Madhya Pradesh: क्या पाकिस्तान ने कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन को एकजुट किया? सीएम मोहन यादव ने उठाए तीखे सवाल
Madhya Pradesh: जम्मू-कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के एक बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। दरअसल, पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने धारा 370 और 35A के मुद्दे पर कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन का समर्थन किया है। इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तो यह सवाल उठाया है कि क्या पाकिस्तान ने कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन के बीच यह गठबंधन बनाया है। आइए जानते हैं कि इस मामले में सीएम मोहन यादव ने और क्या कहा है।
क्या कांग्रेस पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है? – मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पाक रक्षा मंत्री के बयान पर तेज प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष को इस मामले में अपने पार्टी के रुख पर स्पष्टता देनी चाहिए। मोहन यादव ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस वास्तव में पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।
क्या पाकिस्तान ने यह गठबंधन बनाया? – मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ खुलेआम कह रहे हैं कि जम्मू और कश्मीर से धारा 370 और 35A के हटने के मुद्दे पर पाकिस्तान, कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन का एक समान रुख है। तो क्या पाकिस्तान ने यह गठबंधन बनाया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। मोहन यादव ने इसे बेहद निंदनीय बताया और कहा कि अगर कांग्रेस पाकिस्तान के एजेंडे को लागू कर रही है, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए – सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्वक हुए हैं, लेकिन आज भी यह मुद्दा सामने आ रहा है। भाजपा हमेशा से यह बात कहती आई है कि धारा 370 एक कलंक है। मोहन यादव ने कहा कि आज कश्मीर पीएम मोदी के नेतृत्व में सामान्य राज्यों की श्रेणी में आ गया है, जबकि कांग्रेस केवल चुनावी राजनीति के लिए देश के दुश्मनों के साथ हाथ मिलाने की कोशिश कर रही है। यह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस पूरे प्रकरण के लिए माफी मांगनी चाहिए और पाकिस्तान को कड़े शब्दों में जवाब देना चाहिए।
चुनावी राजनीति का असर
यह पहली बार नहीं है जब जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी हुई है। धारा 370 के निरस्त होने के बाद से राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है। भाजपा ने हमेशा से यह दावा किया है कि इस धारा को समाप्त करने से कश्मीर में स्थायी शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। वहीं, कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन जैसे विपक्षी दल इस मुद्दे पर पुनर्विचार की बात कर रहे हैं।
पाकिस्तान की भूमिका
पाकिस्तान हमेशा से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाता रहा है। ऐसे में जब पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन के रुख को समर्थन दिया, तो यह सवाल उठता है कि क्या यह भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का एक प्रयास है। सीएम मोहन यादव ने इस बात को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और इसे एक बड़ा राजनीतिक प्रश्न बताया है।
राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा
सीएम मोहन यादव का यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर विपक्षी दल किसी भी प्रकार से देश के दुश्मनों के साथ मिलकर काम करते हैं, तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा होगा। उनका कहना है कि चुनावी लाभ के लिए देश के सुरक्षा हितों से समझौता नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस का संभावित जवाब
कांग्रेस पार्टी इस पर कैसे प्रतिक्रिया देती है, यह देखना दिलचस्प होगा। पार्टी के नेता अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि पार्टी को अपने रुख को स्पष्ट करने की आवश्यकता है। यदि कांग्रेस ने पाकिस्तान के समर्थन को नकारा नहीं किया, तो यह उसकी राजनीति को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।