अंधविश्वास की भेंट चढ़े दो भाई, छत्तीसगढ़ में साढ़े सात दिन की साधना के दौरान हुई दुखद घटना
छत्तीसगढ़ के शक्ति जिले में एक दुखद घटना ने अंधविश्वास के खतरनाक पहलुओं को उजागर किया है। तंदुलदिह गाँव के गोंड परिवार के दो भाई, जो पिछले सात दिनों से भूखे-प्यासे साधना कर रहे थे, की मौत हो गई। इस घटना ने केवल परिवार के सदस्यों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक गहरी चिंता का विषय बना दिया है।
घटना का विवरण
गाँव के स्थानीय लोगों ने जब गोंड परिवार के घर से जोरदार चीखने की आवाजें सुनीं, तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। घर के अंदर दो भाई, विकास गोंड और विक्की गोंड, बेहोश पाए गए। दोनों भाई अपनी माँ, एक भाई और दो बहनों के साथ “जय गुरुदेव” का जाप कर रहे थे। जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अन्य परिवार के सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
साधना का अंधविश्वास
पुलिस ने बताया कि गोंड परिवार ने उज्जैन के एक बाबा की तस्वीर के सामने साधना करने का निर्णय लिया था। परिवार के सदस्यों का व्यवहार मानसिक स्थिति से अजीब था। पुलिस अधीक्षक मनिष कुंवर ने कहा कि FSL (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम ने घटना स्थल से कुछ नमूने लिए हैं। मौत का कारण केवल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और FSL रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट होगा।
इस घटना ने न केवल उस परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि समाज के लिए भी यह एक चेतावनी है कि कैसे अंधविश्वास और मूर्खता किसी के जीवन को समाप्त कर सकती है।
अंधविश्वास के दुष्परिणाम
यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि किस तरह अंधविश्वास के चलते लोग अपनी जान जोखिम में डालते हैं। साधना का यह क्रम जो कि भक्ति का एक रूप माना जाता है, कई बार खतरनाक परिणाम भी ला सकता है, जब इसे अतिवादी रूप में किया जाता है। यह सवाल उठाता है कि क्या हमारी धार्मिक प्रथाएँ हमें सच में स्वस्थ रहने में मदद करती हैं या हमें गलत दिशा में ले जा रही हैं।
भूख और प्यास को सहन करना, और आत्मा के उत्थान के लिए शारीरिक आवश्यकताओं को नजरअंदाज करना, अक्सर अत्यधिक अंधविश्वास और धार्मिक भावना का परिणाम होता है। यह परिवार भी शायद इसी अंधविश्वास का शिकार हुआ है।
समाज में अंधविश्वास की स्थिति
भारत में अंधविश्वास एक गंभीर मुद्दा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। कई लोग धार्मिक अनुष्ठानों और साधनाओं को करते समय अपने स्वास्थ्य और भलाई का ध्यान नहीं रखते। यह उदाहरण दर्शाता है कि किस प्रकार समाज में अंधविश्वास की जड़ें गहरी हैं और यह किस तरह से जानलेवा साबित हो सकती हैं।
विभिन्न राज्यों में, कई मामलों में देखा गया है कि अंधविश्वास के कारण लोग न केवल अपने जीवन को बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों का भी जोखिम में डालते हैं। इसका समाधान केवल शिक्षा और जागरूकता से ही संभव है।
नक्सलियों का मामला: एक और गंभीर मुद्दा
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद भी एक गंभीर समस्या है। हाल ही में, नंदूर-थुलथुली के जंगल में हुए एक मुठभेड़ में 38 नक्सलियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों पर 2 करोड़ 62 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में 31 नक्सलियों के शव और अत्याधुनिक हथियार बरामद किए गए हैं।
डोंटेवाड़ा के उप पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए 29 नक्सलियों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इन नक्सलियों पर डोंटेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव और बस्तर में 250 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में पुलिस और नागरिकों की जानें गई हैं।