मध्य प्रदेश

हाई कोर्ट का सख्त रुख, Dewas-Howa Bypass की मरम्मत के लिए NHAI को चार हफ्ते का समय

भोपाल, मध्य प्रदेश: बुधवार को हाई कोर्ट ने देवास-हाउ बाईपास की खराब स्थिति को लेकर दायर याचिका पर सख्त रुख अपनाया। मुख्य न्यायधीश सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उन्होंने खुद इस सड़क से यात्रा की है और उसकी हालत बहुत खराब है। अदालत ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को चार हफ्ते के भीतर सड़क की मरम्मत करने का आदेश दिया है।

यह याचिका इंदौर निवासी अनिश पटेल द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि देवास-हाउ बाईपास के कई हिस्सों में गहरे गड्ढे हैं, जिसके कारण प्रतिदिन दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। इस पर NHAI के वकील ने अदालत को बताया कि बारिश के कारण सड़क का काम शुरू नहीं हो सका था और अब वे सड़क की मरम्मत के लिए पैचवर्क करेंगे। हालांकि, अदालत ने NHAI के इस तर्क को खारिज कर दिया और चार हफ्ते के भीतर मरम्मत पूरा करने का निर्देश दिया।

NHAI के वकील का तर्क और कोर्ट की प्रतिक्रिया

NHAI के वकील ने अदालत में यह कहा कि बारिश के चलते मरम्मत का काम शुरू नहीं हो पाया, लेकिन अब पैचवर्क के माध्यम से सड़क की मरम्मत की जाएगी। इस पर अदालत ने सवाल उठाया कि बारिश खत्म हुए काफी समय हो चुका है, तो फिर मरम्मत में देरी क्यों की जा रही है? अदालत ने NHAI के तीन महीने की मांग को खारिज करते हुए केवल चार हफ्ते में काम पूरा करने का आदेश दिया।

मुख्य न्यायधीश ने यह भी कहा कि अगर मरम्मत में और समय लिया गया, तो जनता को इससे और भी परेशानी होगी। उन्होंने NHAI को यह निर्देश दिया कि वे मरम्मत के काम की प्रगति की जानकारी अदालत को चार हफ्ते में दें। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई एक महीने बाद तय की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाईपास की हालत में सुधार हुआ है या नहीं।

हाई कोर्ट का सख्त रुख, Dewas-Howa Bypass की मरम्मत के लिए NHAI को चार हफ्ते का समय

याचिकाकर्ता की शिकायत और कोर्ट की सख्ती

याचिकाकर्ता अनिश पटेल ने अदालत को बताया कि देवास-हाउ बाईपास की लंबाई करीब 42 से 45 किलोमीटर है, और इस पर प्रतिदिन हजारों वाहन चलते हैं। सड़क की हालत इतनी खराब हो गई है कि इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि इस सड़क पर बहुत बड़ी मात्रा में टोल वसूला जा रहा है, जबकि सड़क की हालत सुधारी नहीं जा रही है।

कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि बाईपास की मरम्मत जल्द से जल्द होनी चाहिए ताकि आम जनता को राहत मिल सके। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि NHAI को सड़क की मरम्मत का कार्य पूरा करने के बाद उसकी प्रगति की जानकारी प्रदान करनी होगी।

देवास-हाउ बाईपास की हालत और आम लोगों की परेशानियां

देवास-हाउ बाईपास सड़क की स्थिति पिछले कुछ महीनों में और खराब हो गई है। सड़क के कई हिस्सों में गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे वाहन चलाने वालों को काफी कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, सड़क पर चलने वाले भारी वाहन भी सड़क को और नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे न केवल वाहनों के चालकों को परेशानी हो रही है, बल्कि यहां से गुजरने वाले यात्रियों के लिए भी यह एक बड़ा खतरा बन गया है।

बाईपास सड़क की मरम्मत में देरी के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद, टोल वसूली जारी है, जबकि सड़क की स्थिति सुधारी नहीं जा रही है। अदालत के इस फैसले के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि सड़क की मरम्मत जल्दी होगी और आम जनता को राहत मिलेगी।

हाई कोर्ट का यह आदेश NHAI के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि सड़क की मरम्मत में देरी नहीं की जानी चाहिए। जनता की सुरक्षा सबसे पहले होनी चाहिए और इस प्रकार की लापरवाही से न केवल प्रशासन की छवि पर असर पड़ता है, बल्कि नागरिकों की जान भी जोखिम में पड़ती है। उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट के सख्त आदेश के बाद जल्द ही देवास-हाउ बाईपास की स्थिति सुधरेगी और जनता को राहत मिलेगी।

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