हनुक्का के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू को दी शुभकामनाएं, इस पर्व के बारे में जानें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू को हैनुका की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर कहा, “प्रधानमंत्री नेतन्याहू और दुनिया भर में हैनुका मना रहे सभी लोगों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हैनुका की ज्योति हर किसी के जीवन को आशा, शांति और शक्ति से प्रकाशित करे।”
हैनुका एक यहूदी त्योहार है, जिसे ‘दीवाली’ के समान एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष रूप से यहूदियों के बीच एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। इस लेख में हम हैनुका के इतिहास, इसकी परंपराओं, और इसके महत्व पर चर्चा करेंगे।
हैनुका का इतिहास और महत्व
हैनुका यहूदी धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे ‘फेस्टिवल ऑफ लाइट्स’ भी कहा जाता है। यह त्योहार यहूदियों की ऐतिहासिक विजय और दूसरे येरूशलम मंदिर के पुनर्निर्माण की याद में मनाया जाता है। यह घटना 165 ईसा पूर्व की है, जब यहूदियों ने शमौन हस्मोनियन और उनकी सेना के नेतृत्व में एक महान विजय प्राप्त की थी।
हैनुका के त्योहार की शुरुआत उस समय से जुड़ी है जब मकराबी विद्रोहियों ने सेंट्रल एसिया से आए ग्रीको-सीरियाई शासकों से अपनी भूमि और धार्मिक स्वतंत्रता को पुनः प्राप्त किया था। विजय के बाद, यहूदियों ने येरूशलम स्थित दूसरे मंदिर को फिर से स्थापित किया और वहां एक छोटा सा तेल का दीपक जलाया। चमत्कारी रूप से यह दीपक आठ दिनों तक जलता रहा, जबकि उनके पास तेल की मात्रा बहुत कम थी। इस चमत्कार को याद करते हुए, हैनुका का पर्व 8 दिनों तक मनाया जाता है और हर दिन एक नया दीपक जलाया जाता है।
हैनुका का उत्सव
हैनुका का त्योहार हर साल यहूदी कैलेंडर के किसे समय पर मनाया जाता है। यह 25 किलेव महीने से शुरू होता है और 8 दिनों तक चलता है। प्रत्येक दिन एक नया दीपक जलाया जाता है, और अंत में 8वें दिन तक आठ दीपक जलाए जाते हैं। इस दौरान घरों, सड़कों और मंदिरों में दीपक और मोमबत्तियां जलती हैं, जिससे शहर पूरी तरह से रोशन हो जाता है।
यहूदी समुदाय के लोग हैनुका के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और गतिविधियां करते हैं। खासकर, यह 8 दिन परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाए जाते हैं। यह त्योहार खुशी, आशा और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।
हैनुका और भारतीय त्योहारों का समानता
यहूदी समुदाय का हैनुका भारत के दिवाली त्योहार से काफी मेल खाता है। दोनों त्योहारों में दीपों की महिमा है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक हैं। दिवाली, जैसे भारत में मनाई जाती है, वैसे ही हैनुका के दौरान भी घरों और सड़कों को रोशन किया जाता है। जबकि दिवाली भारत में रौशनी और अच्छाई की विजय का प्रतीक है, हैनुका यहूदी इतिहास की धार्मिक विजय और चमत्कारी रोशनी के सम्मान में मनाया जाता है।
भारत में दिवाली का महत्व हर हिंदू परिवार में बहुत अधिक होता है, और यहूदी समुदाय भी हैनुका के दौरान अपने त्योहारों को इस प्रकार से मनाते हैं कि पूरे परिवार और समुदाय में खुशी और उल्लास का वातावरण बना रहे। हालांकि, इन दोनों त्योहारों के पीछे की धार्मिक कथाएं अलग हैं, लेकिन दोनों में समानता यह है कि इन दोनों त्योहारों में अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का महत्व है।
हैनुका की विशेष परंपराएं
हैनुका के दौरान यहूदी परिवार कुछ विशेष परंपराओं का पालन करते हैं। उनमें से प्रमुख परंपराएं हैं:
- मेनेरा (Menorah): हैनुका के दौरान एक विशेष दीपक या मोमबत्ती धारक का उपयोग किया जाता है जिसे मेनेरा कहते हैं। इसमें कुल नौ दीपक होते हैं, आठ दीपक हर दिन जलाने के लिए होते हैं और एक दीपक शमशा (Shamash) होता है, जिसे अन्य दीपक जलाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- ड्रेडल खेल (Dreidel Game): हैनुका के दौरान यहूदी बच्चे ड्रेडल नामक एक छोटे घुमने वाले खिलौने से खेलते हैं, जिस पर चार हिब्रू अक्षर होते हैं। यह खेल पारंपरिक रूप से हैनुका के दौरान खेला जाता है और इसे एक मजेदार गतिविधि माना जाता है।
- मिठाइयाँ और पकवान: हैनुका के दौरान यहूदी परिवार पारंपरिक मिठाइयाँ और पकवान बनाते हैं, जैसे कि “लाटकेस” (आलू के पकोड़े) और “सूफगनियोट” (जेली डोनट्स)। इन खाद्य पदार्थों को तलने के लिए तेल का उपयोग किया जाता है, जो तेल के चमत्कारी जलने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैनुका के अवसर पर अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू को शुभकामनाएं दीं और उनके साथ यहूदी समुदाय के सभी लोगों को भी इस पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा, “हैनुका की ज्योति सभी के जीवन को आशा, शांति और शक्ति से प्रकाशित करे।” प्रधानमंत्री मोदी के यह शब्द भारत और इस्राइल के बीच गहरे संबंधों को दर्शाते हैं। यह शुभकामनाएं यहूदी समुदाय के प्रति भारत की मित्रता और समर्थन का प्रतीक हैं।
हैनुका यहूदी धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो धार्मिक विजय, चमत्कारी प्रकाश और परिवार के मिलन का प्रतीक है। यह त्योहार भारत के दिवाली जैसे रोशनी के उत्सवों से मेल खाता है, जिससे यह समझा जा सकता है कि विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में समानताओं के बावजूद हर धर्म का अपना महत्व और विशेषता होती है। प्रधानमंत्री मोदी का इस पर्व पर बेंजामिन नेतन्याहू को दी गई शुभकामनाएं, दोनों देशों के बीच एकजुटता और मित्रता को और भी मजबूत करती हैं।