Madhya Pradesh: शहडोल में पति ने मोबाइल पर पत्नी से बात करते हुए रात में नदी में कूदकर की आत्महत्या, जानें पूरी घटना

Madhya Pradesh के शहडोल जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक ने पत्नी से मोबाइल पर बात करते हुए रात के समय नदी में कूदकर अपनी जान दे दी। यह मामला तब सामने आया जब युवक और उसकी पत्नी के बीच किसी बात को लेकर तर्क-वितर्क हुआ, जो इतना बढ़ गया कि युवक ने अपनी जान देने का रास्ता अपनाया। यह घटना शहडोल के बुढ़ार थाना क्षेत्र के जरवाही सोन नदी पुल की है, जहां युवक ने न सिर्फ अपनी जान ली, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी गहरे आघात में डाल दिया। इस पूरे मामले के बारे में पुलिस ने जानकारी दी है और शव को 12 घंटे की मेहनत के बाद नदी से बाहर निकाला गया।
मोबाइल पर पत्नी से बात करते हुए पति ने क्यूं लिया यह कदम
रात के करीब 12 बजे, जब सामान्यत: लोग गहरी नींद में होते हैं, तब शहडोल जिले के चांटा गांव के निवासी संतोष जोगी अपने घर से कहीं जा रहे थे। वह मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे और बातचीत के दौरान अचानक उनके और उनकी पत्नी के बीच कुछ बहस हो गई। यह बहस इतनी बढ़ी कि संतोष ने अपना बाइक रोक दिया और फिर बिना कुछ सोचे-समझे मोबाइल पर बात करते हुए सोन नदी में कूद पड़े।
यह देख आसपास के लोग तुरंत नदी में कूदने की कोशिश करते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस और बचाव दल को सूचना मिलने के बाद उन्होंने तुरंत मामले की गंभीरता को समझा और त्वरित कार्रवाई शुरू की। हालांकि, युवक के कूदने के बाद उनकी कोई खबर नहीं मिली और उनका पता लगाना एक बड़ी चुनौती बन गई।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस और SDRF टीम की कार्रवाई
इस घटना की सूचना मिलते ही बुढ़ार पुलिस थाना क्षेत्र में मामला दर्ज किया गया और स्थानीय पुलिस के अलावा एसडीआरएफ की टीम ने भी तत्काल मौके पर पहुंचकर नदी में संतोष की खोज शुरू की। पहले तो उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन करीब 12 घंटे बाद एक सुराग हाथ लगा। नदी में लगातार खोजबीन की गई और अंत में मंगलवार सुबह उनके शव को नदी से बाहर निकाला गया।
पुलिस के मुताबिक, यह माना जा रहा है कि संतोष और उनकी पत्नी के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था और इस तनाव में संतोष ने यह दुखद कदम उठा लिया। पुलिस के अनुसार, संतोष अपनी पत्नी से बात कर रहे थे, तभी अचानक उसने नदी में कूदने का फैसला लिया। पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना में पारिवारिक झगड़ा एक बड़ा कारण था, लेकिन असल वजह के बारे में पता लगाने के लिए जांच जारी है।
स्थानीय पुलिस ने दी जानकारी
बुढ़ार पुलिस थाना प्रभारी संजय जायसवाल ने बताया कि घटना की सूचना रात करीब 11 बजे मिली थी। पुलिस ने बताया कि संभवतः पति और पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद संतोष ने यह कदम उठाया। पुलिस ने शव को नदी से बाहर निकालने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
परिवार के लिए यह एक बड़ा सदमा
संतोष जोगी के परिवार के लिए यह घटना बेहद दुखद रही है। संतोष के परिजनों को जब उनके बेटे की मौत की जानकारी मिली, तो परिवार के लोग गहरे सदमे में आ गए। उनका परिवार बहुत ही साधारण था और संतोष की यह असामयिक मौत पूरे परिवार पर भारी पड़ रही है। उनकी पत्नी, जो इस समय सदमे में हैं, यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उनके पति ने इतनी बड़ी बात की है।
मानसिक तनाव और रिश्तों में दरार
इस घटना को देखकर यह साफ है कि कभी-कभी मानसिक तनाव और पारिवारिक विवाद लोगों को आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं। संतोष और उसकी पत्नी के बीच जो बहस हुई, वह एक सामान्य घरेलू विवाद प्रतीत होती है, लेकिन यह विवाद इतना बढ़ा कि संतोष ने अपनी जान लेने का रास्ता चुन लिया। ऐसे मामलों में रिश्तों की दरारों को हल करने की जरूरत होती है, और किसी भी समस्या का समाधान आत्महत्या नहीं हो सकता।
यह घटना यह भी बताती है कि आजकल के रिश्तों में मानसिक तनाव और विवादों का प्रभाव इतना गहरा हो सकता है कि व्यक्ति अपनी स्थिति को समझ नहीं पाता और हताश होकर गलत कदम उठा लेता है। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और परिवार के साथ खुले संवाद का होना बहुत जरूरी है ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
पुलिस जांच और भविष्य के उपाय
इस घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उन्होंने यह भी कहा है कि यदि परिवार के किसी सदस्य के बीच ऐसी समस्याएं हैं, तो उन्हें समय रहते समझाने और सुलझाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, पुलिस ने यह भी सुझाव दिया है कि पारिवारिक झगड़ों से निपटने के लिए किसी प्रकार की काउंसलिंग या परिवार से संबंधित सहायता की आवश्यकता हो सकती है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है, जो बताती है कि मानसिक तनाव और रिश्तों में दरारों को हल करना कितना महत्वपूर्ण है। पुलिस और समाज को ऐसे मामलों में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि लोग इस प्रकार के गंभीर कदम उठाने से बच सकें।
शहडोल की यह घटना यह स्पष्ट करती है कि पारिवारिक विवादों और मानसिक तनाव के कारण लोग आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठा सकते हैं। इस घटना ने न केवल संतोष के परिवार को आघात पहुंचाया है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि रिश्तों को मजबूत बनाने और मानसिक तनाव को सुलझाने के लिए बेहतर उपायों की आवश्यकता है। पुलिस और समाज को ऐसे मामलों में जागरूकता फैलानी होगी और परिवारों को काउंसलिंग और मदद के लिए प्रोत्साहित करना होगा।