आरटीओ का कोई नियम नहीं, यातायात की गाइडलाइन को तार तार कर रहे आरटीओ के उड़नदस्ता कर्मी

रीवा। केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश शासन के द्वारा किसी भी प्रकार के वाहन पर आरटीओ यानी रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी जिसे हम (परिवहन विभाग) भी कहते हैं को सड़क में दौड़ाने से लेकर तमाम जिम्मेदारी दे दी गई है कि वाहनों को सड़क पर दौड़ाने के साथ ही उसपर कार्यवाही और सख्ती की जवाबदेही भी आरटीओ की ही होगी परंतु आरटीओ के तहत वाहनों पर कार्यवाही के लिए कोई खासे नियम नहीं बनाए गए हैं जिसके कारण यातायात विभाग के नियमों पर ही आरटीओ कर्मचारी वाहनों की चालानी कार्यवाही करते हैं जिसमें किसी भी तरह के गलत नियम पर चलने वाले वाहनों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्यवाही की जाती है मगर रीवा में आरटीओ विभाग ने किसी भी तरह के नियम न होने के चलते अपने खुद के नियम लॉन्च किए हैं जो केवल रीवा आरटीओ विभाग के उड़नदस्ता कर्मचारियों के लिए बनाए गए हैं। जिसके तहत आरटीओ के कोई भी नियम न होने पर उड़नदस्ता कर्मी ऑनलाइन चालान काटने के बजाय चंदा पर्ची से निजी राजस्व बढ़ा रहे हैं।

दरअसल आरटीओ विभाग का उड़नदस्ता वाहन राष्ट्रीय राजमार्ग में दौड़ते हुए जहां पर मन करे वहीं पर खड़ा होकर मार्ग से गुजरने वाली वाहनों की चेकिंग करता है और अपने खुद के बनाए नियम के अनुसार वाहनों में किसी भी प्रकार की कमी न होने पर भी विभाग के लिए चंदे की मांग करता है जिसके लिए वाहन में बैठे कर्मचारियों के द्वारा बकायदे चंदे की पर्ची भी काटी जाती है।
जानकारी के मुताबिक आरटीओ के उड़नदस्ता वाहन के द्वारा किसी भी वाहन की चेकिंग न की जाए इसके लिए वाहन के मालिक यानी उड़नदस्ता के हेड की कुर्सी के लिए नियुक्त साहब द्वारा प्रति वाहन 3500 रूपये का चंदा चार्ज किया जाता है जिसमें उस राशि को अदा करने वाले वाहन को पूरा महीना जिले के अंदर किसी भी स्थिति में घूमने की छूट रहती है।
बताया जा रहा है कि जिस उड़नदस्ता वाहन के लिए आरटीओ विभाग ने अपने अलग नियम लागू किए हैं उसमें अलग से एक और नियम भी बना हुआ है कि उस वाहन में आपको सरकार के वर्दी धारी कर्मचारी बैठे हुए नहीं मिलेंगे बल्कि उसमें प्रायवेट कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है जिससे अगर कोई वाहन मालिक चंदे की राशि अदा करने में न नुकूर करे तो उसे खल्लास कर दिया जाए मतलब दादागिरी के जरिए उससे राशि वसूली जाए।

आपको बता दें दैनिक मीडिया ऑडीटर के पास हाल ही आरटीओ के उड़नदस्ता वाहन में चंदे की राशि जमा करने की खातिर वाहन मालिक से की जा रही है बातचीत का एक ऑडियो भी आया है जिसमें वाहन मालिक को 2 वाहन चलाने के लिए 7000 रूपये जमा करने के लिए कहा जा रहा है। जिसके बाद दैनिक मीडिया ऑडीटर की टीम ने सत्यता को तलाशने का प्रयास भी किया तो पता चला कि यह सत्य है तथा जिले के प्रत्येक वाहन मालिकों के द्वारा इस राशि को जमा कराया जाता है।