MP News: महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस का ‘बेटी बचाओ अभियान’ और मोमबत्ती मार्च

MP News: मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने ‘बेटी बचाओ अभियान’ के तहत राजधानी भोपाल में एक मोमबत्ती मार्च का आयोजन किया। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना और जनता का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर खींचना था। इस मोमबत्ती मार्च में प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेता और पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी समेत सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों और सरकार की निष्क्रियता पर नाराजगी जाहिर की।
भोपाल में मोमबत्ती मार्च का आयोजन
भोपाल के अंकर मैदान से सोमवार को कांग्रेस पार्टी ने मोमबत्ती मार्च की शुरुआत की। इस मार्च का नेतृत्व कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। इन महिलाओं ने राज्य में हो रही बलात्कार और हत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध हो रहे हैं, वह बेहद भयावह है और इसका असर समाज के हर वर्ग पर पड़ रहा है।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और बलात्कार की घटनाएं रोज़ाना सामने आ रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से इन अपराधों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। महिलाओं ने मांग की कि इस तरह के अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए और उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा अपराध करने से पहले सौ बार सोचे।
जीतू पटवारी के आरोप
पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी ने मोमबत्ती मार्च के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और प्रदेश सरकार महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों को रोकने में पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार न केवल महिला सुरक्षा में नाकाम रही है बल्कि वह महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करने में भी पूरी तरह से विफल हो चुकी है।
जीतू पटवारी ने कहा, “प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। यहां तक कि हत्या की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। राज्य सरकार इन घटनाओं पर नज़र डालने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।” उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के मामले में सरकार को तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है और इस दिशा में एक सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है, जिससे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदमों की मांग
कांग्रेस द्वारा निकाले गए इस मोमबत्ती मार्च के दौरान महिलाओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अब सरकार की निष्क्रियता से तंग आ चुकी हैं और उन्हें न्याय की मांग है। महिलाओं ने कहा कि बलात्कार और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि ऐसे घिनौने अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिल सके और समाज में महिलाओं की सुरक्षा का माहौल तैयार किया जा सके।
इसके साथ ही, उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाए और पुलिस व्यवस्था को सशक्त किया जाए। महिलाओं का कहना है कि राज्य सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा, ताकि प्रदेश में बेटियां सुरक्षित रहें और उन्हें किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार न होना पड़े।
‘बेटी बचाओ अभियान’ की जरूरत क्यों?
मध्य प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, विशेष रूप से बलात्कार और हत्या की घटनाएं, चिंता का विषय बन चुकी हैं। इन घटनाओं ने न केवल आम जनता को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि देशभर में भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ अभियान’ का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा को रोकने और सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर करना है।
इस अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी प्रदेश भर में जागरूकता फैलाने और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। मोमबत्ती मार्च भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां सैकड़ों महिलाएं एकजुट होकर सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग कर रही हैं।
जीतू पटवारी का महिलाओं का सम्मान
मोमबत्ती मार्च से पहले पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी ने बालिकाओं का सम्मान करते हुए उन्हें चुनरी ओढ़ाकर सम्मानित किया। यह प्रतीकात्मक कदम था, जो यह दर्शाता है कि समाज में महिलाओं का सम्मान और उनकी सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस कार्यक्रम के दौरान जीतू पटवारी ने कहा कि महिलाओं का सम्मान करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है और सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती आई है और आगे भी महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर हर संभव कदम उठाएगी।