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पाकिस्तानी नागरिकों की आपत्ति: क्या आम लोगों को आतंकवाद के कारण सजा मिलनी चाहिए?

पहल्गाम, जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने अटारी बॉर्डर को बंद करने का आदेश दिया है। इसके बाद, कई पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया। अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान लौटते हुए कई नागरिकों ने अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि कुछ लोगों के कृत्यों की वजह से निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। इस आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से अपने देश लौटने का आदेश मिला और कई लोग भारत से पाकिस्तान की ओर लौट रहे हैं।

केंद्र सरकार की कड़ी कार्रवाई और पाकिस्तान पर हमला

बुधवार को केंद्र सरकार ने अटारी ICP को बंद करने का ऐलान किया और भारत तथा पाकिस्तान के उच्चायोगों की क्षमता को घटाकर 30-30 अधिकारियों तक सीमित कर दिया। इसके अलावा, SAARC वीजा मुक्त योजना (SVES) को भी निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान पर कड़ा हमला करते हुए सभी वीजा को रद्द करने का निर्देश दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्य सरकारों से बात कर निर्देश दिया कि पाकिस्तान से आए नागरिकों को जल्द से जल्द अपने-अपने राज्यों से बाहर निकाला जाए। यह कदम पहल्गाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद उठाया गया है।

नागरिकों की निराशा और सरकार से अपील

अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान लौटने वाली अफशीन नामक महिला ने कहा, ‘हमें 48 घंटे में जाने का आदेश दिया गया है। यह कैसे मुमकिन है? अटारी जोधपुर से 900 किमी दूर है। हमें बसें नहीं मिल रही थीं और मेरे पति को टिकट के लिए 1 लाख रुपये का नुकसान हुआ। मुझे आज किसी भी हालत में अपने पति और बच्चों के पास पहुंचना है। मेरा पासपोर्ट भारतीय है, लेकिन मैं आधी पाकिस्तानी हूं। मेरा मायका भारत में है और ससुराल पाकिस्तान में है। आतंकी हमले में आम लोगों का क्या दोष है? मुझे नहीं पता कि यह लोग इस्लाम के नाम पर कर रहे थे या नहीं, वे मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं। अल्लाह उन्हें उनके कर्मों की सजा देगा। दोनों सरकारों से मेरी अपील है कि आम लोगों को परेशान न करें।’

आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी नागरिकों की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान से अटारी बॉर्डर लौट रहे हनीर नामक एक पाकिस्तानी नागरिक ने कहा, ‘मैं फैसलाबाद (पाकिस्तान) से हूं। स्थिति सामान्य है। यहां कोई समस्या नहीं है, न वहां कोई समस्या थी। हमें बताया गया था कि हमें यहां से वापस जाना है, तो हम लौट रहे हैं।’ वहीं, उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने कहा, ‘मैं भोवनपुर से हूं और अपनी बहन को अटारी बॉर्डर पर छोड़ने आया था। बहन पाकिस्तान से है और हमले का मैं भी विरोध करता हूं, चाहे जिसने भी किया हो। मेरी बहन 15 दिन के लिए भारत आई थी, लेकिन उसे अचानक 40 दिन का वीजा था, जिसे खत्म कर तुरंत वापस जाना पड़ा। इसके लिए हमें कार किराए पर लेनी पड़ी और अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ा। शांति होनी चाहिए।’

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