मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान: ओंकारेश्वर को महाकाल लोक की तर्ज पर किया जाएगा विकसित

ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश) – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार (18 मार्च) को ओंकारेश्वर पहुंचकर एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले ओंकारेश्वर को महाकाल लोक की तर्ज पर भव्य रूप से विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर धार्मिक स्थलों का विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओंकारेश्वर में धार्मिक आयोजनों में भाग लिया। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर को भी ऐतिहासिक रूप से संवारा जाएगा, जिससे यह धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा।
मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार लगातार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग स्थित हैं – महाकालेश्वर (उज्जैन) और ओंकारेश्वर (खंडवा)। दोनों का विशेष धार्मिक महत्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह महाकाल लोक का भव्य रूप में विस्तार किया गया है, उसी तरह ओंकारेश्वर को भी विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “ओंकारेश्वर का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।”
मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओंकारेश्वर में मां नर्मदा का विधि-विधान से पूजन किया। उन्होंने गौमुख घाट पर आयोजित अवधूत सिद्ध महायोगी दादा गुरु महाराज की मां नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा के तीसरे चरण के समापन कार्यक्रम में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गौमुख घाट पर मां नर्मदा की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मां नर्मदा प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का संचार करें, यही मेरी प्रार्थना है।”
उन्होंने आगे कहा, “पूज्य दादा गुरु महाराज के नेतृत्व में नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा के दौरान लिए गए संकल्प और प्रण को पूरा करने में हम सभी सहभागी हैं। मां नर्मदा की अविरल धारा और स्वच्छता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।”
सिंहस्थ 2028 के लिए भव्य तैयारियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए ओंकारेश्वर को धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में भव्य रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ओंकारेश्वर को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ 2028 के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस दौरान ओंकारेश्वर में यात्रियों के लिए नए मार्ग, धर्मशालाएं, पार्किंग, पेयजल और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं का आकर्षण
ओंकारेश्वर मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यंत विशेष है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ओंकारेश्वर को महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित करने से यहां धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों और लोगों को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास है कि ओंकारेश्वर का धार्मिक और ऐतिहासिक स्वरूप और अधिक भव्य बने, जिससे श्रद्धालु यहां आकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकें।”
राज्य में सुख-समृद्धि की कामना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मां नर्मदा से प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा के आशीर्वाद से मध्य प्रदेश में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे।
उन्होंने कहा, “मां नर्मदा की कृपा से प्रदेश के सभी नागरिकों का जीवन सुखमय हो, यही मेरी प्रार्थना है।”
ओंकारेश्वर को मिलेगा नया स्वरूप
मुख्यमंत्री के इस बड़े ऐलान के बाद अब ओंकारेश्वर को नया स्वरूप मिलने वाला है। आने वाले वर्षों में इसे महाकाल लोक की तरह भव्य बनाया जाएगा, जिससे मध्य प्रदेश का धार्मिक पर्यटन और अधिक समृद्ध होगा। सिंहस्थ 2028 में यहां श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे ओंकारेश्वर धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा।