मध्यप्रदेश: ‘कांग्रेस मोहन यादव सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी’, जीते पटवारी का किसानों के मुद्दे पर गरज

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीते पटवारी ने किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य भर के बाजारों में आंदोलन करने का ऐलान किया है। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस अब किसानों के हक के लिए सड़कों पर उतरेगी और मोहन यादव सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी। उन्होंने राज्य सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस की तरफ से सरकार को हर मोर्चे पर घेरने का फैसला लिया है।
कांग्रेस का किसानों के मुद्दों पर आंदोलन
जीते पटवारी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्यभर के बाजारों में किसानों की समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगी। उनका कहना था कि किसानों को अपनी फसलों का सही मूल्य मिलना चाहिए। पटवारी ने यह भी कहा कि कांग्रेस अपनी पूरी ताकत से किसानों के हक की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने सरकार से किसानों के लिए उचित समर्थन मूल्य की मांग की। उनका कहना था कि किसानों को सोयाबीन का 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल, धान का 3 हजार 100 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं का 2 हजार 700 रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए।
पटवारी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने हमेशा किसानों के हक की अनदेखी की है। कांग्रेस पार्टी किसानों को उनके हक दिलाने के लिए सड़कों पर उतरेगी और सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी।
मोहन यादव सरकार पर हमला
जीते पटवारी ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि मोहन यादव सरकार किसान विरोधी है और कांग्रेस इस सरकार को राज्य में कभी भी आराम से बैठने नहीं देगी। पटवारी का कहना था कि यह आंदोलन सिर्फ मध्यप्रदेश के किसानों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों के हक के लिए है। उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस पार्टी किसानों की आवाज को बुलंद करेगी और उन्हें उनके अधिकार दिलवाएगी।
पटवारी ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों को कभी भी उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं दिया और अब कांग्रेस इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आंदोलन राज्यभर में होगा और इसमें पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
किसानों की आत्महत्या पर सवाल उठाए
जीते पटवारी ने हारदा, गुना और ग्वालियर जिलों में किसानों द्वारा की गई आत्महत्या के मामलों का जिक्र करते हुए राज्य सरकार से सवाल किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पटवारी ने यह आरोप लगाया कि राज्य में माफिया तंत्र का बोलबाला है और सरकार किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उनका कहना था कि जब किसानों की हालत इतनी गंभीर हो, तो सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन सरकार की नीतियां पूरी तरह से विफल हो गई हैं।
पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री केवल बेतुकी बातें कर रहे हैं और किसानों की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि किसानों को उनके हक का मूल्य नहीं मिल रहा और यह राज्य सरकार की नाकामी का प्रमाण है।
किसानों के लिए कांग्रेस की योजनाएं
कांग्रेस पार्टी की ओर से जीते पटवारी ने किसानों के लिए कई अहम योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए सही मूल्य और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य मिले और उन्हें कोई भी आर्थिक नुकसान न हो। साथ ही, कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार को यह एहसास दिलाएगी कि किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं और उनके बिना देश का विकास संभव नहीं है।
पटवारी ने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी किसानों के हक की लड़ाई सड़क से लेकर विधानसभा तक लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के मुद्दों को संसद और विधानसभा में जोर-शोर से उठाएगी और किसानों के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
कांग्रेस का सख्त रुख
जीते पटवारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस पार्टी अब किसानों के लिए कोई समझौता नहीं करेगी। कांग्रेस का यह आंदोलन किसानों के हक को दिलवाने तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन न केवल राज्य स्तर पर बल्कि देशभर में किसानों के अधिकारों के लिए लड़ा जाएगा। पटवारी ने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी अपने आंदोलन को एक रणनीति के तहत चलाएगी ताकि सरकार को किसानों के मुद्दों पर सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा सके।
कांग्रेस के आंदोलन से सरकार को चेतावनी
जीते पटवारी का कहना था कि कांग्रेस का यह आंदोलन मध्यप्रदेश सरकार के लिए एक चेतावनी है। अगर सरकार ने किसानों के मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाया तो कांग्रेस अपने आंदोलन को और तेज करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का यह आंदोलन सिर्फ किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह राज्य सरकार के भ्रष्टाचार और उसकी विफलताओं के खिलाफ भी है।
जीते पटवारी ने राज्य सरकार को खुली चुनौती दी है कि वह किसानों के मुद्दों पर सख्त कदम उठाए और उन्हें उनका हक दे। कांग्रेस पार्टी अब सड़कों पर उतरकर किसानों के हक के लिए संघर्ष करेगी और राज्य सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी। किसानों की समस्याओं पर कांग्रेस का यह आंदोलन एक बड़ा सवाल खड़ा करता है और सरकार को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। कांग्रेस का यह आंदोलन न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के किसानों के हक के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।