमोह जिले में माफिया के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में एक घटना ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को रोकने में वन कर्मियों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह घटना खामखेड़ा बीट, तेजगढ़ रेंज में हुई, जहां वन विभाग के कर्मचारियों को जान बचाने के लिए भागना पड़ा।
घटना का विवरण
शनिवार रात को सूचना मिली थी कि खामखेड़ा बीट के PF 52 क्षेत्र में कुछ लोग वन विभाग के वृक्षारोपण क्षेत्र में रात के समय जुताई कर रहे हैं। इस सूचना पर तेजगढ़ रेंजर नीरज पांडे अपने कर्मचारियों के साथ और टेंडुखेड़ा की डायल 100 टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जब वे मौके पर पहुंचे, तो लगभग 20 लोग वहां पहुंच गए और उन्होंने बीट गार्ड पर हमला करना शुरू कर दिया। रेंजर ने जब हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया। देखते ही देखते, रेंजर, बीट गार्ड और डायल 100 के कर्मचारी वहां से भाग निकले और अधिकारियों को घटना की जानकारी दी।
आरोपी थे नशे में
बीट गार्ड सत्यं नायक ने बताया कि वह रेंजर के साथ खामखेड़ा गए थे। वहां उन्होंने देखा कि एक ट्रैक्टर वन विभाग के वृक्षारोपण में जुताई कर रहा था। जब वे ट्रैक्टर के पास पहुंचे, तो एक बड़ी संख्या में लोग आए और उन पर हमला कर दिया। बाद में, उन्होंने रेंजर के साथ भी झगड़ा किया।
तेजगढ़ रेंजर नीरज पांडे ने कहा कि वह वन मंडल अधिकारी के निर्देश पर खामखेड़ा गए थे। उनके साथ टेंडुखेड़ा की डायल 100 टीम भी थी। जब उन्होंने ट्रैक्टर की चाबियाँ निकालीं, तो वहां शराब के नशे में धुत ग्रामीण पहुंचे और पहले उन्हें गालियाँ देने लगे। इसके बाद, उन्होंने बीट गार्ड पर हमला किया और फिर रेंजर को भी धक्का देकर वहां से भगा दिया। रात का अंधेरा होने के कारण उन्हें भागने का मौका मिला और उन्होंने अधिकारियों को इस घटना के बारे में जानकारी दी।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
टेंडुखेड़ा के उप वनाधिकारी प्रतीक दुबे ने बताया कि यह खामखेड़ा बीट के PF 52 क्षेत्र का मामला है। यहां लगभग दो हेक्टेयर भूमि को कब्जाने के इरादे से ट्रैक्टर से जुताई की जा रही थी। जब रेंजर और बीट गार्ड मौके पर पहुंचे, तो लोगों ने उन पर हमला किया और ट्रैक्टर को छुड़ा लिया। कुछ सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर जांच की जा रही है।
वन कर्मियों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने वन कर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को रोकने वाले इन कर्मियों के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गया है। जब अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले कर्मियों को इस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ता है, तो यह स्पष्ट है कि प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
क्या है समाधान?
- सुरक्षा के उपाय: वन कर्मियों की सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए, ताकि वे अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकें।
- स्थानीय समुदाय का सहयोग: स्थानीय लोगों को जागरूक करना और उन्हें वन विभाग के काम में शामिल करना आवश्यक है। अगर स्थानीय लोग वन कर्मियों का समर्थन करेंगे, तो अवैध गतिविधियों को रोकना आसान होगा।
- कानून को सख्त करना: वन अपराधों को लेकर कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधियों को सख्त सजा दी जा सके।
- टेक्नोलॉजी का उपयोग: ड्रोन और अन्य तकनीकी साधनों का उपयोग करके जंगलों की निगरानी की जा सकती है, जिससे अवैध गतिविधियों का पता लगाना आसान होगा।
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सामुदायिक बैठकें: वन विभाग को स्थानीय समुदाय के साथ नियमित बैठकें करनी चाहिए ताकि समस्याओं और समाधानों पर चर्चा की जा सके।