छत्तीसगढ़-2024 रणनीति: क्या नक्सलवाद 2026 तक समाप्त होगा? अमित शाह के दावों की सच्चाई क्या है?

2024 का साल छत्तीसगढ़ के लिए नक्सलवाद के खिलाफ एक आक्रामक रणनीति के साथ याद किया जाएगा। इस साल सुरक्षा बलों ने कई प्रमुख मुठभेड़ों में 219 नक्सलियों को मार गिराया, 837 नक्सलियों को गिरफ्तार किया और 802 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
अमित शाह का दावा: नक्सलवाद 2026 तक खत्म हो जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह दावा किया है कि 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। हालांकि, छत्तीसगढ़ में 2024 की शुरुआत सुरक्षा बलों के लिए एक बड़े झटके के साथ हुई। 30 जनवरी को, सुकरमा-बिजापुर सीमा पर एक नक्सली हमले में तीन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शहीद हो गए और 15 अन्य घायल हो गए। इसके बाद सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को कड़ा जवाब दिया और नक्सल प्रभावित आबुझमड़ के अंदर ऑपरेशन किए।
सुरक्षा बलों की बड़ी जीत: अक्टूबर में 31 नक्सलियों का खात्मा
4 अक्टूबर को सुरक्षा बलों को चार दशकों से चल रही नक्सलवाद विरोधी लड़ाई में सबसे बड़ी जीत मिली। सुरक्षा बलों ने दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों की सीमा पर एक मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराया। इससे पहले, 16 अप्रैल को कंकर जिले के छोटेबेठिया क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया।
इस साल कुल 219 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनमें से 217 बस्तर क्षेत्र में मारे गए। बस्तर क्षेत्र में बस्तर, दंतेवाड़ा, कंकर, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव और सुकरमा जिले शामिल हैं। इस दौरान 837 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 802 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। हालांकि इस दौरान 18 सुरक्षा बलों के जवान शहीद हुए और 65 नागरिक नक्सली हिंसा का शिकार हुए।
अमित शाह का बस्तर दौरा: 2026 तक नक्सलवाद का सफाया
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दिसंबर में बस्तर का दौरा किया और दोहराया कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा। इस दौरान राज्य सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया और दूरदराज इलाकों में विकास योजनाओं के लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए शिविर लगाए।
राजनीतिक परिस्थितियाँ: भाजपा की जीत और कांग्रेस के खिलाफ आरोप
2024 में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 11 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की। इसके साथ ही, पार्टी ने नवंबर में एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी रैलियाँ कीं।
इसके अलावा, राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए कथित घोटालों की जांच को लेकर एक FIR दर्ज की गई और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में गड़बड़ियों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
विपक्ष का आरोप: जांच एजेंसियों का दुरुपयोग और कानून-व्यवस्था में विफलता
राज्य के विपक्ष ने सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल रहने का आरोप लगाया। 10 जून को राज्य के बलौदाबाजार जिले में सतनामी समुदाय ने ‘जैत खाम’ के अपवित्र होने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बलौदाबाजार नगर में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालयों को तोड़ा और आगजनी की। इस मामले में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
अनुसंधान और विशेष मामलों की जांच: NIA और CBI की सक्रियता
2024 में राज्य में कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच को लेकर केंद्रीय एजेंसियाँ सक्रिय हुईं। जनवरी में कवीरधाम जिले में एक गौ सेवक की हत्या का मामला सामने आया, जिसके बाद इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई। अक्टूबर में सूरजपुर जिले में पुलिसकर्मी की पत्नी और 11 वर्षीय बेटी की हत्या ने सरकार की स्थिति को दांव पर लगा दिया।
धन शोधन और भ्रष्टाचार की जांच: ED, CBI की कार्रवाई
2024 में राज्य में कई हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार मामलों में जांच हुई। सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ED), राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने राज्य के अधिकारियों, व्यापारियों और कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर छापेमारी की।
अप्रैल में, ED ने पूर्व IAS अधिकारी अनिल तुतेजा को 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया। इसके अलावा, EOW ने मार्च में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज की।
नए योजनाओं की शुरुआत: कृषी उन्नति योजना और महतारी वंदन योजना
वर्ष 2024 में, राज्य सरकार ने ‘कृषि उन्नति योजना’ और ‘महतारी वंदन योजना’ की शुरुआत की। ये योजनाएँ किसानों और महिलाओं को लाभ देने के लिए शुरू की गईं।
प्राकृतिक आपदाएँ और सड़क दुर्घटनाएँ
इस वर्ष राज्य में कई बड़े सड़क हादसे भी हुए। अप्रैल में दुर्ग जिले के कुम्हारी क्षेत्र में एक बस के खाई में गिरने से 12 यात्रियों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। मई में, कबीरधाम जिले में एक पिकअप वाहन के गहरी घाटी में गिरने से 19 लोग मारे गए।
क्या 2026 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा?
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए गए कदम और सुरक्षा बलों की सफलता के बावजूद, नक्सलवाद का पूर्ण सफाया करने के लिए और भी समय और प्रयास की आवश्यकता है। हालांकि, अमित शाह का 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का दावा राज्य की आंतरिक सुरक्षा नीति पर ध्यान आकर्षित करता है, लेकिन यह देखा जाएगा कि क्या यह दावा वास्तविकता में बदलता है।