UP Politics: मायावती ने राहुल गांधी की आरक्षण नीति को बताया धोखाधड़ी

UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से गरमागरमी का माहौल बन गया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी पर आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कांग्रेस को ‘एंटी-आरक्षण’ करार देते हुए कहा है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी की आरक्षण नीति दलितों और पिछड़ी जातियों के प्रति धोखाधड़ी से भरी हुई है।
मायावती का सोशल मीडिया पर हमला
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर एक के बाद एक कई पोस्ट करते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर तीखे हमले किए। उन्होंने अपने पोस्ट में स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी की आरक्षण नीति में कोई स्पष्टता नहीं है। उनके अनुसार, कांग्रेस पार्टी केवल वोटों के लिए आरक्षण का समर्थन करती है, लेकिन विदेशों में इसकी समाप्ति की बात करती है।
मायावती ने कहा, “देश में वोटों के लिए ये लोग आरक्षण का समर्थन करते हैं, 50 प्रतिशत से ऊपर बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन जब विदेश में जाते हैं, तो आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं। लोगों को इनकी दोहरी नीति से सतर्क रहना चाहिए।”
मंडल आयोग और BSP की लड़ाई
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र में ओबीसी आरक्षण के लिए मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने BSP के संघर्ष के बाद पेश की गई एससी/एसटी के लिए पदोन्नति में आरक्षण के संविधान संशोधन बिल को पारित नहीं होने दिया और यह अभी भी लंबित है।
मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा, “लोगों को कांग्रेस और अन्य पार्टियों की एंटी-आरक्षण नीति के प्रति सतर्क रहना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने जब केंद्र में थी, तब जाति जनगणना नहीं कराई, और अब जब वह सत्ता में नहीं है, तब इस मुद्दे पर आवाज उठा रही है। अगर यह सब पाखंड नहीं है, तो और क्या है?”
राहुल गांधी का बयान और मायावती का प्रतिक्रमण
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने हाल ही में अमेरिका में आरक्षण पर बयान दिया था, जिसके बाद मायावती ने उन पर लगातार verbal attacks किए हैं। मायावती ने सोमवार को भी कांग्रेस पर सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप लगाए थे। लेकिन उस समय उन्होंने कुमारी सेल्जा के समर्थन में भी कुछ लिखा था।
यूपी की राजनीति में आरक्षण का महत्व
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। यह विशेष रूप से दलितों, पिछड़ी जातियों और अति-पिछड़ी जातियों के अधिकारों से जुड़ा हुआ है। मायावती, जो खुद को इन समुदायों की आवाज मानती हैं, हमेशा से आरक्षण के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाती रही हैं।
कांग्रेस पार्टी, जो historically दलितों और पिछड़ी जातियों के हितों की बात करती रही है, अब मायावती के निशाने पर है। मायावती का यह आरोप कि कांग्रेस केवल वोट बैंक के लिए आरक्षण का सहारा लेती है, यह दिखाता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में आरक्षण का मुद्दा कितना संवेदनशील है।
कांग्रेस और BSP का चुनावी समीकरण
2024 के चुनावों की तैयारी के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस और BSP इस मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ और अधिक आक्रामकता से हमला करेंगे। मायावती का यह बयान कांग्रेस के लिए एक चुनौती हो सकती है, खासकर तब जब पार्टी को अपने पुराने वोट बैंक को वापस पाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, मायावती के हमले से यह भी स्पष्ट होता है कि BSP चुनावी मैदान में सक्रिय रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है। BSP की इस नीति का उद्देश्य न केवल अपने समर्थकों को उत्साहित करना है, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के प्रति भी एक स्पष्ट संदेश भेजना है।