Madhya Pradesh कांग्रेस नेता उमंग सिंघार का बड़ा आरोप, ‘BJP ने 50 करोड़ और मंत्री पद का प्रस्ताव दिया’

Madhya Pradesh की राजनीति में एक नया मोड़ आया है जब विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें 50 करोड़ रुपये और मंत्री पद का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और दोनों प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
क्या कहा था उमंग सिंघार ने?
ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान उमंग सिंघार ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, ‘मुझे बीजेपी की ओर से 50 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर मिला था, लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया क्योंकि जब जनता हमें चुनकर भेजती है, तो हमारी जिम्मेदारी होती है। हमें उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होता है और उनके विश्वास को बनाए रखना होता है।’
सिंहार ने कहा, ‘रामनिवास रावत जैसे नेता जिन्होंने जनता के विश्वास को बेचा और बीजेपी में शामिल हो गए, वह इस चुनाव में हारेंगे और विजयपुर से उन्हें घर वापस भेजा जाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे विधायक जो पार्टी बदलते हैं, अंत में उन्हें जनता घर बैठा देती है और वह फिर कभी किसी पार्टी का हिस्सा नहीं बन पाते।
बीजेपी का जवाब – ‘सिंहार की बयानबाजी केवल सुर्खियां बटोरने के लिए’
बीजेपी ने उमंग सिंघार के इस बयान का कड़ा विरोध किया है। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने सिंहार के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘उमंग सिंघार ऐसी बयानबाजी करते रहते हैं ताकि वह सुर्खियों में बने रहें। अगर बीजेपी ने उन्हें कोई प्रस्ताव दिया था तो उन्हें यह नाम सार्वजनिक करना चाहिए।’ तोमर ने यह भी कहा, ‘सिंहार पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। अब जब बीजेपी से ऐसा कोई प्रस्ताव मिलने का दावा कर रहे हैं, तो उन्हें इसका सबूत देना चाहिए।’
उन्होंने यह भी कहा, ‘सिंहार को ज़मीन पर उतरकर बात करनी चाहिए, ना कि ऐसी बयानबाजी करके सिर्फ सुर्खियां बटोरने की कोशिश करनी चाहिए।’
सिंहार का आरोप, बीजेपी पर असलियत छुपाने का आरोप
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने हमेशा सत्ता के लिए खरीद-फरोख्त की राजनीति की है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी को यह नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता हासिल करने के लिए वह किस हद तक जा सकती है। उनके नेताओं ने कांग्रेस के कई विधायकों को लालच देकर पार्टी में शामिल किया है।’ सिंहार का कहना था कि इस बार विजयपुर उपचुनाव में जनता बीजेपी को पूरी तरह नकारेगी और रामनिवास रावत को उनके किए का फल मिलेगा।
बीजेपी ने किया पलटवार – ‘सिंहार की बातों में सच्चाई नहीं’
बीजेपी ने कांग्रेस नेता उमंग सिंघार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि सिंहार के बयानों में कोई ठोस तथ्य नहीं हैं और वह सिर्फ राजनीतिक बिंदुओं को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सिंहार को अपने आरोपों का प्रमाण देना चाहिए और न सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए बयानबाजी करनी चाहिए।’
बीजेपी ने यह भी कहा कि यदि वास्तव में उन्हें कोई प्रस्ताव मिला था, तो वह नाम और साक्ष्य क्यों नहीं सार्वजनिक कर रहे हैं? बीजेपी का कहना है कि बिना किसी ठोस आधार के यह सिर्फ बेतुकी बातें हैं।
उपचुनाव में राजनीति का रंग बदलने की कोशिश
विजयपुर उपचुनाव की चर्चा को लेकर दोनों पक्षों के बीच आरोपों का सिलसिला तेज हो गया है। यह उपचुनाव मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें दोनों प्रमुख पार्टियां अपनी-अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रही हैं। कांग्रेस जहां अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी भी इस चुनाव को अपनी राजनीतिक रणनीति को लागू करने का एक मौका मान रही है।
उमंग सिंघार का यह बयान निश्चित रूप से विजयपुर उपचुनाव को लेकर सियासी तापमान को और बढ़ा सकता है। सिंहार के इस आरोप को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच विवाद और गहरा सकता है। साथ ही, यह बयान मध्य प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण भी पैदा कर सकता है।
मध्य प्रदेश के विपक्षी नेता उमंग सिंघार का बीजेपी द्वारा 50 करोड़ और मंत्री पद का प्रस्ताव देने का दावा अब राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर चुका है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल इस मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ कड़ी बयानबाजी कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि क्या उमंग सिंघार अपने आरोपों का कोई ठोस प्रमाण पेश करते हैं या यह मामला यहीं खत्म हो जाएगा। विजयपुर उपचुनाव में इस बयानबाजी का क्या असर पड़ेगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।