Chhattisgarh: बस्तर के SP ने दीवाली की रात शहीद के घर पहुंचकर दी शुभकामनाएँ, कहा- ‘लिडान सर्वोपरि है’

भारत में दीवाली का त्यौहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन खुशी, उल्लास और रोशनी का प्रतीक है। लेकिन इस वर्ष बस्तर जिले के एक शहीद के घर पर दीवाली का जश्न कुछ अलग था। यहां बस्तर के एसपी शालभ सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग और सिटी पुलिस अधीक्षक आकाश श्रीमल ने रात को अचानक शहीद के परिवार से मिलने का निर्णय लिया और उनके साथ दीवाली मनाई।
शहीद के परिवार से मिलने का निर्णय
बस्तर में, जहां सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं, वहीं यह भी देखने को मिला कि हमारे सुरक्षाकर्मी अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित कर देते हैं। इस मौके पर बस्तर के एसपी शालभ सिन्हा ने शहीद के परिवार के सदस्यों से मिलने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, “आज का दिन हमारे लिए खास है, लेकिन यह विशेष रूप से उन परिवारों के लिए है जिन्होंने अपने बेटे को खोया है।”
इस खास मौके पर एसपी ने शहीद के परिवार को शुभकामनाएं दीं और उन्हें यह अहसास दिलाया कि उनकी बलिदान की कद्र की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि “लिडान सर्वोपरि है,” यह शब्द हमारे वीर जवानों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है।
दीवाली की रात का महत्व
दीवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रतीक है। लेकिन जब हमारे जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा कर रहे हैं, तो उनके परिवार के लिए यह दिन किसी तरह की खुशी लाने के बजाय शोक का कारण बन जाता है।
एसपी शालभ सिन्हा का यह कदम एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि हमें अपने वीर जवानों के परिवारों का समर्थन करना चाहिए और उनकी भावना का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने शहीद के परिवार के साथ दीवाली मनाकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे एक समुदाय एकजुट होकर अपने सशस्त्र बलों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकता है।
शहीद के परिवार के साथ बिताया समय
बस्तर एसपी ने शहीद के परिवार के सदस्यों से बात की, उनके दुख को समझा और उन्हें सांत्वना दी। यह सिर्फ एक शोकाकुल परिवार के साथ संवाद नहीं था, बल्कि यह एक संवाद था जिसमें सुरक्षा बलों की सेवा और बलिदान की गहराई का अनुभव किया गया।
बस्तर एसपी ने कहा, “हम सब एक परिवार की तरह हैं। हम सभी को मिलकर इस देश को सुरक्षित बनाना है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन परिवारों के साथ खड़े रहें जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।”
समाज में संवेदनशीलता की आवश्यकता
बस्तर के एसपी का यह कदम समाज में संवेदनशीलता की आवश्यकता को उजागर करता है। हमें अपने जवानों के प्रति न केवल कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए, बल्कि उनके परिवारों के प्रति भी समर्थन और सम्मान दिखाना चाहिए। यह घटना एक प्रेरणा बनती है कि कैसे समाज के हर व्यक्ति को अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए।
शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि
भारत के जवानों ने अपने बलिदान से हमें सुरक्षा और स्वतंत्रता दी है। दीवाली की रात जैसे त्योहारों पर हमें उनके योगदान को याद करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। इस प्रकार के उदाहरण हमें याद दिलाते हैं कि हमारे देश की सुरक्षा के लिए किए गए बलिदान की कोई कीमत नहीं होती है।
बस्तर SP शालभ सिन्हा का यह कदम निश्चित रूप से सभी के लिए एक मिसाल पेश करता है। हमें अपने जवानों की हिम्मत और उनके परिवारों की भावना का सम्मान करना चाहिए। यह केवल शहीदों के प्रति सम्मान नहीं है, बल्कि यह उस सेवा का सम्मान भी है जो हमारे सुरक्षा बल देश की रक्षा के लिए करते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शहीदों के परिवार कभी भी अकेले न महसूस करें और उन्हें समाज का पूरा समर्थन मिले।
दीवाली का त्यौहार इस साल कुछ अलग अनुभव लेकर आया, जिसने हमें यह याद दिलाया कि इस खुशी के मौके पर भी हमें उन लोगों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने हमारे लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। शहीदों की यह परंपरा हमें यह सिखाती है कि उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके परिवारों को हमेशा सम्मानित किया जाएगा।