Naxal encounter in Telangana: सात में से छह नक्सलियों का संबंध बस्तर के बीजापुर से, आईजी ने दी सख्त चेतावनी

Naxal encounter in Telangana: तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर एक बड़े नक्सल-मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए हैं। इस मुठभेड़ में मारे गए सात नक्सलियों में से छह का संबंध बीजापुर जिले से बताया जा रहा है। बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर हुई इस मुठभेड़ में नक्सलियों के महत्वपूर्ण कैडर मारे गए हैं। इस घटना के बाद, बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों को कड़ी चेतावनी दी है और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि अगर नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो आने वाले दिनों में इस ऑपरेशन को और भी बड़ा किया जाएगा।
मुठभेड़ का विवरण
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह मुठभेड़ तेलंगाना राज्य की सीमा पर बीजापुर जिले से सटे एक गांव में हुई। मुठभेड़ में सात नक्सलियों की मौत हुई, जिनमें से छह का संबंध बीजापुर से था। बताया जा रहा है कि ये नक्सली तेलंगाना राज्य के नक्सल कमेटी से जुड़े हुए थे और वहां सक्रिय थे।
आईजी ने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन को सफल बनाने में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा सरकारों के सुरक्षा बलों का समन्वय बड़ा कारगर साबित हुआ। इन सुरक्षा बलों की लगातार दबाव डालने की रणनीति के कारण नक्सली संगठनों के बड़े कैडर को समाप्त करने में सफलता मिली है। इस ऑपरेशन का प्रमुख उद्देश्य नक्सलियों के hideouts (गुप्त ठिकानों) को खत्म करना था, जो सीमा क्षेत्रों में बने हुए थे।
नक्सलियों पर लगातार दबाव
आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि बस्तर और अन्य सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे नक्सली संगठनों की हालत और कमजोर हो रही है। बस्तर में तैनात सुरक्षाबलों के साथ-साथ तेलंगाना, ओडिशा और महाराष्ट्र के सुरक्षा बल भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं।
ग्रेस-हाउंड बल, जो कि तेलंगाना के विशेष सुरक्षाबल हैं, ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके द्वारा किए गए ऑपरेशन में नक्सलियों के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे इनका नेटवर्क कमजोर पड़ा है। सुरक्षाबलों के इस त्वरित और प्रभावी ऑपरेशन ने नक्सलियों को बड़ा झटका दिया है।
बस्तर रेंज के आईजी की चेतावनी
आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों को एक अंतिम चेतावनी दी है और कहा कि आत्मसमर्पण के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अगर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया, तो उनके खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया जाएगा, जो आने वाले दिनों में और भी सख्त हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो नक्सली अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करते हैं, उन्हें कानून के अनुसार सुरक्षा मिलेगी और वे अपने जीवन को नया मोड़ दे सकते हैं। लेकिन जो नक्सली भागने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा।
आईजी ने कहा, “यह उनके लिए आखिरी चेतावनी है। आत्मसमर्पण कर दें या फिर और बड़े ऑपरेशन का सामना करने के लिए तैयार रहें। हम नक्सलियों के नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”
नक्सलवाद से निपटने के लिए राज्य और केंद्र की साझा रणनीति
इस मुठभेड़ से यह भी साफ हो गया है कि नक्सलवाद के खिलाफ राज्य और केंद्र की सरकारें एकजुट होकर काम कर रही हैं। सुरक्षाबलों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग की वजह से नक्सलियों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाइयां सफल हो रही हैं। छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा और महाराष्ट्र की सरकारों ने एक साझा रणनीति बनाई है, जिसके तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
इस रणनीति का उद्देश्य नक्सलियों के अस्तित्व को खत्म करना है, ताकि इन क्षेत्रों में शांति और विकास की प्रक्रिया शुरू हो सके। यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इन ऑपरेशनों के परिणामस्वरूप नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्थितियां बनेंगी।
नक्सलियों की कमजोरी और आने वाले दिन
बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर हुए इस ऑपरेशन से नक्सलियों के नेटवर्क में बड़े पैमाने पर दरारें आई हैं। लगातार सुरक्षा बलों का दबाव और मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या नक्सलियों के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है। उनका मनोबल गिर रहा है और उनकी पीढ़ी दर पीढ़ी के सदस्य अब आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार हो रहे हैं।
इस ऑपरेशन के बाद कई नक्सली संगठन संकट में हैं और उन्हें अपनी रणनीति में बदलाव करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ एक अहम कदम साबित होगी और आने वाले समय में यह संगठन पूरी तरह से समाप्त हो सकता है।
बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की सफलता यह साबित करती है कि सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी की चेतावनी के बाद, नक्सलियों के सामने अब दो रास्ते हैं – या तो वे आत्मसमर्पण करें, या फिर बड़े ऑपरेशन का सामना करें। यह समय है, जब नक्सलियों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और अगर वे अपनी गतिविधियों को जारी रखते हैं, तो उन्हें और बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।