MP News: रीवा पुलिस की वर्दी में डकैतों का काला सच, रात में वाहनों की लूट!

MP News: रीवा। शहर में लगातार चोरी और लूट करने वाले अपराधियों के लिए बुरी खबर है। अब पुलिस बल ने उनके ठिकानों पर छापे मारने शुरू कर दिए हैं। अगर कोई चोर या डकैत रात में अपराध करने का विचार बना रहा है, तो उसे डरना चाहिए, क्योंकि अब रेवा पुलिस रात के समय लूट करने के काम में जुट गई है। चोरहटा से रथारा बायपास पर और फिर डुआरी बायपास से करहिया तथा किटवरिया बायपास के आस-पास ये डकैत पुलिस की वर्दी में लूटपाट कर रहे हैं। हालांकि, ये डकैत कोई आम चोर नहीं हैं, बल्कि वास्तव में ये मध्य प्रदेश पुलिस के नियुक्त कांस्टेबल हैं, जो बिना किसी अधिकारी की अनुमति के नियमों का उल्लंघन करते हुए रात में गश्त के दौरान वाहनों की जांच कर पैसे लूटते हैं।
कांस्टेबल साहब की अवैध कमाई
वास्तव में, यह पुलिस टीम चोरहटा पुलिस स्टेशन के स्टाफ का हिस्सा है, जो थाना प्रभारी की अनुमति से अवैध वसूली का काम करती है। पुलिस स्टेशन के कप्तान उन्हें हर रात बड़ी मात्रा में पैसे इकट्ठा करने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। कांस्टेबल साहब राधेश्याम प्रजापति और रमेश रावत चोरहटा पुलिस स्टेशन में तैनात हैं और अपने टीआई साहब को खुश करने के लिए सभी नियमों को नजरअंदाज कर लूटपाट में जुटे रहते हैं।
भैंसों से भरे वाहनों की जांच
जानकारी के अनुसार, चोरहटा पुलिस स्टेशन के कप्तान शृंगेश राजपूत के आदेश का पालन करते हुए ये दोनों कांस्टेबल हर रात करहिया रोड बायपास पर भैंसों से भरे वाहनों को रोकते हैं और पुलिस की धमकी देकर उनसे बड़ी मात्रा में पैसे इकट्ठा करते हैं। इस काम के लिए विभाग ने उन्हें डायल 100 की मोटरसाइकिल भी उपलब्ध कराई है, जिससे वे अपनी टारगेट पूरी करते हैं।
भैंसों के प्रबंधन का अध्ययन
कहा जा रहा है कि वर्ष 2017-18 में इस क्षेत्र में बकरी गैंग सक्रिय था, जिसमें बकरियों से भरे वाहनों से पैसे अवैध रूप से वसूले जाते थे। मीडिया की रिपोर्ट के बाद करीब आधा दर्जन पुलिस कर्मचारियों को दंडित किया गया था। इसके बाद अब यहां भैंस गैंग सक्रिय हो गया है, जिसमें पुलिस बाहरी भैंसों के वाहनों पर नजर रखती है ताकि वसूली आसानी से की जा सके।
पुलिस की लूट का खुलासा
चोरहटा पुलिस स्टाफ के ये कांस्टेबल बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति के और चोरहटा पुलिस स्टाफ की उपस्थिति के बिना वाहनों की जांच कर रहे हैं, जबकि नियमों के अनुसार कोई भी पुलिसकर्मी बिना कम से कम एक एएसआई के मौजूदगी के किसी भी प्रकार के वाहनों की जांच नहीं कर सकता।
दैनिक मीडिया ऑडीटर का स्टिंग ऑपरेशन
कुछ दिनों से जानकारी मिल रही थी कि चोरहटा पुलिस का स्टाफ नियमों के खिलाफ जाकर शहर बायपास से अवैध पैसे कमाने में व्यस्त है। इसके बाद हमारी टीम ने मामले की जानकारी हासिल की, जिसमें सामने आया कि राधेश्याम प्रजापति और रमेश रावत बायपास पर हर दिन ट्रकों को रोकते हैं और उन्हें बिना किसी कारण के धोखा देते हैं। हमने रविवार-सोमवार की रात 2-3 बजे के आस-पास इन दोनों कर्मचारियों को ट्रकों को रोकते हुए रंगे हाथ पकड़ा और उनसे पहले तो इनकार किया, लेकिन बाद में हमारी मांग पर वे भैंसों से भरे वाहन के साथ पुलिस स्टेशन आए।
पुलिस स्टेशन का अंधेरा सच
जब दैनिक मीडिया ऑडिटर की टीम उन दो साहबों के साथ भैंसों से भरे वाहन को पुलिस स्टेशन ले गई, तो वहां का दृश्य भी अजीब था। पुलिस स्टेशन सो रहा था और दरवाजा बंद था। उन लुटेरों ने TI साहब को जगाने की हिम्मत की, लेकिन TI साहब नियमों के आदमी थे और उन्होंने कहा कि कार्रवाई की जाएगी। वहीं, TI साहब ने उस भैंसों से भरे वाहन का एक भी दस्तावेज़ नहीं चेक किया।
संभावित कार्रवाई
जिन कांस्टेबलों ने भैंसों से भरे वाहन को सीज किया है, उन्हें शिकायतकर्ता बनाया गया है और उनकी शिकायत पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। अब यदि भविष्य में इन कांस्टेबलों की भूमिका संदिग्ध पाई गई, तो इन्हें निलंबित किया जाएगा।
श्रृंगेश राजपूत थाना प्रभारी चोरहटा