Chhattisgarh में धोखाधड़ी का मामला चरम पर! फर्जी बैंक शाखा खोलकर बेरोजगार युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगा, नियुक्ति पत्र भी दिए

Chhattisgarh के मलकहरोदा थाना क्षेत्र के छापोरा गांव में हाल ही में एक ऐसा धोखाधड़ी का मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। यहां धोखेबाजों ने एक फर्जी बैंक शाखा खोलकर बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे। यह घटना न केवल स्थानीय ग्रामीणों बल्कि आसपास के जिलों के बेरोजगार युवाओं को भी प्रभावित करने वाली साबित हुई।
फर्जी बैंक शाखा का खुलासा
पुलिस द्वारा की गई जांच में पाया गया कि यह बैंक शाखा पूरी तरह से फर्जी थी, जिसका कोई भी संबंध किसी वास्तविक बैंक से नहीं था। खास बात यह है कि इस फर्जी शाखा में गांव के किसी व्यक्ति का पैसा जमा नहीं था। इसका पूरा उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को ठगने का था। यहां युवाओं से मैनेजर, कैशियर, फाइनेंस एडवाइजर और गार्ड जैसे पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये लिए गए।
धोखेबाजों ने न केवल पैसे वसूले बल्कि युवाओं को नियुक्ति पत्र भी थमा दिए। नियुक्ति पत्र पाकर युवक इतने खुश हुए कि उन्होंने अपने सुनहरे भविष्य की कल्पना कर ली। उन्हें विश्वास दिलाया गया कि उन्हें SBI (भारतीय स्टेट बैंक) में नौकरी मिलेगी और प्रशिक्षण के लिए उन्हें इस फर्जी शाखा में भेजा गया।
बेरोजगार युवाओं से ठगी
इस फर्जी बैंक शाखा के बारे में सुनते ही आसपास के जिले जैसे बालोद और कबीरधाम के युवा भी नौकरी की उम्मीद में इस धोखाधड़ी का शिकार बने। बालोद जिले के एक युवक विकास ने पुलिस को बताया कि उसे भी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा गया। वहीं कबीरधाम के एक अन्य युवक ने कैशियर की नौकरी पाने के लिए धोखेबाजों को 5 लाख रुपये तक दिए।
SBI के अधिकारियों को भी नहीं थी जानकारी
इस धोखाधड़ी का सबसे हैरान करने वाला पहलू यह था कि खुद भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों को इस फर्जी शाखा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब इस फर्जी बैंक शाखा की खबर SBI प्रबंधन तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। लेकिन जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक कथित बैंक का मैनेजर फरार हो चुका था।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
मलकहरोदा थाना प्रभारी राजेश पटेल ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में तीन नामजद कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 3(5), 318(4), 336, 338 और 340 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिन तीन लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है उनके नाम हैं – रेखा साहू, मंधीर और पंकज। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुल कितने लोगों से ठगी की गई है और कुल कितनी रकम ठगी गई है।
पुलिस जांच में जुटी
फर्जी बैंक शाखा के इस मामले में पुलिस लगातार जांच कर रही है और इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितने लोग इस धोखाधड़ी के शिकार बने हैं। पुलिस यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि इस पूरे नेटवर्क के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं। फिलहाल आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
धोखाधड़ी के बढ़ते मामले और समाज पर प्रभाव
यह घटना इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कैसे समाज में कुछ लोग बेरोजगार युवाओं की कमजोर स्थिति का फायदा उठाकर धोखाधड़ी के माध्यम से पैसा कमाने की कोशिश करते हैं। देश में बेरोजगारी की समस्या के चलते युवा अक्सर ऐसे झूठे वादों का शिकार हो जाते हैं, जिससे न केवल उनका आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि उनके सपनों और विश्वास को भी गहरा आघात पहुंचता है।
सावधानी और जागरूकता की आवश्यकता
इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए समाज में जागरूकता की बेहद जरूरत है। युवाओं को नौकरी के नाम पर किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से सतर्क रहना चाहिए। किसी भी बैंक या संस्थान में नौकरी के लिए आवेदन करते समय संबंधित बैंक या संस्थान की प्रमाणिकता की जांच करना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की वित्तीय लेन-देन करने से पहले सभी दस्तावेजों की पूर्ण जांच करनी चाहिए।